Lekhan Kala के विकास के बाद राजा महाराजा अपनी उपलब्धियां पत्थरों पर लिखते थे। भारत में वेदों को ताड़ पत्रों और भोजपत्रों में लिखा जाता था। जैसे ही कागज का आविष्कार हुआ लोग अपने विचारों को कागज में लिखने लगे और सीखने सिखाना सरल सहज हो गया। कागज के अविष्कार के बाद सभ्यता बहुत तेजी से विकसित हुई क्योंकि अब ज्ञान को कहीं भी किताब का रूप देकर इसे एक स्थान से दूसरे स्थान के लोगों तक पहुंचाया जा सकता था। कागज का आविष्कार किसने किया और कब? Kagaj Ka Avishkar kahan hua Tha आइए जाने-
कागज का आविष्कार किसने किया और कब?
चीन का हान राजवंश के समय कागज का आविष्कार हुआ था। हम कह सकते हैं कि काबाद का अविष्कार चीन देश में सबसे पहले हुआ था। चीन के बाद भारत ही एक ऐसा देश है जहां कागज के इस्तेमाल करने का प्रमाण प्राचीन समय से मिलता है।सिंधु सभ्यता में कागज के उपयोग और निर्माण के प्रमाण मिलते हैं।
कागज का आविष्कार किसने किया ? 202 ईसा पूर्व में कागज का आविष्कार चीन में हुआ था। कागज का आविष्कार सबसे पहले करने वाले व्यक्ति का नाम काई लोन था, जिन्होंने सम्राट के सामने बताया कि किस तरह से कागज बनाया जाता है।
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कागज कब खोजा गया?
ईसा पूर्व 202 में काई लून ने भी सम्राट के दरबार में कागज निर्माण का वर्णन China में कागज निर्माण के बारे में कई ग्रंथों में मिलता है। शहतूत और अन्य पेड़ों की छाल से रेशे, पुराने मछली पकड़ने के जाल, पुराने कपड़े और दूसरे रेशेदार वस्तुओं को पानी में घोलकर एक पतली परत के रूप में सुखाया जाता था। इस तरह से पेपर बनता था। लगभग यही प्रक्रिया अपनाई जाती है कागज बनाने के लिए।
चीन के बाद दूसरे देशों में कागज बनाने की कला पहुंची जापान में 610 ई. फिर समरकंद 751 ई० बगदाद में 793 ई०। यूरोप में पहला पेपर 1150 ई. में स्पेन में बना था। फिर इटली, फ्रांस, जर्मनी, इंग्लैंड, पोलैंड, ऑस्ट्रिया, रूस, डेनमार्क और नॉर्वे में कागज बनाने के बारे में जानकारी मिलती है।
स्पेन के नागरिकों ने कागज बनाने का नॉलेज अपने साथ उत्तरी अमेरिका ले गया और मेक्सिको सिटी में कागज इंडस्ट्री स्थापित हो गई। इस तरह संयुक्त राज्य अमेरिका में पहला कागज का कारखाना 1690 में जर्मेनटाउन, पेनसिल्वेनिया में विलियम रिटेन हाउस के कोशिशों के बाद बना।
मिनिस्ट्रियल गजट नामक पत्रिका कनाडा में छपता था। इसलिए क्योंकि पहला कनाडाई कारखाना 1803 में सेंट एंड्रयूज नाम से क्यूबिक स्थान पर लगाया गया था और यहां इतना कागज बनता था कि मिनिस्ट्रियल गजट नामक पत्रिका छपता था।
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मिस्र के लोग जानते थे पेपर बनाने का तरीका
मिस्र में 5000 साल पहले, घास के डंठल के बाहरी परत से कागज बनाने की जानकारी मिलती है। यहां विशेष तरह का कागज बनाया जाता था जिसे पपरिस कहा जाता था। जो के किनारे खास तरह की घास मिलती थी जिससे गोंद में मिलाकर बेहतर कागज बनाया जाता था। बाद में ‘पेपर’ शब्द की उत्पत्ति उसी पर्पस से हुई है।
भारत में भोज पत्रों पर प्राचीन समय में लिखा जाता था जो पर्वती क्षेत्र में पाया जाने वाला एक वृक्ष है, जिसके छाल को भोजपत्र कहा जाता है।
भेड़ की खाल पर लिखने की परंपरा
8 से 4000 वर्ष पहले ग्रीस में लिखने के लिए एक स्थाई और मजबूत टिकाऊ तरीका अपनाया गया था जिसमें वे भेड़, बकरी आदि जानवरों की खाल से पार्चमेंट बनाया जाता था। इस साल को साफ करके चिकना बनाया जाता था और समतल कर दिया जाता था। बाद में प्यूमिस के चूर्ण से रगड़ कर चिकना कर दिया जाता था। इस पर लिखने के लिए पार्चमेंट का इस्तेमाल किया जाता था। इस पर कोई भी लिखावट लंबे समय तक लिखी रहती थी।
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भारत मे कागज के उद्योग – कागज का आविष्कार किसने किया?
भारत में पहली पेपर मिल कश्मीर में लगाई थी। इसकी स्थापना सुल्तान जैनुल आबिदीन ने की थी। इसके बाद 1887 में एक पेपर मिल की स्थापना की गई लेकिन कागज बनाने में यह मिल असफल रही। नए समय में कागज उद्योग कलकत्ता में हुगली नदी के तट पर बाली नामक जगह पर लगाया गया था।