अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (IWD) महिलाओ को उनके बराबर के अधिकार के रूप में मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस अर्थ न के वाल एक व्यक्ति या एक समाज तक सिमित नहीं है बल्कि ये पूरी दुनिया की सभी महिलाओ को है जो कही न कही इस ग्लोबल वर्ल्ड में अपना महत्वपूर्ण यो दान दे रही है या दिया है।
1911 में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (IWD) सभा का आयोजन किया गया था।
ग्लोरिया स्टेनम एक विश्व प्रसिद्ध नारीवादी, पत्रकार और कार्यकर्ता के रूप में जानी जाती है उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को समझाते हुए एक बार ये कहा था कि ” ये एक संघर्ष की कहानी है जो न केवल एक नारी और एक नारीवाद एक संगठन तक सिमित नहीं है, बल्कि ये उन सभी के सामूहिक प्रयासों की कहानी है जो मानव के अधिकारों की परवाह करते हैं।”
ये सिर्फ एक देश, कोई समूह या संगठन विशिष्ट नहीं है। ये दिवस सामूहिक रूप से हर जगह सभी समूहों से संबंधित है। आप यहां पर महिला दिवस पर सुविचार भी पढ़ सकते हैं।
इसलिए अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को भी एक दिवस के रूप मनाये और जिन प्रयासों को करे जिनके द्वारा महिलाओ के लिए सकारात्मक बदलाव आ सकता हैं।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस क्या है और कब मनाया है ?
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) एक वैश्विक दिवस है जिसमे महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक उपलब्धियों के रूप में मनाये जाना वाला एक जश्न है। यह दिन लैंगिक समानता को सही करने और उसमे तेजी लाने के लिए की गयी कार्रवाई को भी दर्शाता है ।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को शुरू करने में कोई एक व्यक्ति, कोई एक सरकार, गैर सरकारी संगठन, दान, निगम, शैक्षणिक संस्थान, महिला नेटवर्क या उनसे जुड़े कोई मीडिया या हब कोई भी पूरी तरह से जिम्मेदार नहीं है। कई संगठनों के सामूहिक प्रयास के बाद एक वार्षिक अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस थीम की घोषणा की गयी।
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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का उद्देशय
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस महिलाओ के विशिष्ट एजेंडा या कारण का समर्थन करता है जिनके द्वारा ये निश्चित होता है कि इस पूरी दुनिया में महिलाओ को भी एक विशिष्ट अधिकार और सम्मान प्राप्त है और आगे भी ये अनुपात बराबर में रहे इस बात का ध्यान रखा जाये । अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस एक उत्सव है जो लैंगिक समानता के प्रति किया गया आह्वान है और एक ऐसा दिवस है जिसे सामूहिक रूप से मनाया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को एक एकता के रूप में, मनाये जाने वाले उत्सव के रूप में, समाज में अपनी समानता की छवि के रूप मेंकी गयी कार्रवाई के बारे में है – जो सिर्फ स्थानीय स्तर पर ही नहीं बल्कि विश्व स्तर पर दिखता है। लेकिन एक बात बिकुल निश्चित है कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस एक सदी से भी अधिक समय से एक दिवस के रूप मनाया जा रहा है जिसके द्वारा महिलाओ की शक्ति से ताकत में वृद्धि जारी है।
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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस क्यों मनाया जाता है ?
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की को 8 मार्च को मनाया जायेगा ऐसा 1913 में मुख्य रूप से आदेश जारी किया गया था। इस दिन के कारण पूरी दुनिया भर में जिन देशो में महिलाओ के खिलाफ भेदभाव थे उन सभी भेदभाव को समाप्त करने में एक मदद मिली।
महिलाओं के वैश्विक विकास को पूरा करने और समाज में उनकी समान भागीदारी को हासिल करने में मदद करने की ओर ध्यान केंद्रित किया।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) महिलाओं को उनकी सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक लगभग हर क्षेत्र में उनको बराबर की उपलब्धियों को दिलाने का और उसे विश्व में मनाने वाला एक वैश्विक दिवस है। ये एक संकेत है जो लैंगिक समानता को दर्शाता है ।
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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कब मनाया है ?
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 8 मार्च 1975 को पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को एक अंतर्राष्ट्रीय उत्सव के रूप में घोषित किया था। 1913 को इसकी तिथि निर्धारित की गयी थी । शुरू में कुछ ही देशो में इसके अपनाया गया था पर बाद में महिलओ के शशक्तिकरण के साथ ये पुरे विश्व में मनाया जाने लगा। ये महिलाओ के शशक्तिकरण और उनके आत्म निर्भरता और ग्लोबल विकास में उनका भी योगदान है, ये दिवस उसी का प्रतीक है।
भारतीय महिला दिवस कब मानते है ?
हमारे देश भारत में शुरू से ही महिलाओ ने कई संधर्ष किये है, चाहे वो शिक्षा के प्रति हो या या समाज में अपने कर्तव्यों के प्रति, जंग मैदान की हो या अपने अधिकारों की लड़ाई। उन्ही संघर्षो में पायी गयी सफलता ही उन सभी महिलाओ की पहचान बनी। भारत में महिला दिवस सरोजिनी नायडू के जनम दिवस 13 फरवरी को भारतीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है। ये दिवस इस बात की पहचान है कि भारतीय महिला हर क्षेत्र और समाज, संगठन, किसी भी स्तर पर कमजोर नहीं है। भारतीय महिलाओ का शशक्तिकरण और उन की हर क्षेत्र में कुशलता ही भारतीय महिला दिवस है।
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भारतीय महिला दिवस
भारत 13 फरवरी को ही बहरतीय महिला दिवस के रूप में मननते है। इस दिन देश की महान कोकिला सरोजिनी नायडू का जन्मदिन हुआ था जिसे हर साल भारत एक राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाता है। भारत की पहली महिला राज्यपाल सरोजिनी नायडू थीं और उन्हें भारत में ‘भारत कोकिला’ के नाम से भी जाना जाता है ।
महान सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी, 1879 को हुआ था। उन्होंने भारत देश के लिए की स्वतंत्रता के लिए भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में मुख्य रूप से भाग लिया था। वो एक महान औरत थी जिनके किये गए कार्य सराहनीय थे और सभी बहरतीय महिलाओ के लिए कारगर साबित हुए। वो केवल एक स्वत्रता सेनानी ही नहीं एक प्रसिद्ध कवियत्री, उत्तर प्रदेश की पहली महिला राज्य पाल थी।
उनके कार्य को याद करते हुए और समाज में महिलाओ को उनका बराबर का दर्जा दिलाने के लिए ही भारत में सरोजिनी नायडू जी के जन्मदिन को ही महिला दिवस घोषित किया गया।
महिलाएं हर समाज में कई तरह की भूमिकाएं जीती है, वो हमरे समाज का एक अभिन्न अंग है।
महिलायें अपने जीवन में सहृदय बेटियां, संवेदनशील माताएं, एक सक्षम सहयोगी और कई ऐसी भूमिकाओं को बड़ी कुशलता व सौम्यता से निभाती हैं, जो बेहद हो कठिन और मुश्किल है।