0 Ka Avishkar Kisne Kiya: जीरो का आविष्कार किसने किया आइए जानें इसके बारे में लेकिन आप जानते हैं कि जीरो कैसी संख्या है जो ना negative है और ना ही पॉजिटिव होती है। जीरो का मतलब होता है कुछ नहीं।
जीरो की खोज के बाद संख्या लिखना आसान हो गया था। पूरी दुनिया को शून्य 0 के बारे में भारत ने ही बताया है। प्राचीन समय से ही भारत में 0 का प्रयोग होता रहा है। zero Ka Avishkar Kisne Kiya यह जानना आपके लिए दिलचस्प है क्योंकि जीरो के अधिकार को लेकर कई राय हैं।
फोन के अविष्कार को लेकर भारत के गणितज्ञ दावा करते हैं कि फोन का आविष्कार यहां किया गया है। वहीं अमेरिका के घर तक का कहना है कि फोन का आविष्कार भारत में नहीं हुआ है। बल्कि आमिर एक्जेल में सबसे पुराना सूर्य कंबोडिया में खोजा था।
जीरो (शून्य) का आविष्कार किसने किया? 0 Ka Avishkar Kisne Kiya
भारत के गणितज्ञ ने बताया कि पांचवी शताब्दी के आसपास आर्यभट्ट ने सबसे पहले शून्य का आविष्कार किया था। उसके बाद पूरी दुनिया में शून्य (sunya) को अपनाया गया।
भारत सर्वनन्दि नामक दिगम्बर जैन मुनि द्वारा मूल रूप से प्रकृत में रचित लोकविभाग नाम के ग्रंथ में 0 (zero) का उल्लेख मिलता है। इसी ग्रंथ में सबसे पहले दशमलव संख्या पद्धति का भी जिक्र मिलता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि संत 498 ई. में भारतीय गणितज्ञ और खगोल शास्त्री आर्यभट Arya Bhatt सङ्ख्यास्थाननिरूपणम् में कहा है कि सबसे पहले भारत का ‘शून्य’ का प्रयोग हुआ। उसके बाद अरब जगत में ‘सिफर’ (अर्थ – कुछ नहीं ) नाम से प्रचलित हुआ तत्पश्चात लैटिन, इटैलियन, फ्रेंच आदि से होते हुए इसे अंग्रेजी में ‘जीरो’ (Zero) कहा जाने लगा।
वैसे देखा जाए तो भारत में आर्यभट्ट से पहले ही 0 संख्या की गिनती होती थी। रामायण के करैक्टर रावण के 10 सिर, महाभारत में कौरवों की 100 संख्या आदि की गिनती होती थी, जो बिना 0 के संभव नहीं है। इसलिए मान्यता है कि पांचवी शताब्दी से पहले भारत में 0 शून्य का प्रयोग किया जाता था।
सन 628 ईसवी में ब्रह्मगुप्त ने 0 बारे में सिद्धांत बताया था, जिस कारण से अनुमान लगाया जाता है कि ब्रह्मगुप्त ने शून्य का आविष्कार किया था लेकिन इससे पहले 0 का इस्तेमाल भारत में गणित की गणना में किया जाता था।
Zero शून्य के बारे में रोचक तथ्य
जीरो संख्या का मतलब होता है कुछ नहीं।
जीरो संख्या नेगेटिव 1 संख्या से बड़ी संख्या है।
संस्कृत भाषा में 10 को दशम कहते हैं जिसका प्रयोग आर्यभट्ट के समय से बहुत पहले होता आया है इसलिए जीरो का आविष्कार भारत में ही हुआ है और इसका प्रयोग प्राचीन समय से होता आ रहा है।
जीरो गणित का सबसे बड़ा विस्तार इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह एक (1) के बाद जितना zero लगेगा तो उस संख्या को वह 10 गुना बड़ा बना देता है। जैसे उसे वह 10 गुना बड़ा बना देता है। 10, 100 इत्यादि।