2 Lines Shayari, Two Line Short Shayari, dosti shayari ..

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उनसे बिछड़े तो मालूम हुआ मौत क्या चीज है,
ज़िन्दगी वो थी जो हम उनकी महफ़िल में गुजार आए।

इश्क करने चला है तो कुछ अदब भी सीख लेना,
ए दोस्त इसमें हँसते साथ है पर रोना अकेले ही पड़ता है।

रोज़ मिट्टी में कहां जान पड़ा करती है,
इश्क सदियों में कोई ताजमहल देता है।

चिराग कैसे अपनी मजबूरियाँ बयाँ करे,
हवा जरूरी भी और डर भी उसी से है।

बिछड़ कर फिर मिलेंगे यकीन कितना है,
बेशक खवाब ही है मगर हसीन कितना है।

तुम्हें चलना ही कितना है सनम बस मेरी..
धड़कनों से गुजरकर इस दिल में ही उतरना है।

क्या बताऊँ उनकी बातें कितनी मीठी हैं,
सामने बैठ के फीकी चाय पीते रहते हैं।

नशा इन निगाहों का अब जीने ना देगा,
लग गया जो एक बार तो कुछ और पीने ना देगा।

जिन्दगी में हर साँसे मीठी लगने लगती है,
जब तुम कहते हो, हम आपके दिल में रहते हैं।

खेलना अच्छा नहीं किसी के नाज़ुक दिल से,
दर्द जान जाओगे जब कोई खेलेगा तुम्हारे दिल से।

भीगे कागज की तरह कर दिया तूने जिंदगी को,
न लिखने के काबिल छोड़ा न जलने के।

नज़रों से ना देखो हमें तुम में हम छुप जायेंगे,
अपने दिल पर हाथ रखो तुम हम वही तुम्हें मिल जायेंगे।

बात वफ़ाओ की होती तो कभी न हारते,
बात नसीब की थी कुछ ना कर सके।

नींद सोती रहती है हमारे बिस्तर पे,
और हम टहलते रहते हैं तेरी यादों में।

बहोत-सा इश्क है मुझे तुमसे,
बस तुम ज़रा-सा कर लो मुझसे।

बेजान तो हम अब भी नही पर..
जो हमें, जान कहते थे वो कहीं खो गये।

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