यूँ ही रिहा नहीं हो सकेंगे जहन से तुम्हारे हम,
बड़ी सिद्दत से तुम्हारे दिल में घर बनाया है।
सम्भालती है सदा तेरी चाहतें मुझको,
मेरी दुआ है कि, तू मुझे भूल ना पाए कभी।
हमारी अफवाह के धुंए वहीं से उठते है,
जहाँ हमारे नाम से आग लग जाती है।
इतना भी गुमान न कर आपनी जीत पर ऐ बेखबर,
शहर में तेरे जीत से ज्यादा चर्चे तो मेरी हार के हैं।
लहरों का सुकून तो सभी को पसंद है, लेकिन..
तुफानो में कश्ती निकालने का मजा ही कुछ और है।
कितनी अजीब है इस शहर की तन्हाई भी,
हज़ारो लोग है मगर फिर भी कोई उस जैसा नहीं।
मौन हो बस सुनें धड़कनों की ज़ुबाँ,
लुत्फ़ क्या है लबों से हुई बात में।
दस्तक और आवाज तो कानो के लिए है,
जिसे रूह जी जाए खामोशी उसे कहते हैं।
वक़्त की तरह तुम भी ना ठहरे मेरी ज़िन्दगी में,
तुम गुज़रते रहे और हम इंतज़ार करते रह गए।
लाकर तेरे करीब मुझे दूर कर दिया,
तकदीर भी मेरे साथ एक चाल चल गई।
कैसे कह दूँ कि बदले में कुछ नहीं मिला,
सबक भी कोई छोटी चीज तो नहीं है।
दिल की बात दिल में रह जाती है हर शाम,
रूठने और मनाने में वक़्त गुजर जाता है।
ऐब भी बहुत हैं मुझमें, और खूबियां भी,
ढूँढने वाले तूं सोच, तुझे चाहिए क्या मुझमें।
बिकने वाले और भी हैं जाओ जाकर खरीद लो,
हम कीमत से नहीं किस्मत से मिला करते हैं।
गर सच्ची हो मोहब्बत तो खत्म होना मुश्किल है,
नशा कितना भी करलो भूलना नामुकिन है।
उसकी रूह में सन्नाटा है और मेरी आवाज़ में चुप्पी
वो अपने अंदाज़ में चुप, मैं अपने अंदाज़ में चुप।
ये जो तुम मुझसे बात नहीं करते,
ये नफरत की निशानी है या प्यार हो जाने का डर।
अब मेरा हाल चाल नहीं पूछते हो तो क्या हुआ,
कल एक एक से पूछोगे की उसे हुआ क्या था।