Healthy baby food in Hindi – यदि आपका बच्चा छोटा है और आज-कल मार्केट में उपलब्ध कई प्रकार के प्रोडक्ट जो बच्चों को हैल्दी रखने के नाम पर बैचे जा रहे हैं उनका इस्तेमाल करते हैं. और सोचते हैं कि आपके शिशु को पौष्टिक आहार मिल रहा है तो इस भूल में बिल्कुल न रहें क्योंकि इन सब चीजों में वह बता नहीं होती हैं जो प्राकृतिक रूप से उगाये गये फलों व सब्जों आदि में रहती हैं. यदि आप वाकई में अपने शिशु के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं तो आज हम आपको बच्चों का पौष्टिक आहार के बारे में बताने जा रहे हैं जिसको उपयोग कर आप अपने बच्चे को स्वस्थ रख सकते हैं।
नारंगी(Orange)– बच्चों के लिए नारंगी का रस बहुत ही फायदेमंद होता है, इसके सेवन से बच्चों का विकास तेजा से होता है और वह हेल्दी भी हो जाते है। इसके साथ ही बच्चों की हड्डियों की कमजोरी आर उनका टेड़ापन भी दूर हो जाता है जिस कारण बच्चे जल्दी चलने-फिरने लगते है। नारंगी के सेवन से सूखा-ग्रस्त बच्चों को लाभ होता है और वह मोटे-ताजे हो जाते है। नारंगी का रस ऑतों की गति को तेज करता है।
दूध (Milk) – बच्चे की मां का संयम भरा जीवन ही उसको रोगों से दूर रखने में मदद करता है। बच्चे की मां जैसा खायेगी और जैसे मौसम में रहेगी उसका असर उसके बच्चे पर वैसा ही पड़ता है। स्त्री को संभोग(काम) क्रिया के तुरंत बाद बच्चे को अपने दूध का सेवन नहीं कराना चाहिए क्योंकि इससे बच्चे के शरीर में गर्मी चली जाती है। इसके साथ ही जब बच्चे की मां को गुस्सा आया हो तब बच्चे को अपने दूध का सेवन नहीं कराना चाहिए। दूध में बिटामिन ‘सी’ नहीं होता है।
2-यदि बच्चे दुर्बल और सूखा रोग से पीड़ित हों तो उन्हे दूध में बादाम मिलाकर पिलाने से लाभ होता है।
टमाटर(Tomato) – टमाटर का रस बच्चे के स्वास्थ्य के लिए बहुत हितकारी है। टमाटर का सेवन बच्चे की मां भी करें और साथ ही शिशु को भी टमाटर का जूस पिलायें इससे शिशुओं का विकास तेजी से होता है, दांत आसानी से निकल आते है साथ ही पाचन शक्ति भी अच्छी रहती है।
केला(Banana)– दूध का सेवन करने वाले बच्चों के लिए प्रत्येक दिन विटामिन ‘सी’, नियासिन, राइबोफ्वेलिन एवं थायोसीन की जितनी मात्रा की आवश्यकता है, उसका चौथाई हिस्सा एक केले में मिल जाता है। तो प्रत्येक दिन बच्चों और बृद्दों सभी को दो केले दूध के साथ सेवन करने चाहिए।
दही-एक शोध के अनुसार मां के दूध के बाद बच्चे का सबसे अच्छा भोजन दही है। जिन बच्चों को किसी कारण से मां का दूध नहीं मिल पाता उन्हे दही का सेवन कराया जाता है।
लहसुन(Garlic)– बच्चों को कच्चा लहसुन यदि खाना खाने के बाद खिलाया जाये तो उनकी दुर्बलता दूर होती है।
आलू (Potato)- आलू बच्चों के लिए पौष्टिक आहार है। यदि आलू का रस शिशुओं और बड़े बच्चों को पिलाया जाये तो वह सेहतमंद(मोटे-ताजे) रहते है। इसके साथ ही आलू के रस में शहद मिलाकर भी सेवन करा सकते है।
आलू का रस निकालने का तरीका– आलुओं को कद्दूकश या मिक्मी में कस कर एक कपड़े में लेकर दबाकर जूस निकाल लीजिए। इस रस को करीब एक घंटे तक रखा रहने दीजिए जब उसका कचरा नीचे जम जाये तो सावधानी से ऊपर का रस निकाल लीजिए और इसे यूज करिए।
नमक(Salt) – एक वर्तन में एक कप पानी ऊलाकर उसे ठंडा कर लें। अब इसमें स्वादानुसार जरा सा नमक, ग्राइप पाटर और मीठा सोडा मिला लें। यह बोतल में भरकर बच्चों को दिन में कई वार पिलायें। यह बहुत ही शक्तिबर्धक पेय है। जो नार्मल बच्चों के साथ सूखा रोग से ग्रस्त बच्चों के लिए भी लाभकारी है।
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