तुझ से जो इश्क़ है वो बेहद है क्यूँकि,
हद और सरहद ज़मीं की होती है दिल की नहीँ।
नहीं मालूम हसरत है या तू मेरी मोहब्बत है,
बस इतना जानता हूं कि मुझको तेरी जरूरत है।
लफ़्ज़ों के इत्तेफाक़ में यूँ बदलाव करके देख,
तू देख कर न मुस्कुरा बस मुस्कुरा के देख।
तेरी मेरी मोहब्बत का राज उस वक्त खुल गया,
जब दिल तेरी कसम खाने से मुकर गया।
सुनसान सी लग रही है, आज ये शायरों की बस्ती,
क्या किसी के दिल मे, अब दर्द नहीं रहा।
जरूरी नहीं है ईश्क में बॉहों के सहारे ही मिले,
किसी को जी भर के महसुस करना भी मोहब्बत है।
खींच कर उतार देते हैं उम्र की चादर,
ये कमबख़्त दोस्त कभी बूढ़ा नहीं होने देते।
झूठी हँसी से जख्म और बढ़ता गया,
इससे बेहतर था खुलकर रो लिए होते।
लोग पूछते है वजह तेरे मेरे करीब होने की,
बता दे उनको मैं इश्क हूँ और तू मेरी आदत।
तुम मुहब्बत के सौदे बड़े अजीब करते हो,
बस यू नीगाहों से मुस्कुराते हो और दिल खरीद लेते हो।
ये कश्मकश है ज़िंदगी की, कि कैसे बसर करें,
ख्वाहिशे दफ़न करे, या चादर बड़ी करें।
तेरी मौजूदगी महसूस वो करे जो जुदा हो तुझसे,
मैंने तो अपने आप में तुझे बसाया है एक दोस्त की तरह।
याद आयेगी हर रोज, मगर तुझे आवाज़ न दूंगा,
लिखूंगा तेरे लिये हर गजल, मगर तेरा नाम न लूंगा।