Yoga asanas names with pictures and benefits in Hindi : यदि आप जानना चाह रहे है कि योग क्या होता है, योग का अर्थ और परिभाषा क्या है, योगा के प्रकार क्या हैं तो आप बिल्कुल सही जगह आये हैं क्योंकि आज हम इस पोस्ट में आपको योगा का अर्थ Defination of Yoga, योगा के प्रकार Types of yogas और उन आसन से होने वाले फायदों व योगासनों को किस प्रकार किया जाये के बारे में बताऊंगा। दोस्तो योग हमारी Body के लिए सबसे फायदेमंद व्यायाम है जो हमें शारीरिक व मानिसक रूप से Healthy रखने मदद करता है। योग हमारे शरीर को अंदर और बाहर दोनों तरफ से स्वस्थ रखता है।
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योगा का अर्थ ( Meaning of yoga ) – योग का हिन्दी में अर्थ जोड़ना या बांधना होता है। योग एक प्राचीन भारतीय जीवन पद्धति है जिसमें शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाने का कार्य होता है। योग के जरिए शरीर, मन और मस्तिष्क को पूर्ण रूप से Healthy रखा जा सकता है।
योगाभ्यास की शुरूआत हमेशा कुछ आसान Yoga Poses से करना चाहिए। क्योंकि जब आप योगाभ्यास की शुरूआत करेंगे तो प्रारम्भ में थोड़ी परेशानी हो सकता हैं, लेकिन जब Yoga Regular करना प्रारम्भ कर देंगे तो पायेंगे कि आपको इससे कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ होगें, जिन्हे आप महशूस भी कर पायेंगे।
आज हम आपको 12 उपयोगी योगा के आसन बतायेंगे जिन्हे आप आसानी से कर पायेंगे साथ ही आपको इन योगा के आसनों से फायदा भी होगा।
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12 योगासन और उनके फायदे | yoga asanas names with pictures and benefits in Hindi
आइये जानते हैं 12 योगासन और उन्हे किस प्रकार करना चाहिए साथ ही उनसे होने वाले लाभों के बारें में-
1.अधोमुखश्वानासन योग (ADHO MUKHA SVANASANA YOGA)
अधोमुखश्वानासन योग को करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जायें और अपने दोनों पैरों के बीच कुछ दूरी रखें. इसके बाद आराम से आगे की ओर मुड़े इससे V आकार बन जायेगा। अब अपने पैरों की उंगलियों की मददे से अपने कमर को पीछे की ओर खींचते हुए साँस लें, यहां ध्यान रखनें कि अपने पौरों और हाथों को मुड़ने न दें। ऐसा करने से आफ अपने शरीर के पिछले हिस्से, हाथों और पैरों में खिंचाव महसूस करेंगे और फिर से एक बार लम्बी सांस लें और एक मिनट के लिए इसी आसन में रहें।
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अधोमुखश्वानासन के फायदे (ADHO MUKHA SVANASANA benefits) इसे करने से शरीर में खिचाव होने के कारण मांसपेशियों में मजबूती आती है साथ ही रक्त परिसंचरण में सुधार होने के साथ साइनस की समस्या से भी छुटकारा मिलता है।
2.ताड़ासन योग (TADASANA YOGA)
ताड़ासन को करने के लिए सबसे पहले अपने पैरों में थोड़ी दूरी बनाकर सीधे खड़े हो जायें। इसके उपरांत एक लम्बी साँस लेते हुए अपने पैरों की उँगलियों की मदद से शरीर और दोनों हाथो को धीर-धीरे ऊपर की तरफ उठायें. इसके बाद अपने दोनों हाथों की उँगलियों को जोड़ें। इस आसन में 20-30 सेकंड रहें और अपने शरीर को ऊपर की तरफ खींचे। इसके बाद अपने हाथों की धीर-धीरे सामान्य स्थिति में लायें।
ताड़ासन के लाभ (Benefits of Tadasana ) इस आसन के करने से लम्बाई बढ़ने है और साथ ही रीढ़ की समस्या में भी आराम मिलता है।
3.सुखासन (SUKHASANA YOGA)
सुखासन में दोनों पैरों को मोड़कर बैठ जायें। अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें। दोनों हाथों की हथेलियों को ज्ञान मुद्रा की तरह रखें। इसके बाद आराम-आराम से लम्बी साँस लें और आराम-आराम से साँस को छोड़ें।
सुखासन के लाभ (benefits of sukhasana) सुखासन के की फायदे हैं. चूंकि इस आसन में सीधा बैठा जाता हैं जिस कारण रीढ़ की हड्डी में खिचाव होता हैं जो रीढ़ की हड्डी को लम्बा करने में मदद करता हैं साथ ही सीना चौड़ा होता हैं और मन को शांति मिलती हैं। इसके आलावा आप चिंता, तनाव और मानसिक थकान में भी आराम पायेंगे।
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4.शवासन योग (SHAVASANA YOGA)
शवासन को करना बहुत ही आसान हैं, साथ ही इससे शरीर को बहुत महत्वपूर्ण लाभ भी होते हैं। सबसे पहले आप किसी समतल जगह पर सीधे मुंह लेट जायें। आपने हाथों को एक दूसरे से अलग रखें। इसके बाद कुछ मिनटों के लिए धीरे-धीरे साँस अन्दर लें और बाह छोड़ें।
शवासन के लाभ (benefits of SHAVASANA YOGA ) इस आसन को करने से एकाग्रता बढ़ने के साथ शरीर को आराम भी मिलता है।
5.वीरभद्रासन योग (VIRABHADRASANA YOGA)
वीरभद्रासन आसन को करने के लिए सबसे पहले सीधे दोनों पैरों को फैलाकर (2-3 फिट ) खड़े हो जायें। अब साँस लेते हुए दोनों हांथों को जमीन के समान्तर में ऊपर उठायें और अपने सर को दाएँ तरफ मोड़ें। इसके बाद सांस छोड़ते हुए अपने दाएं पैर को 90 डिग्री में मोड़ें और हल्का सा दाएँ तरफ मोड़ें। इसके बाद इस आसन में कुछ समय रूकें और फिर सामान्य हो जायें। इस आसन को 5-6 बार करना चाहिए।
वीरभद्रासन के लाभ (benefits of VIRABHADRASANA YOGA) इस आसन से पैरों और भुजाओं को शक्ति मिलती हैं एवं शरीर का निचला हिस्सा स्वस्थ रहता है।
6.वृक्षासन योग (VRIKASANA YOGA)
अपने दोनों हाथों को बगल में रख कर सीधे खड़े हों। उसके बाद ध्यान से अपने दाएँ पैर को अपने बाएँ पैर के जांघ पर रखकर सीधे खड़े रहें और प्रार्थना मुद्रा धारण करें। इस आसन को 30-45 सेकंड तक करना चाहिए।
वृक्षासन के लाभ (Benefits of VRIKASANA YOGA) – इस आसन से जांघ, पैर और रीढ़ की हड्डी मजबूत हाती है और शरीर के संतुलन में सुधार आना।
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7.सेतुबंधासन योग (SETUBANDHASANA YOGA)
इस योग मुद्रा में आपको अपने शरीर को एक पुल के जैसे बनाना पड़ता है। सबसे पहले जमीन पर सीधे लेट जाएँ और अपने बाहं को दोनों तरफ रखें। शरीर के नीचले हिस्से को उठायें। उस मुद्रा में एक लम्बी सी साँस लें और लगभग 25-30 सेकंड तक रुकें रहे और फिर धीरे-धीरे समान्य अवस्था में आ जाए। इस योगासन को 4-5 बार करना चाहिए।
सेतुबंधासन योग के लाभ (benefits of sETUBANDHASANA YOGA)– इस आसन से छाती मजबूत हाती है और रीढ़ की हड्डी भी स्वस्थ रहती है। मानसिक तनाव दूर होता है।
8.त्रिकोणासन योग (TRIKONASANA YOGA)
सबसे पहले सीधे खड़े हों और अपने दोनों पैरों के बिच थोडी दूरी रखें। उसके बाद अपने दाएँ पैर को 90 डिग्री में मोड़ें। उसके बाद थोडा सा शरीर को भी दाएँ तरफ झुकाते हुए अपने दाएँ हाँथ से अपने दाएँ पैर के उँगलियों को छुएं और बाएँ हांथ को ऊपर की और सीधा रखें। इस आसन में 1-2 मिनट तक रुकें रहे।
त्रिकोणासन योग के लाभ(benefits of Trikonasana yoga– शरीर में खिचाव के कारण रक्त परिसंचरण में सुधार होता है। सथा ही किडनी भी स्वस्थ रहती है।
9.अर्धमत्स्येन्द्रासन योग ( ARDHA MATSYENDRASANA YOGA)
सर्वप्रथम सीधे बैठ जाएँ। उसके बाद अपने बाएँ पैर को मोड़ें और अपने पीछे दाएं तरफ को छूने की कोशिश करें। उसके बाद अपने दाएँ पैर को अपने बाएँ पैर के अगली तरफ ले जाकर रखें। दायाँ पैर अगली तरफ जमीन को छूना चाहिए। उसके बाद अपने शरीर को मोड़ते हुए विपरीत दिशा में खींचे और अगले पैर को पीछे से छूने की कोशिश करें। इस आसन में 20-30 सेकंड तक बने रहे। उसके बाद इस आसन को उलटी दिशा में दोहराएँ।
अर्धमत्स्येन्द्रासन योग के लाभ (benefits of Ardhamatsyendrasana yoga) – मांशपेशियों में खिचाव होता है जिससे रीढ़ की हड्डी में मजबूती आती है। कब्ज़ और अपचन से शरीर को बचाता है। रक्त परिसंचरण सही तरीके से होता है।
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10.भुजंगासन योग (BHUJANGASANA YOGA)
सबसे पहले उल्टे पेट लेट जाएँ। उसके बाद एक लम्बी साँस के साथ अपने शरीर के उपरी भाग को जैसे सिर, गर्दन, कन्धों और छाती को ऊपर की तरफ ले जाएँ इस आसन में 20-30 सेकंड तक रुके रहे। इस आसन को 4-5 बार करना चाहिए।
भुजंगासन के लाभ (benefits of bhujangasana yoga) – Acidity और गैस की समस्या दूर होती है मोटापा कम होता है। रक्त परिसंचरण सही रहता है। अपच, कब्ज की परेशानी दूर होती है।
11.बद्ध कोणासन योग (BADDHAKONASANA YOGA)
जमीन पर एक चादर बिछा कर सीधे बैठ जाएँ। उसके बाद अपने दोनों पैरों के तलुओ को जोड़ लें। उसके बाद दोनों पैरों के जुड़े हुए स्थान को नीचे से पकड़ने की कोशिश करें। उसके बाद अपने पैरों को तितली की पंख की तरह हिलाएं। इस आसन को तेज़ी से और धीरे से भी कर सकते हैं।
बद्ध कोणासन के लाभ (benefits of baddhakonasana yoga)– यह आसन पेट के अंगों के अंगो के साथ ही किडनी को भी स्वस्थ रखता है।
12.बालासन योग (BALASANA YOGA)
सबसे पहले अपने पैरों को पीछे की ओर मोड़ कर बैठ जाए जैसे नमाज में बैठते है। फिर दोनों हाथों को अपने जांघों में रख कर सीधे बैठ जाए। उसके बाद धीरे-धीरे साँस छोड़ते हुए अपनी छाती को घुटनों से जोड़ें। उसके बाद धीरे-धीरे साँस लें और इस आसन में 2-3 मिनट तक बने रहे। इस आसन को 5-10 बार तक करना चाहिए।
बालासन योग के लाभ (benefits of balasana yoga)– इस आसन से मानसिक तनाव दूर होता है, और कमर दर्द भी दूर होता है।
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Yoga करना हमारे शरीर के लिए बहुत लाभदायक हैं। योग से हम शारीरिक तो स्वस्थ रह ही सकते हैं साथ ही बौद्धिक और मानसिक रूप से भी स्वस्थ रह सकते हैं। तो मुझे उम्मीद है कि आपको yoga asanas names with pictures and benefits in Hindi के बारे में दी गयी जानकारी पसंद आयी होगी। यदि yoga asanas with pictures and names in hindi से जुड़ी जानकारी लाभप्रद लगी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें जिससे कि वह भी योगा के फायदे और इसे करने के तरीकों को जान पायें।
बेहद ही बढ़िया post, काफी विस्तार में आपने बताया की योग करा करना किस तरह सभी के लिए लाभकारी हो सकता हैं |