Stephen Hawking Biography In Hindi – स्टीफन हॉकिंग एक बहुत ही प्रसिद्ध ब्रतानी ब्रह्माण्ड विज्ञानी, भौतिक विज्ञानी, लेखक और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में सैद्धांतिक विज्ञान केन्द्र के शोध निर्देशक थे। स्टीफन हॉकिंग एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने शारीरिक रूप से विकलांग होने के उपरांत भी अपने आत्मविश्वास के बल पर एक विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में अपने आप को सम्मिलित कर रखा हैं. हॉकिंग दुनियाभर में मौजूद विकलांग लोगों के साथ सामान्य लोगों की भी प्रेरणास्रोत साबित हुए। हॉकिंग 90 प्रतिशत विकलांग थे लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने अपनी क्षमताओं के बल पर अपने आप को सावित किया।
स्टीफन हॉकिंग का जीवन परिचय – Stephen Hawking Biography in hindi
पूरा नाम | स्टीफन विलियम हॉकिंग- Stephen William Hawking
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जन्म | 8 जनवरी 1942, ऑक्सफोर्ड इग्लैंड |
मृत्यु | 14 मार्च 2018 , कैम्ब्रिज इंग्लैंड |
पिता का नाम | फ्रैंक हॉकिंग |
माता का नाम | इसाबेल हॉकिंग |
पत्नी | जेन वाइल्ड, इलियाना मेसन |
शिक्षा | यूनिवर्सिटी कॉलेज,ऑक्सफोर्ड ट्रिनिटी हॉल, कैम्ब्रिज |
राष्टीयता | ब्रितानी |
संस्थान | कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय कैलिफोर्नियां इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी पैरिमीटर इंस्टीट्यूट फॉर थ्योरेटिकल फिजिक्स |
सम्मान / उपलब्धियां | · अल्बर्ट आइंस्टीन पुरस्कार (1978) · वॉल्फ प्राइज़ (1988) · प्रिंस ऑफ ऑस्टुरियस अवाडर्स (1989) · कोप्ले मेडल (2006) · प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम (2009) · विशिष्ट मूलभूत भौतिकी पुरस्कार (2012) |
स्टीफन हॉकिंग का जीवन परिचय-Stephen Hawking biography in hindi
विश्वप्रसिद्ध महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का जन्म 8 जनवरी 1942 में इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड शहर में हुआ था. उनके पिता का नाम फअरैंक और माता का नाम इसाबेल हॉकिंग था जो कि एक सम्पन्न परिवार था. स्टीफन के पिता एक डाक्टर और मॉ हाउस वाइफ थी. हॉकिंग अपने पिता फ्रैंक द्वारा लिए एक दत्तक पुत्र और अपनी दो बहनों में से सबसे बड़े थे। स्टीफन बचपन से ही बहुत बुद्धिमान थे, उनकी बुद्धिमत्ता को देखकर लोग चौक जाते थे. उनकी बुद्धि का अनुमान आप यहीं से लगा सकते हैं कि बचपन में ही उन्हे आइंस्टीन कहकर पुकारा जाता था।
स्टीफन हॉकिंग ने ब्लैक होल और बिग थ्योरी को समझाने में अतुल्यनीय सहयोग दिया है. उनके विकिरण (रेडिएशन) को हम हॉकिंग रेडिएशन भी कहा जाता हैं. हॉकिन ऐसे महान व्यक्ति थे जिन्होंने ब्रहमाण्ड को समझाने की थ्योरी का विकास किया था. वैश्विक स्तर पर उन्होंने कई सारे अभियानो में अपना योगदान दिया हैं।
वो एक ऐसी बीमारी से पीड़ित थे, जिसके चलते उनके शरीर के कई हिस्सों पर लकवा मार गया था. इस बीमारी के कारण उन्हे बोलने में बहुत परेशानी का समना करना पड़ता था, इस कारण वह स्पीच जनरेटिंग डिवाइस का सहारा लेते थे. लेकिन इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और विज्ञान के क्षेत्र में नई खोज जारी रखी. हॉकिंग ने दो शादियां की थी जिन्से उन्हे तीन बच्चे भी हैं.
महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का 14 फरवरी 2018 को 76 साल की उम्र में निधन हो गया