women’s day Sher-O-shayari in hindi – हमारे पुरूष प्रधान समाज में महिलाओं द्वारा पुरूषों को कड़ी टक्कर देते हुए आज के समय प्रत्येक क्षेत्र में अपने आपको स्थापित किया है। आज हम आपके लिए कुछ शेर लेकर आये हैं. उम्मीद है आपको पसंद आयेंगे-
women’s day Sher-O-shayari in hindi
औरतें काम पर निकली थीं बदन घर रख कर
जिस्म ख़ाली जो नज़र आए तो मर्द आ बैठे
– फ़रहत एहसास
एक मुद्दत से मेरी माँ नहीं सोई ‘ताबिश’
मैंने इक बार कहा था मुझे डर लगता है
– अब्बास ताबिश
भारी बोझ पहाड़ सा कुछ हल्का हो जाए
जब मेरी चिंता बढ़े माँ सपने में आए
– अख़्तर नज़्मी
औरत अपना आप बचाए तब भी मुजरिम होती है
औरत अपना आप गँवाए तब भी मुजरिम होती है
– नीलमा सरवर
औरत हूँ मगर सूरत-ए-कोहसार खड़ी हूँ
एक सच के तहफ़्फ़ुज़ के लिए सबसे लड़ी हूँ
– फ़रहत ज़ाहिद
औरत को जो समझता था मर्दों का खिलौना
उस शख़्स को दामाद भी वैसा ही मिला है
– तनवीर सिप्रा
शहर का तब्दील होना शाद रहना और उदास
रौनके़ं जितनी यहां हैं औरतों के दम से हैं
– मुनीर नियाज़ी
कौन बदन से आगे देखे औरत को
सबकी आँखें गिरवी हैं इस नगरी में
– हमीदा शाहीन
किस्सा-ए-आलम में एक और ही वहदत पैदा कर ली है
मैंने अपने अंदर अपनी औरत पैदा कर ली है
– फ़रहत एहसास
औरत को चाहिए कि अदालत का रुख़ करे
जब आदमी को सिर्फ़ ख़ुदा का ख़याल हो
– दिलावर फ़िगार
अभी रौशन हुआ जाता है रास्ता
वो देखो एक औरत आ रही है
– शकील जमाली
देखूं तेरे हाथों को तो लगता है तेरे हाथ
मंदिर में फ़कत दीप जलाने के लिए हैं
– जाँ निसार अख़्तर
आप दौलत के तराज़ू में दिलों को तौलें
हम मोहब्बत से मोहब्बत का सिला देते हैं
– साहिर लुधियानवी
दुआ को हाथ उठाते हुए लरज़ता हूँ
कभी दुआ नहीं माँगी थी माँ के होते हुए
– इफ़्तिख़ार आरिफ़
बहुत कम बोलना अब कर दिया है
कई मौक़ों पे गुस्सा भी पिया है
– शम्स तबरेज़ी
हिम्मत है तो बुलंद कर आवाज़ का अलम
चुप बैठने से हल नहीं होने का मसला
– ज़िया जालंधरी
आगही कर्ब वफ़ा सब्र तमन्ना एहसास
मेरे ही सीने में उतरे हैं ये ख़ंजर सारे
– बशीर फ़ारुक़ी
मुझ में थोड़ी सी जगह भी नहीं नफ़रत के लिए
मैं तो हर वक़्त मोहब्बत से भरा रहता हूँ
– मिर्ज़ा अतहर ज़िया
Very motivational quotes..
Thank you sir for sharing
Very good sadhna ji m bhi jhansi k pass se hu