व्याकरण का मतलब सामान्य अर्थों में नियम होता है। तो दोस्तों इस लेख के माध्यम से हम आपको बहुत सरल ढंग से बताने जा रहे हैं कि व्याकरण किसे कहते हैं? अब आप यह प्रश्न कर सकते हैं कि यह नियम किसके हैं और किस लिए हैं।
व्याकरण एक नियम है
भाषा किसे कहते हैं? लेकिन जब हम भाषा को सही से बोलते हैं सही से लिखते हैं और सही से पढ़ते हैं तो एक नियम और कानून की जरूरत होती है कि शब्दों को किस तरह से बनाया जाए? वाक्य किस तरह से लिखा जाए वर्ण? शब्दों का उच्चारण वर्तनी मात्रा आदि का नियम क्या है? जब इन सब बातों को नियमों में बांध देते हैं तो वह किसी भाषा का व्याकरण हो जाता है। किसी भाषा के सही तरीके से बोलने लिखने और पढ़ने के नियम को व्याकरण (Grammer) कहते हैं।
दोस्तों सधे हुए शब्दों में अगर कहीं तो बात व्याकरणकी परिभाषा, व्याकरण वह ज्ञान है, जिसके माध्यम से भाषा को शुद्ध रूप से बोला, लिखा और पढ़ा जाता है।
व्याकरण को किस तरह से समझे?
दोस्तों जैसा कि मैंने बताया कि व्याकरण एक नियम है। व्याकरण को किस तरह से समझे इसके लिए आप पूरा पैराग्राफ पढ़िए।
भाषा के कितने अंग होते हैं? भाषा के तीन अंग है- वर्ण विचार, शब्द विचार और वाक्य विचार। दोस्तों किसी भाषा में इन तीनों चीजों को नियमों के अंतर्गत बांधा जाता उसे ही व्याकरण कहते हैं। कक्षा 8 तक की आपने किसी भी चाहे वह अंग्रेजी या हिंदी भाषा हो उसकी ग्रामर आपने पड़ी है और उसमें इस बात को अच्छी तरीके से लिखा गया है। आप संज्ञा, सर्वनाम, इसी तरह इंग्लिश में नाउन, प्रोनाउन, पंक्चुएशन, कंजेक्शन, इंटर्जेक्शन आदि अध्ययन किया है। जैसे ही आप नियम में छूट जाते हैं तो आपसे व्याकरण की गलतियां हो जाती है इसलिए किसी भी भाषा के व्याकरण को सीखने के बाद उस भाषा में अच्छे साहित्य को पढ़ना चाहिए। इसके साथ ही पत्र लेखन और अपनी बातों के लिखने के लिए निबंध लेखन काम भी करते रहना चाहिए इससे भाषा का व्याकरण आपको अच्छी तरीके से व्यवहार में याद रहता है।
दो, तीन या अधिकतर भाषाओं के व्याकरण नियम एक जैसे क्यों लगते हैं?
दोस्तों कम से कम आप अंग्रेजी और हिंदी भाषा से वाकिफ है। आप में से बहुत से लोगों को भारत की कई क्षेत्रीय भाषाएं भी आती होंगी। जरा इन के नियमों पर गौर करें। कई भाषाओं की व्याकरण के नियम एक जैसे हैं।
हर भाषा में संज्ञा सर्वनाम जैसी मूल चीजें होती है। इसे ही भाषा विज्ञान कहते हैं? इसलिए जो हिंदी के व्याकरण को अच्छी तरीके से जानता है तो उसे अंग्रेजी के व्याकरण सीखने में अधिक परेशानी नहीं होती है। तो प्रश्न उठता है क्या एक भाषा सीखने से दूसरी भाषा भी सीखना आसान हो जाता है? बिल्कुल दोस्तों अगर आप कोई एक भाषा सीख लेते हैं तो उससे मिलती-जुलती दूसरी भाषा सीखना आसान हो जाता है और व्याकरण ही आसानी से आपको समझ में आता है।
दोस्तों इस बात को समझाने के लिए मैं कह रहा हूं कि अगर आप संस्कृत अच्छा जानते हैं तो आपकी हिंदी भी अच्छी हो जाती है। इसीलिए अगर आपसे कोई उर्दू में मौखिक रूप से बात करता है तो वह भी समझ में आता है। क्योंकि हिंदी भाषा के कई शब्द उर्दू से मिलते जुलते हैं। क्योंकि हिंदी भाषा ने व्याकरण संस्कृत के नियमों से ही लिया है।
लेकिन हिंदी के अपने भी व्याकरण के नियमों है। क्रिया शब्द बनाने के लिए हिंदी के अपने हैं। जैसे जा क्रिया, जाना जाने, जाता, जाती, गया, गई इत्यादि में बदल जाता है। हिंदी भाषा से संबंधित जैसे लिपि किसे कहते हैं। बोली किसे कहते हैं इसे भी आप पढ़ सकते हैं।
kaafi kuch naya naya leke aa rhe ho aajkal sadhana ji