प्राचीन भारत की कुछ बहुमूल्य खोजों में से एक योगासन है। हमारे देश भारत मे बहुत पहले ही यह समझ लिया गया था कि शरीर का हर अंग अलग तरह से काम करता है और वह सही तरह से काम करता रहे इसके लिए उस अंग को नियमित अभ्यास की जरूरत पड़ेगी।
इसी के बाद योग की शुरुआत हुई। योग का अर्थ संस्कृत में जोड़ना होता है। इसलिए यह कह सकते हैं कि योग आसान वह आसन होते हैं जो शरीर, बुध्दि और आत्मा को जोड़कर एक करते हैं।
इसलिए कहते हैं कि न सिर्फ फिजिकली फिट रहने के लिए बल्कि मानसिक तौर पर स्वस्थ रहने के लिए भी योग बहुत लाभदायक है।
हम में से कई लोगो को योगासन और उससे होने वाले फायदे जानने की उत्सुकता रहती है। इसलिए आज
Types of Yoga in Hindi में हम जानेंगे हिंदी में योगाओ के नाम Yoga Name in Hindi और साथ मे Yoga Asanas and Their Benefits in Hindi.
Name of Yoga Asanas in Hindi योगाओ के नाम
आज हम 20 ऐसे योगों के बारे में आपको बताएंगे जिनको यदि आप करते हैं तो आपके शरीर का हर एक अंग स्वस्थ रहेगा। तो चलिए जानते हैं 20 ऐसे योग.
1.कटिचक्रासन (Kati Chakrasana)
जिन्हें भी कब्ज रहता है उन्हें1 यह आसन जरूर करना चाहिए। इस आसन को करने से रीढ़ की हड्डी लचीली होती है साथ ही कमर भी मजबूत होती है। इसके अलावा हमारे गर्दन और कंधों को भी यह आसन खोलता है। इन सब के साथ साथ यह आसन हाथ पैर को मजबूती प्रदान करता है।
2 भुजंगासन (Bhujangasana)
यह आसन उन महिलाओं के लिए बहुत लाभदायक है जिनके अनियमित पीरियड्स की शिकायत रहती है। यदि आप स्ट्रेस फुल महसूस कर रहे हैं तो यह आसन करना चाहिए। इससे हमारी हमारी कमर के निचला हिस्सा मजबूत होता है। इसके साथ ही पेट अंदर मौजूद अंगों का भी व्यायाम हो जाता है। इस योग को करने से दिल दुरुस्त रहता है।
3 सेतु बंध सर्वांगासन (Sarvangasana )
यह योगासन गर्दन, हिप्स, रीढ़ की हड्डी और छाती के नसों को लचीला बनाता है। इस आसन से कमर, हैमस्ट्रिंग और नितंब मजबूत होता है। यदि आपके शरीर मे खून का बहाव सही नही है तो इसको करने से खून पूरे शरीर मे अच्छी तरह से प्रवाहित होता है।
4. कुर्मासन (Kurmasana Yoga)
इस आसन को करने से व्यक्ति का पाचन तंत्र मजबूत बनता है। इस आसन को करने से कमर, पैर, छाती और कंधे मजबूत बनते हैं। इन सभी जगह की नसों को यह आसन स्ट्रेच करता है। लेकिन करते वक़्त सावधानी जरूर रखनी चाहिए। जितना शरीर स्ट्रेच हो सके उतना ही करें।
5 मत्स्यासन (Matsyasana)
इस योग को करने से आपका स्वसन तंत्र मजबूत होने लगता है। फेफड़ो में हवा भरने की क्षमता बढ़ने लगती है। यह पिट्यूरिटी, पिनियल ग्लैंड और पैराथाइरोइड को टोन करता है, साथ मे गर्दन और कमर की मसल्स को मजबूत बनाता है।
6. अधो मुख स्वानासन
रीढ़ की हड्डी और कमर दर्द की शिकायत से जूझ रहे लोगो के लिए यह योग काफी कारगर होगा। यह ऊपरी, मध्य और निचले कमर दर्द को दूर करता है साथ मे रीढ़ की हड्डी को सीधा करता है। इस योग को करने से आपके हाथ पांव के मसल्स भी मजबूत बनते हैं।
7. बालासन
इस योग को करने से आपकी जांघ और हिप्स की मांशपेशियां मजबूत बनती है, इसके साथ ही स्ट्रेस को दूर करने के लिए भी आप यह आसन कर सकते हैं। यह आसन हमारे शरीर मे खून के बहाव को बढ़ाता है।
8. गोमुखासन
किडनी को स्वस्थ बनाने में यह आसन बहुत कारगर है। इस आसन से आप अनेक लाभ पा सकते हैं। जैसे यदि आपको हाई ब्लड प्रेशर, डाइबिटीज या यौन दुर्बलता हो तो आप इस आसन के जरिए इन समस्याओं से निजात पा सकते हैं।
9. ताड़ासन
यह आसन पैरो को मजबूत बनाता है। इसको करने से जांघ, घुटने और टखने मजबूत बनते हैं। साथ ही आप मे एक नई ऊर्जा का संचार होता है।
10. पवनमुक्तासन
यह आसन सिर्फ पेट के लिए है। पाचन से जुड़े सभी अंगों का मसाज इस आसन को करने से हो जाता है। यदि किसी को गैस आदि की समस्या हो तो वह इस आसन को जरूर करने की कोशिश करें। पेट से जुड़ी हर साल तरह की समस्या का इलाज यह आसन है।
11. उष्ट्रासन
इस आसन को करने से जांघो का अतिरिक्त फैट कम होता है और हाथ और पैर की मांशपेशियां मजबूत बनती है। इससे पाचन तंत्र के अंगों का भी मसाज होता है। यदि कमर के निचले हिस्से में दर्द रहता है तो वह भी इस आसन को करने से दूर होता है। रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाने में भी यह आसन सहायक है।
12. वायु निष्कासन
इससे रीढ़ की हड्डी, हाथ और पैर में एक खिंचाव होता है जिससे इनमे पैदा हुआ स्ट्रेस दूर हो जाता है। इसको करने से इन अंगों के जॉइंट काफी मजबूत हो जाते हैं। जांघ, घुटनो, कंधे, गर्दन के लिए यह आसन काफी लाभदायक है।
13. सर्वांगासन
यह आसन थाइरोइड की किसी भी तरह की समस्या से हमा सुरक्षा करता है। साथ ही साथ यह आसन इस बात को सुनिश्चित करता है कि हमारे दिल तक खून बिना किसी खिंचाव और रुकावट के ग्रेविटी की मदद से पहुँचे। यह आसन हमारे दिल को दुरुस्त रखता है।
14. शुक्रासन
यह एक बहुत ही बेसिक से योगासन है जिसे हर कोई आसानी से कर सकता है। इसको करने से छाती चौड़ी होती है। इस आसन का सबसे बड़ा लाभ मन और मस्तिष्क को होता है। इससे मन शांत होता है। मन की बेचैनी, स्ट्रेस सब कुछ खत्म हो जाता है।
15. उत्तानपादासन
यह आसन पाचन से संबंधित अंगो को मजबूती प्रदान करता है, कब्ज से संबंधित दिक्कतों को यह आसन दूर करता है। डाइबटीज के रोगियो को यह आसन जरूर करना चाहिए, इससे उनको काफी लाभ मिलेगा।
16. शलभासन
यदि किसी को कमर मजबूत करना हो तो उसके लिए यह आसन सबसे उपयुक्त है। यह आसन कमर की मांशपेशियों को मजबूत बनाता है। लेकिन जिन्हें पहले से ही कमर से संबंधित कोई समस्या है, उन्हें इस आसन को करते वक़्त ज्यादा जोर नही लगाना है।
17. चतुरंग दंडासन
यह आसन हाथ, कंधे और पैरों को मजबूत बनाता है। इसको करने से शरीर मे बैलेंस की स्थिति बनती है। एक तरह से यह आसन पूरे शरीर को मजबूती के साथ साथ ऊर्जा भी देता है।
18. उत्कटासन
इस आसन का नाम यह इशारा करता है कि यह एक पावरफुल पोजीशन है, जिसको करने से हिप्स, पैर, लोअर बैक और रीढ़ की हड्डी को काफी लाभ मिलता है। यह आसन करने में बहुत आसान है। इसे कोई भी कर सकता है।
19. वृक्षासन
इस आसन में हम एक पेड़ की तरह एक पैर पर स्थिर होने की कोशिश करते हैं। इस आसन को करने से मन मे स्थिरता आती है। दिमाग एकाग्र होता है। इसके साथ ही पैरो की मांशपेशियां मजबूत बनती हैं।
20. मकरासन
यह आसन अस्थमा, घुटनो की दिक्कत और फेफड़ों से जुड़ी समस्या से राहत दिलाता है। इस आसन को आप स्लिप डिस्क होने पर, स्पॉन्डिलाइटिस होने पर, साइटिका होने पर करेंगे तो आपको इन दिक्कतों से राहत मिलेगी।
21. नवासन
यह आसन पेट और रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है। साथ ही किडनी, प्रोस्टेट ग्लैंड और थाइरोइड की समस्या को भी दूर करता है।