रेमडेसिवीर (Remdesivir) इंजेक्शन क्या है और क्यों इसकी इतनी मांग है, क्या यह कोरोना वायरस में इफेक्टिव है

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रेमडेसिवीर (Remdesivir) इंजेक्शन क्या है और क्यों इसकी इतनी मांग है

रेमडेसिवीर (Remdesivir) इंजेक्शन क्या है और क्यों इसकी इतनी मांग है, क्या यह कोरोना वायरस में इफेक्टिव है ( What is Remdesivir and Remdesivir Injection Uses, Side Effects, Dose: Remdesivir is an injectable anti-viral that aims to prevent replication of the virus)

दोस्तों करोना संक्रमण के इस दौर में 2 गज की दूरी और जब तक दवाई नहीं तब तक कड़ाई के बारे में आपने कई बार सुना होगा। इसका पालन भी करना चाहिए लेकिन जब कोई दवा कारगर हो और मांग बढ़ने के कारण उसकी कालाबाजारी होने लगे और फिर वह दवा महंगी मिलने लगे। मांग इतनी बढ़ जाए कि मुनाफा को लाखों-करोड़ों रुपए कमा ले लेकिन गरीब इंसान को रेमडेसिवीर इंजेक्शन (Remdesivir injection) दवा ना मिले तब क्या होगा।

रेमडेसिवीर (Remdesivir) इंजेक्शन क्या है और क्यों इसकी इतनी मांग है

कोरोना इस संक्रमण में रामबाण की तरह काम करने वाली रेमडेसिवीर इंजेक्शन (Remdesivir injection) है। इसकी मांग बहुत तेजी से बढ़ी है इसके बारे में सारी जानकारी आज इस आर्टिकल में दे रहे हैं। इसके बारे में पूरी जानकारी दें, इससे पहले बता कि इस इंजेक्शन से 5 या 6 डोज देने से कोरोनावायरस के कारण गंभीर स्थिति में पहुंचने वाले मरीजों को बचाया जा सकता है।

अफसोस दोस्तों की हमारे देश में आपदा में अवसर ढूंढने वाले और पैसा कमाने के लिए कालाबाजारी करने वाले देश के गद्दार जिनकी वजह से इंजेक्शन की कमी हो रही है। कालाबाजारी के कारण मरीजों की जान जा रही है, जो इंजेक्शन कम दामों में मिलता था, वह वह महंगे दामों पर बिक रहा है। रेमडेसिवीर इंजेक्शन की किल्लत, कालाबाजारी और महंगे दामों पर या इंजेक्शन बेचने की खबरें आपने समाचार पत्रों और न्यूज़ चैनलों में जरूर देखा सुना होगा।

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रामबाण दवा रेमडेसिवीर इंजेक्शन

रेमडेसिवीर कोरोनावायरस से संक्रमित गंभीर मरीजों के लिए रामबाण का काम करती है, इसलिए इसके 5 या 6 डोज देना मरीज के लिए जरूरी हो जाता है। लेकिन कालाबाजारी के कारण जहां इंजेक्शन मेडिकल स्टोर और मेडिकल के थोक मार्केट से गायब है। इंजेक्शन का डोज गंभीर मरीज को क्रिटिकल पोजीशन पर पहुंचने नहीं देता है।  इन रोगियों के लिए इंजेक्शन जरूरी है। कोरोनावायरस में रेमडेसिवीर इंजेक्शन कारगर होता है। इसलिए इसकी मांग इन दिनों सबसे अधिक है और दूसरी बात कि इसका उत्पादन पर्याप्त है लेकिन कालाबाजारी, अधिक पैसा कमाने के लालची लोगों द्वारा इस इंजेक्शन को महंगे दामों में बेचा जा रहा है। सरकार इसको रोकने के लिए कदम तो उठा रही लेकिन उसका कोई नतीजा सामने नहीं आ रहा है।

दवा रेमडेसिवीर इंजेक्शन (Remdesivir) क्या है

कोरोनावायरस के संक्रमण से लड़ने वाली यह इंजेक्शन एंटीवायरल दवा है। इसे अमेरिका की दवा कंपनी  गिलियड साइंसेज ने बनाया है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस दवा को कोरोनावायरस संक्रमण के लिए नहीं बल्कि आज से करीब एक दशक पहले हेपेटाइटिस सी और सांस संबंधी वायरस (RSV) का इलाज करने के लिए बनाया गया था। खास बात यह है कि इस दवा को कभी भी बाजार में लांच ही नहीं किया गया।

लेकिन कोरोनावायरस संक्रमण के समय रेमडेसिविर इंजेक्शन अमृत या कहें संजीवनी वटी की तरह इस बीमारी में उपयोग होने लगा। यह दवा किस बीमारी में जीवन रक्षक दवा के तौर पर मेडिकल साइंस में सामने आया।

मांग बढ़ने का कारण: रेमडेसिवीर इंजेक्शन (Remdesivir)

कोरोनावायरस से संक्रमित क्रिटिकल मरीजों पर यह दवा उनकी जान बचाने के लिए जरूरी साबित होने लगे तो इस रेमडेसिवीर इंजेक्शन (Remdesivir) की मांग बाजारों में बढ़ने लगी। हजारों में बढ़ती हुई मांग को देखकर कालाबाजारी करने वाले लोगों ने एक गंदा और घिनौना काम किया उन्होंने इस दवा को मेडिकल स्टोर पर पहुंच रही नहीं दिया और इसकी कमी बताकर हजारों लाखों रुपए में इसे बेचने लगे। इस कारण से चारों तरफ हो इस दवा को खरीदने के लिए होड़ मच गई जिस कारण से लोग इससे हजारों लाखों रुपए देने के तैयार हो गए, जिस दवा की कीमत हजार रुपए भी बा मुश्किल से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत नहीं थी।

क्या रेमडेसिविर इंजेक्शन कोरोनावायरस का सही इलाज है?

अब आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि वे मेडिसिन इंजेक्शन क्या वास्तव में कोरोना से लड़ने के लिए कारगर मेडिसिन है। लेकिन इस रेमडेसिविर इंजेक्शन के इस्तेमाल से कोरोना के गंभीर मरीजों का इलाज भी किया गया है।  हालांकि, कोरोना के ट्रीटमेंट में इसके प्रभावी ढ़ंग से काम करने को किसी ने मान्यता नहीं दी है। WHO ने नवंबर 2020 में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि रेमडेसिविर कोरोना का सटीक इलाज नहीं है।

इबोला वायरस के लिए बनाया गया था इंजेक्शन

 कोरोना संकट के समय रेमडेसिविर इंजेक्शन कोरोनावायरस पर प्रभावशाली है। लेकिन आज से 10 साल पहले ही इबोला वायरस से के लिए इस इंजेक्शन बनाया गया था। करोना संकट के बाद इस दवा की मांग में बहुत तेजी से बढ़ोतरी हुई है।

आपको बता दें कि गिलियड साइंसेज (Gilead Sciences) कंपनी ने रेमडेसिविर को इबोला वायरस लड़ने की लिए मेडिसिन के रूप में विकसित किया था‌। लेकिन इस इंजेक्शन के इस्तेमाल से कोरोनावायरस से संक्रमित गंभीर मरीजों को काफी लाभ मिला है। यह माना जा रहा है कि इबोला वायरस के साथ यह कोरोनावायरस पर भी कारगर है। लेकिन साइंटिफिक  रिसर्च करने की आवश्यकता है। क्योंकि इस इंजेक्शन का साइड इफेक्ट भी है जिसे एक लंबे रिसर्च में ही समझा जा सकता है।

इंजेक्शन की कमी का कारण कालाबाजारी और जमाखोरी

दोस्तों कोरोना की दूसरी और तीसरी लहर के कारण मरीजों की संख्या बढ़ी है।  रेमडेसिविर  इंजेक्शन यह डिमांड और अधिक बढ़ा गई है।  पिछले 6 महीनों में भारत ने करीब 10 लाख से ज्यादा रेमडेसिविर इंजेक्शन दूसरे देशों को निर्यात कर दिया था। लेकिन भारत में किल्लत का एक कारण रेमडेसिविर  इंजेक्शन की जमाखोरी और कालाबाजारी की समस्या भी है। इस दवा की उत्पादन क्षमता को फिर से बहाना होगा तभी मांग और पूर्ति बराबर हो पाएगी। कि पिछले साल इस इंजेक्शन की मांग कम हो गई थी इसलिए भारत में उत्पादन कम कर दिया गया था लेकिन कोरोनावायरस की दूसरी और तीसरी लहर के कारण इसकी मांग और बढ़ गई है इसलिए इसका उत्पादन बहुत तेजी से फिर से किया जा रहा है।

रेमडेसिविर  इंजेक्शन राजनीति भी हो रही है। राज्य सरकारें इस इंजेक्शन की कालाबाजारी और चोरी की घटनाएं रोकने में असफल हुई हैं।  अगर यह दवा मेडिकल स्टोर मिल जाए तो उसे बहुत ऊंचे दामों पर बेचा जाता है, जिससे आम आदमी उसे खरीद नहीं सकता है।

FAQ’s

रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने वाली भारतीय कंपनी कौन-कौन सी है?

भारत में इस दवा का प्रोडक्शन सिप्ला, जाइडस कैडिला, हेटेरो, माइलैन, जुबिलैंट लाइफ साइंसेज, डॉ रेड्डीज, सन फार्मा जैसी कई कंपनियां करती रही हैं। मुनाफाखोरी और कालाबाजारी के चलते रेमडेसिविर इंजेक्शन बाजार से लगभग गायब हो गया है। कालाबाजारी में यह इंजेक्शन हजारों रुपए में मिल रहा है। गरीब इंसान जान बचाने के लिए इस इंजेक्शन को इतनी अधिक दामों में नहीं खरीद सकता है।

रेमडेसिविर इंजेक्शन की कीमत कितनी है?

लीगल तौर पर इस इंजेक्शन की कीमत ₹2450 है। दोस्तों कालाबाजारी और मुनाफाखोरी के कारण अब रेमडेसिविर इंजेक्शन बड़ी मुश्किल से इस कीमत पर मिल पाएगी। उसके लिए मुनाफा को 10 हजार से ₹20 हजार हर एक इंजेक्शन का वसूल रहे हैं, कहीं-कहीं तो 50-50 हजार में यह इंजेक्शन ब्लैक मार्केट में बिका है।

दोस्तों राहत की बात यह है कि कोरोना के बढ़ते हुए नए मामलों में इस इंजेक्शन की बढ़ती हुई मांग को देखते हुए  रेमडेसिविर के दाम में छूट दे रही है। सेंट्रल गवर्नमेंट ने इस दवा में 50 परसेंट की छूट दे रही है।  इस इंजेक्शन की कीमत 2,450 रपये है जबकि कटौती के बाद रेमडिसिविर का इजेंक्शन 1225 रुपए में जल्द उपलब्ध होगा ऐसी उम्मीद की जा रही है।

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