इस वक़्त पूरी दुनियां कोरोना वायरस के कहर को झेल रहा है। भारत भी अब इस वायरस से अछूता नही है। देश मे 1900 से भी ज्यादा कोरोना वायरस के मरीज मिल चुके हैं।
इसी वायरस के चलते आज पूरे देश मे 21 दिनों का लॉक डाउन चल रहा है। इस दौरान न तो कोई स्कूल कॉलेज, आफिस जा सकता है, न ही किसी घर से बाहर वक़्त बिता सकता है। ऐसे में लगातार घर मे वक़्त बिताना कुछ लोगो के लिए एक बड़ी चुनौती है, खासकर बच्चो के लिए।
बड़े तो किसी न किसी माध्यम से अपना वक़्त बिता लेते हैं पर सोचिए बच्चो के ऊपर क्या गुजर रही होगी जो खेलने के लिए घर से बाहर जाते थे, लेकिन लॉक डाउन के कारण अब नही जा पा रहे हैं। https://www.who.int/health-topics/coronavirus#tab=tab_1
बेशक आपको भी इस बात की चिंता होगी। आप सब भी किसी न किसी तरीके से अपने बच्चो को संभालते होंगे, लेकिन कही न कही दिल मे एक बात तो जरूर आती होगी कि कब लॉक डाउन खुले और बच्चे बाहर जा सके।
लेकिन अब ये लॉक डाउन आपके बच्चो की समस्या न रहे इसके लिए आज हम आपको कुछ ऐसी चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें आप घर मे करेंगे तो बच्चो के साथ ही आप भी बिजी रह सकेंगे।
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माइंडफुल गेम खेलना
बच्चो की सबसे बड़ी खासियत होती है कि वह हमेशा खुद को बिजी रखते हैं। ऐसा वह नेचर के कारण करते हैं क्योंकि बच्चो के अंदर हमेशा नई चीज को जानने समझने की इच्छा होती है। इसलिए यदि आप कोई ऐसा खेल खेलें जिसमे बच्चो को अपने दिमाग का इस्तेमाल करना पड़े तो वह बड़ा दिलचस्प रहेगा।
बच्चो को ऐसे गेम चुनौतीपूर्ण लगते हैं और वह हर बार उस चुनौती को जीतने की कोशिश करने के लिए वह खेल बार बार खेलना चाहेंगे।
ऐसे कई खेल हैं, जैसे सुनकर, सूंघकर या महसूस करके किसी चीज़ को पहचानना। ईस तरह के और खेल आप खुद ढूंढिए।
किसी कला को प्रोत्साहित करना
आजकल का वक़्त अब वह वक़्त नही है जहां पर बच्चो को सिर्फ किताबी ज्ञान देना जरूरी है। आजकल एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज पर ध्यान देना भी बहुत जरूरी है। अब इस वक़्त जब बच्चे घर पर ही रहते हैं तो आप उन्हें पढ़ने के लिए न कहकर किसी अन्य कला को सीखने के लिए कह सकते हैं।
जैसे पेटिंग हो गया, कहानी, कविताएं या लेख लिखना हो गया, डांस हो गया। इस तरह से आप अपने बच्चों को इन कामो में बिजी भी रख सकेंगे साथ ही उनके अंदर एक नई कला भी जन्म ले सकेगी।
साथियों के साथ सोशल होना
यह एक अच्छा वक्त है जब आप अपने बच्चो को सोशल होने का एक मौका दे सकते हैं। वैसे तो अमूमन वह अपने साथियों से हर रोज स्कूल में मिलते ही थे, पर अब स्कूल न जा पाने के कारण और अपने साथियों से न मिल पाने के कारण एक अकेलापन जो दिल मे घर कर रहा है उसके दूर करने के लिए आप वीडियो कॉल जैसी तकनीकी का सहारा ले सकते हैं। इसमे आप ग्रुप बना सकते है, जिससे वो सब साथ मे कोई क्विज आदि खेल सके।
फैमिली टाइम बिताना
यह बात किसी से छुपी नही है कि आज हमारे पास वक़्त बहुत कम होता है, जिस वजह से रिश्तों की नींव काफी कमजोर हो जाती है। यह वक़्त यदि मिला है तो खुद के साथ साथ बच्चो को भी परिवार का महत्व समझाएं। पर यह सिर्फ बोलने से नही समझ आएगा। इसके लिए आपको कुछ ऐसी एक्टिविटीज करनी चाहिए, जिसमे घर का हर एक व्यक्ति शामिल हो सके और खेल का लुत्फ उठा सके। इसके लिए आप सब साथ मे डांस कर सकते हैं, पार्टी कर सकते हैं, साथ मे कोई पसंदीदा सीरियल देख सकते है, या कोई खेल भी खेल सकते हैं।
एक्सपेरिमेंट करने देना
बच्चो का स्वभाव होता है कुछ करके सीखना। पर हम टूटफूट के डर से उन्हें उतनी आजादी नही देते की वह कुछ क्रिएटिव बना सके। पर इन छुट्टियों में उन्हें आप वह फ्रीडम दे सकते हैं। इस बार आप बच्चो के अंदर का क्रिएटिव आर्ट को बाहर आने दीजिये।
उन्हें ज्यादा से ज्यादा ऐसी चीज़ें देखने को कहिए जिसमे वह कुछ बनाना सीखें, इसके बाद वह उन्हें बनाने की कोशिश करें। यह एक अच्छा टाइम पास हो सकता है।