फुटबाल से जुड़ी गोल लाइन टेक्नोलाजी ? Footbal Goal Line Technology

0
752
Football-goal-line-technology-in-hindi

फुटबाल से जुड़ी गोल लाइन टेक्नोलाजी । Football Goal Line Technology in Hindi Hawk Eye, GoalRef (Cost, Watch , Pros Cons, Who invented)

देखा जाये तो फुटबाल दुनिया का सबसे प्रसिद्ध खेल हैं जिसे दुनियां के ज्यादातर देशों में खेला जाता है। ऐसा नहीं है कि हमारे देश भारत में लोग क्रिकेट को ज्यादा पसंद करते हैं बल्कि फुटबाल को भी चाहने बालों की संख्या कम नहीं है, हमारे देश में फुटबाल की लोकप्रियता को देखते हुए प्रत्येक वर्ष एक लीग का आयोजन किया जाता हैं जिसका नाम इंडियन सुपर लीग है। फुटबाल की इतनी लोकप्रियता होने के बाद भी प्रत्येक 4 सालों बाद होने वाले फुटबाल वर्ल्ड कप में केवल 32 देशों की टीम ही भाग ले पाने में कामयाब हो पाती हैं, क्योंकि इस खेल के वर्ल्ड कप के लिए क्वालीफायर करना बहुत ही कठिन होता है।

Football-goal-line-technology-in-hindi

फुटबाल जोकि एक बहुत ही लोकप्रिय गेम हैं तो स्वाभाविक हैं कि इस खेल से जुड़े कई नियम होंगे, इन नियमों के बावजूद बढ़ती हुई टेक्नोलाजी को ध्यान मे रखते हुए कुछ समय पहले ही फुटबाल के पुराने नियमों में एक नियम ‘गोल लाइन टेक्नोलाजी’ का और इजाफा किया गया हैं। इस नियम के बारे में विस्तृत रूप में जानने से पहले आइये जान लेते हैं फुटबाल खेल से जुड़े कुछ मूलभूत नियम-कायदों के बारे में।

फुटबाल खेल से जुड़े नियमों के बारे में जानकारी-

  • 1.फुटबाल गेम दो टीमों के बीच खेला जाता हैं जिसमें प्रत्येक टीम में कुल 11-11 खिलाड़ी होते हैं. इन दोनों टीमों में जो टीम ज्यादा गोल कर पाने में कामयाब रहती हैं वह विजेता कहलाती हैं।
  • 2.फुटबाल खेल में जब किसी स्ट्राइकर (गोल करने वाला) के द्वारा बाल को गोल करने के लिए मारा जाता है, तो दूसरी टीम का गोलकीपर अपने हाथो व पैरों की सहायता से उस बाल को गोल होने से रोकने की कोशिश करता हैं. नियमों के मुताबिक यदि फुटबाल गोल लाइन के पार चली जाती हो तो वह गोल माना जाता हैं और यदि गोलकीपर उस फुटबाल को गोल लाइन क्रास करने से रोकने में कामयाब हो जाता है तो वह गोल नहीं माना जाता है।
  • फुटबाल ने गोल लाइन को क्रास किया या नहीं इस बात का फैसला रेफरी द्वारा किया जाता हैं, देखा गया है कि कई बार रेफरी द्वारा दिया गया फैसला गलत भी होता हैं क्योंकि रेफरी को स्वंय पता नहीं होता है कि बाल ने गोल लाइन पार की या नहीं, तो रेफरी की इसी परेशानी को समझते हुए इस समस्या का समाझान करनो के लिए अब फुटबाल में गोल लाइन टेक्नोलाजी का इस्तेमाल करने के नियम को जोड़ा गया हैं।

आखिर क्या होती हैं गोल लाइन टेक्नोलाजी (Goal Line Technology in hindi)

फुटबाल खेल में यूज की जाने वाली गोल लाइन टेक्नोलाजी में कई प्रकार की अन्य टेक्नोलाजी शामिल होती हैं जिनकी मदद से यह मालूम किया जाता है कि फुटबाल खेलने के दौरान, स्ट्राइकर द्वारा गोल करने लिए मारी गयी बाल गोल लाइन को क्रास करने में कामयाब रही या नहीं।

आखिर फुटबाल खेल में इस टेक्नोलाजी की आवश्यकता क्यों पडडी?

फुटबाल खेल में कई बार देखा गया है कि मैच के दौरान गोलकीपर द्वारा फुटबाल को गोल लाइन के पास जाकर रोक लिया जाता हैं, लेकिन यहां रेफरी को यह पता लगाने में परेशानी होती है कि बाल गोल लाइन के बाहर रोकी गयी या गोल लाइन पार करने के बाद रोकी गयी हैं। इसी समस्या को हल करने के लिए इस खेल में गोल लाइन टेक्नोलाजी को शामिल किया गया हैं।

गोल लाइन टेक्नोलाजी किस प्रकार से कार्य करती हैं। (How Does Goal Line Technology work?)

गोल लाइन टेक्नोलाजी में मैच के दौरान रेफरी व अन्य अधिकारियों को एक घड़ी पहनाई जाती हैं जिसमे ऐसी टेक्नालाजी विकसित होती हैं कि जैसे ही गेंद गोल रेखा को पार कर लेती हैं, जिसके तुरंत बाद  (एक सेंकड से भी कम समय में ) ही सिग्नल रेफरी को इस घड़ी के माध्यम से मिल जाता हैं. जिसके बाद तुरंत ही रेफरी अपना फैसला कि फुटबाल ने गोल लाइन पार की या नहीं सुनाता हैं।

यदि गोल लाइन टेक्नोलाजी में इस्तेमाल होने वाली टेक्नालाजी की बात की जाये तो जब इस टेक्नोलाजी के इस खेल में इस्तेमाल किये जाने की बात चल रही थी उस वक्त इंटरनेशनल फुटबाल एसोसिएशन बोर्ड द्वारा नौ तर की टेक्नोलाजी का टेस्ट लिया था जिनमें से दो टेक्नोलाजी हाक आई और गोलरेफ टेक्नोलाजी का चयन किया गया था।  इसके बाद इन टेक्नोलाजी को मंजूरी मिलने के बाद इनका इस्तेमाल अब फुटबाल के मैचों में किया जा रहा है, हालांकि फुटबाल से जुड़े नियमों के अनुसार कोई जरूरी नहीं कि इस तकनीक का उपयोग प्रत्येक मैच में किया जाये।

हाक आई तकनीक क्या है – What is Hawk Eye Technology in Football ?)

हाक आई टेक्नोलाजी को साल 1999 में बनाया गया था जिसमें 14 कैमरों का इस्तेमाल किया जाता है। इस तकनीक में हाई स्पीड वीडियो कैमरों का उपयोग किया जाता है और न कैमरों को फुटबाल मैदान के ऊपर लगाया जाता हैं, यह हाईस्पीड कैमरे गेंद को ट्रैक करते है एवं ट्राईऐन्ग्युलेशंस का उपयोग कर गेंद को गोल रेखा से सम्बन्धित सटीक स्थिति की गणना करते है।

ट्राईऐन्ग्युलेशंस यानि त्रिभुज एक जियोमेट्रिक तकनीक हैं जिसकी सहायता से गेंद की दूरी और स्थिति की गणना करने में मदद मिलती हैं. हाक आई टेकनोलाजी में उपयोग होने वाले साउटवेयर की सहायता से गेंद को ट्रेक किया जाता हैं और इस बात का अनुमान लगाया जाता है कि वह किस दिशा में जायेगी।

हाक आई टेक्नोलाजी के मुताबिक यदि बाल पूरे तरीके से गोलमाउथ को पार करती हैं तो एक एन्क्रिप्टेड सिग्नल रेफरी घड़ी या इयरपीस के माध्मय से एक सेंकण्ड से भी कम समय के अन्दर को मिल जाता हैं जिसके बाद रेफरी अपना निर्णय लेता हैं। इस तकनीकि का इस्तेमाल फुटबाल में हाल ही के दिनों से होने लगा है लेकिन क्रिकेट और टेनिस जैसे अन्य खेलों में इस तकनीक का इस्तेमाल बहुत समय पहले से हो रहा है।

गोलरेफ तकनीक क्या है(What is Goalref Technology?)

गोलरेफ तकनीक में निष्क्रिय इलेक्ट्रानिक सर्किट को गेंद के अदर लगाया जाता हैं, जबकि एक लो फ्रीक्वेंसी मैग्नेटिक को गोलमाउउथ पर लगाया जाता है जिसमें तीन तांबे के काइल्स होते हैं। जैसे ही गेंद गोल लाइन को क्रास करती हैं तो गोलमाउथ के चारों तरफ लगे एंटीना और चुंबकीय एरिया में परिवर्तन होते ही इसका टेडा, कम्प्यूटर को भेज देता हैं. जिसके तत्काल बाद कम्प्यूटर में लगा साफ्टवेयर यह तय करता है कि गेंद ने लाइन क्रास की या नहीं. यदि गेंद ने गोल लाइन क्रास कर ली होती है तो कम्प्यूटर द्वारा इस बात का संकेत रेफरी को आधे सेंकड के अंदर रेफरी द्वारा पहनी हुई घड़ी पर भेज दिया जाता हैं।

गोलरेफ तकनीकि काफी मंहगी हैं।

गोल लाइन टेक्नोलाजी के अन्तर्गत उपयोग की जाने हाक आई और गोलरेफ तकनीक को इस्तेमाल करने में बहुत ज्यादा खर्च आता हैं । जिस कारण इस तकनीक का इस्तेमाल शीर्ष स्तर के मैंचो में ही किया जाता है। यह तकनीक कितनी मंहगी है इस बात का अंदाजा आप लगा सकते हैं कि इस तकनीक को स्टेडियम में स्थापित करने में करीब $ 260,000 का खर्च आता हैं. यहा बजह है कि फाफा ने अपने नियमों में इस तकनीक को अनिवार्य नहीं किया हैं कि प्रत्येक मैंच में इसका इस्तेमाल किया जाये।

Read More Articles –

Disclaimer: Please be aware that the content provided here is for general informational purposes. All information on the Site is provided in good faith, however we make no representation or warranty of any kind, express or implied, regarding the accuracy, adequacy, validity, reliability, availability or completeness of any information on the Site.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here