ईमेल का अविष्कार किसने किया और इसके जन्मदाता कौन है। Email Ka Avishkar Kisne Kiya

Email Ka Avishkar Kisne Kiya: डाक के माध्यम से चिट्ठी पहुंचने में कई दिनों का समय लग जाता है लेकिन ईमेल के अविष्कार के बाद सूचना आसानी से पहुंचने लगा। E-mail दुनिया में संचार क्रांति की एक नई पहल शुरू की जो कि टेलीग्राफ के बाद और उसके बाद  फोन और एक ईमेल एक सूचना क्रांति में तेज गति वाली साबित हुई।

ईमेल का अविष्कार किसने किया । Email Ka Avishkar Kisne Kiya

आइए जानें ईमेल का आविष्कार कब और किसने किया। ईमेल का फुल फॉर्म इलेक्ट्रॉनिक मेल होता है। कोई मैसेज बहुत तेजी से ईमेल के माध्यम से किसी व्यक्ति तक पहुंचाया जा सकता है। ईमेल का आविष्कार 1978 में वीए शिवा अय्यदुरई ने किया था। अय्यदुरई ने कंप्यूटर प्रोग्राम 1978 में बनाया था जिसे‘ईमेल’ कहा गया।

शुरुआती दौर में यह मेल में जो फीचर थे, वही फीचर आज भी हैं, जैसे इनबॉक्स, आउटबॉक्स, फोल्डर्स, मेमो, अटैचमेंट्स  इत्यादि। लेकिन जिसके खोज के 4 साल बाद यानी 30 अगस्त 1982 को अमेरिकी गवर्नमेंट ने  अय्यदुरई को ऑफिशियल रूप से ईमेल की खोज करने वाले के रूप में मान्यता दी।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 1978 में ईमेल की खोज के लिए अमेरिकी कॉपीराइट उन्हें प्रदान किया गया था। उस समय सॉफ्टवेयर की खोज की रक्षा के लिए कॉपीराइट इकलौता तरीका था जिससे की खोजकर्ता को उसका अधिकार मिल जाता था।

ईमेल के खोजकर्ता का जन्म भारत में हुआ था

एक जानकारी के मुताबिक  एर्पानेट, एमआईटी या सेना जैसे बड़े संस्थानों ने ई-मेल की खोज नहीं की। आपको बता दें कि इन संस्थानों का मानना था कि इस तरह की प्रणाली तैयार कर पाना मुश्किल है। ई-मेल को खोजने वाले अय्यदुरई का जन्म मुंबई में एक तमिल परिवार में हुआ था। वह 7 वर्ष की अवस्था में अपने परिवार के साथ अमेरिका चले गए।

अमेरिका में ही 14 वर्ष की उम्र से कंप्यूटर प्रोग्रामिंग के लिए निवार केंद्र सिटी में पढ़ाई की। हाईस्कूल में पढ़ाई करने के साथ उन्होंने न्यू जर्सी में यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन एंड डेनटिस्ट्री में रिसर्च फेलो  बनकर रिसर्च किया। उसके बाद उन्होंने मेल की खोज किया।

E-mail का फुल फॉर्म किया है?

ईमेल का फुल फॉर्म Electronic mail है। इसे इलेक्ट्रॉनिक मेल इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें कंप्यूटर नेटवर्क से जुड़े होते और डाटा यहां से वहां भेजने में मदद करते हैं। ईमेल के माध्यम से हजारों मील दूर बैठे इंसान को मैसेज भेजा जा सकता है। जो सूचना भेजी जाती है उसे ईमेल भाषा में मैसेज या डाटा ट्रांसफर करना भी कहा जाता है।

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