अधिक ठंड हो या गर्मी के कारण हम आसानी से बैठ कर अपना काम नहीं कर पाते है। लेकिन जहां पर AC लगी होती है, वहां पर टेंपरेचर को नियंत्रित किया जा सकता है। इसलिए ऑफिस, सिनेमा हॉल, घर आदि में AC आम बात हो गई है लेकिन इससे पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंच रहा है। इस पर भी ध्यान देना जरूरी है।
AC यानी कि एयर कंडीशनर का आविष्कार किसने किया?
एसी क्या है –
यह एक ऐसी मशीन है, जो वातावरण को एक सही तापमान में रखने में मददगार होता है। इसे हिंदी में वातानुकूलित कहा जाता है। गर्मी का मई जून का महीना चिलचिलाती होती है। ऐसे में AC जिस कमरे में लगी होती है वहां का टेंपरेचर नियंत्रित करके ठंडा वातावरण बना सकते हैं।
एयर कंडीशनर यानी एसी का आविष्कार 19वी शताब्दी में सन 1902 में न्यूयॉर्क के बफ़ेलो में विलिस कैरियर द्वारा पहला एसी Air Conditioner बनाया गया था।
AC काम कैसे करता है?
ऐसी एक ऐसी मशीन है जिसमें ठंडक प्रदान करने के लिए ठंडी गैस भरी होती है, जो हवा में उपस्थित नमी को ठंडा करके एक निश्चित वातावरण प्रदान करता है। अगर कमरा चारों तरफ से बंद है तो या ठंडा वातावरण एक निश्चित तापमान में एसी चलने पर बना रहता है इसीलिए से वातानुकूलित भी कहते हैं। एसी का प्रयोग घर के वातावरण को ठंडा करने और बिजली के उपकरण को ठंडा करने में इस्तेमाल किया जाता है।
1902 में न्यूयॉर्क के बफ़ेलो में विलिस कैरियर द्वारा पहला एसी बनाया गया था। लेकिन आधिकारिक तौर पर पेटेंट कराने वाले एसी के अविष्कारक स्टुअर्ट डबल्यू क्रेमर ऑफ चार्लोट हैं। इन्होंने हवा में नमी की मात्रा को कम करने का तरीका खोज था जिसको एयरकंडीशनर नाम दिया गया।
धीरे-धीरे एयर कंडीशनर यानी एसी की उपयोगिता बढ़ने लगी लोगों को गर्मी से राहत दिलाने के लिए यह सबसे लग्जरी वैज्ञानिक खोज था। एसी की खोज के 8 साल बाद यानी 1914 में छोटे घरों के लिए चार्ल्स गेट ने पहला ऐसी बनाया। इससे पहले जो ऐसी बनते थे वह बड़े-बड़े कारखानों के लिए होते थे।
पोर्टेबल एसी का आविष्कार कब हुआ?
जो ऐसी बन रहे थे 1945 से पहले KEC 1945 से पहले जो ऐसी बना था वह घर के अंदर रखा जाता था और इतने बड़े थे कि काफी जगह ढेर जाता था। इसी समस्या से बचने के लिए 1945 में मैसाच्युसेट्स के लीन के रॉबर्ट शेरमेन ने एक ऐसा पोर्टेबल एसी बनाया जिसे खिड़की की बाहर की ओर लगाया जा सकता था, जिससे कमरे में ठंडक होती थी। इसके साथ या छोटा होता था और घर के अंदर जगह नहीं घेरती थी। पुलिस स्टाफ यह घर के अंदर की जगह भी नही घेरता थी।
इसी तरह से काम करता था कि एसी को बाहर लगाया जाता था। इसका कॉलिंग पाइप घर के अंदर होता था जिसमें से ठंडी हवा कमरे को ठंडा करती थी।
शुरुआती AC में जहरीली गैस
जो पहले AC बना करते थे, उसमें वातावरण को ठंडा करने के लिए अमोनिया मिथाइल क्लोराइड प्रोपेन जैसी जहरीली गैसें भरी होती थी। इस गैस के लीक होने की संभावना के कारण कभी भी गंभीर हादसा हो सकता था इसलिए शुरुआती ऐसी के बाद एक ऐसी होना था जो सुरक्षित हो और जहरीली गैस भरने की आवश्यकता ना हो तो साल 1928 में थॉमस मिडगली जूनियर ने क्लोरोफ्लोरोकार्बन गैस का निर्माण किया । यह जाए से पहले की अपेक्षा वातावरण को और ज्यादा ठंड रखती थी और खतरनाक भी कम थी। क्लोरोफ्लोरोकार्बन गैस पर्यावरण के लिए इसलिए खतरनाक है क्योंकि यह ओजोन परत में छेद कर सकती है। आधुनिक एसी में में सीएफसी (क्लोरोफ्लोरोकार्बन) हाइड्रोफ्लोरोकार्बन का इस्तेमाल होने लगा ।