वास्तु शास्त्र | Main door vastu shashtra Tips And remove negative energy in hindi मुख्य द्वार का सीधा संबंध उस घर में निवास करने वाले लोगों की सामाजिक आर्थ.
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के मुख्य द्वार का सीधा संबंध उस घर में निवास करने वाले लोगों की सामाजिक आर्थिक और मानसिक स्थिति से होता है। क्योंकि यहीं से आपके घर में सकारात्मक और नकारात्मक ऊजाएं प्रवेश करती हैं। यदि आपके घर में कोई हमेशा बीमार रहता है या कोई परेशानी चल रही है, तो इसका कारण घर के मुख्य द्वार में वास्तु दोष हो सकता है। घर का मुख्य द्वार वास्तु दोषों से मुक्त हो, तो उस घर में सुख-शांति , रिद्धी-सिद्धि रहती है, इसके साथ ही परिवार के सदस्यों के बीच आपसी सामंजस्य बना रहता है। यही कारण है कि घर का मुख्य द्वार वास्तु दोषों से मुक्त होना बहुत आवश्यक है।
शास्त्रों के मुताबिक घर के मुख्य द्वार पर शुभ धार्मिक चिन्ह बनाने से सुख-समृद्धि का आगमन होता है। इसके अलावा वास्तु के अनुसार कुछ ऐसे चिन्हों का भी जिक्र किया गया है जो घर की समस्त चिंताओं से मुक्ति दिलाने में पूरी तरह सहायता करते है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के मुख्य द्वार पर श्रीगणेश का चित्र या स्वस्तिक बनाने से घर में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है। ऐसे घर में हमेशा गणेशजी कृपा रहती है और धन-धान्य की कमी नहीं होती। साथ ही स्वस्तिक धनात्मक ऊर्जा का भी प्रतीक है, इसे बनाने से हमारे आसपास से नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है। किसी भी पूजन कार्य का शुभारंभ बिना स्वस्तिक के नहीं किया जा सकता। चूंकि शास्त्रों के अनुसार श्री गणेश प्रथम पूजनीय हैं, अत: स्वस्तिक का पूजन करने का अर्थ यही है कि हम श्रीगणेश का पूजन कर उनसे विनती करते हैं कि हमारा पूजन कार्य सफल हो।
इन बातों का रखें विशेष ध्यान –
मुख्य द्वार के सामने कोई पेड़, दीवार, खंभा, कीचड़, हैंडपम्प या मंदिर की छाया नहीं होनी चाहिए यह एक अशुभ संकेत हैं। इसके दुष्प्रभावों से बचने के लिए घर के मुख्य द्वार पर रोज स्वास्तिक बनाएं।
– घर के मुख्य द्वार के सामने गड्ढा नहीं होना चाहिए यदि है तो उसे भर दें।
– घर का मुख्य दरवाजा छोटा और पीछे का दरवाजा बड़ा नहीं होना चाहिए इससे सीधे तौर पर आर्थिक परेशानी आती है।
– घर का मुख्य द्वार घर के बीचों-बीच न होकर दाएं या बाएं ओर स्थित होना चाहिए। यह परिवार में कलह आर्थिक परेशानी और रोग का कारण है।
-घर के मेन गेट के सामने पौधा या वृक्ष होना शुभ नहीं होता। ये पारिवारिक सदस्यों की खुशियों के आगमन में अवरुद्ध पैदा करते हैं।
– घर का मुख्य द्वार या अन्य खिड़की-दरवाजे खोलते समय आवाज न करें। आवाज करने वाले द्वार शुभ नहीं माने जाते। इससे घर में क्लेश रहता है।
-मुख्य द्वार खोलते ही सामने सीढ़ी नहीं होनी चाहिए।
– घर के तीन द्वार एक सीध में नहीं होने चाहिए। मुख्य द्वार घर के अन्य सभी दरवाजों से बड़ा होना चाहिए।
घर में सुख समृद्धि के लिए करें यह उपाय –
-धन लाभ के लिए प्रवेश द्वार पर लक्ष्मी जी की तस्वीर लगाएं, लेकिन इनके आस-पास जूते-चप्पल नहीं रखें।
-मुख्य द्वार पर लाल रंग का फीता बांधें। द्वार के बाहरी ओर दीवार पर पाकुआ दर्पण स्थापित करें।
-प्रवेश द्वार लक्ष्मी जी के पैर बनाएं, जो अंदर की तरफ जा रहें हों। इससे घर में समृद्धि आती हैं।
-मुख्य द्वार शुभ लाभ का निशान बनाएं, इससे घर में रोग कम होते हैं।
-पीपल, आम या अशोक के पत्तों की माला बनाकर प्रवेश द्वार पर बांधें। इससे नकारात्मकता दूर होती है। जब यह पत्तियां सुख जाएँ तो इन्हें बदल दें।
-घर का मुख्य द्वार को साफ और सुंदर है रखते हैं, तो घर में सुख और समृद्धि आती है।
-द्वार पर पानी से भरा कांच का बर्तन रखें, जिसमें ताजे खशबू वाले फूल रखें। इससे घर में सकारात्मकता आएगी।