सोंचता था.. मैं रह नहीं पाऊंगा तेरे बग़ैर,
देखो.. तुमने ये भी सिखा दिया मुझको।
किसी को घर से निकलते ही मिल गई,
मंज़िल.. कोई हमारी तरह उम्र भर सफ़र में रहा।
चल यारा मोहब्बत करने का हुनर सिखाता हूँ,
इश्क तुम शुरू करो.. निभाकर मैं दिखाता हूँ।
बहुत मुश्किल से करता हूँ, तेरी यादों का,
कारोबार.. मुनाफा कम है पर गुज़ारा हो ही जाता है।
हर सांस सज़्दा करती है, हर नज़र में इबादत होती है,
वो रूह आसमानी होती है, जिस दिल में मुहब्बत होती है।
मेरी धड़कन की आवाज़ सुननी हो तो, मेरे सीने पर अपना सर रख,
वादा है मेरा ज़िन्दगी भर तेरे कानों में, मेरी मोहब्बत गूंजेगी।
पन्नों के परे भी है एक ज़िन्दगी,
सब किरदार, किताबों में नहीं होते।
काश की वो लौट आए मुझसे ये कहने,
कि तुम कौन होते हो मुझसे बात ना करने वाले।
ये तो परिन्दों की मासूमियत है साहेब,
वर्ना दूसरों के घरों में अब आता जाता कौन है।
चलता हूं यारो कुछ काम करता हु,
खुद को हँसा के अपने गम को गुमनाम करता हु।
अगर मालूम होता की इतना तडपता है..
इश्क.. तो दिल जोड़ने से पहले हाथ जोड़ लेते।
मुझको ढूंढ लेती है रोज़ एक नए बहाने से,
तेरी याद वाक़िफ़ हो गयी है मेरे हर ठिकाने से।
वो रोया तो ज़रूर होगा, खाली कागज़ देखकर,
ज़िन्दगी कैसी बीत रही है.. पूछा था सवाल उसने।
इस हकीकत से खूबसूरत कोई ख्वाब नही,
इश्क मर्जी है खुदा की कोई इत्तफाक नही।
इंतज़ार हमारा करे कोई मंजिल हमारी बने कोई,
दिल की यह आरजू है छोटी, दिल में आके रहे कोई।
आखिर किस कदर खत्म कर सकते है.. उनसे रिश्ता,
जिनको सिर्फ महसूस करने से.. हम दुनिया भूल जाते है।
फिर कोई ज़ख़्म मिलेगा, तैयार रह ऐ दिल,
कुछ लोग फिर पेश आ रहे हैं, बहुत प्यार से।
इतनी करुंगा मुहब्बत के तू खुद कहेगी,
देखो वो.. मेरा आशिक़ जा रहा है।
जिद, जुनून, जिंदगी, जिंदादिली तुम्हीं से है,
तुम नहीं तो शब्द शब्द मायने बदल गए।