क्या आपको मालूम है कि पहली सिलाई मशीन का आविष्कार सपना देख कर किया गया था।
बताया जाता है एलायस होवे के सपने के कारण ही सिलाई मशीन का आविष्कार हुआ था। हाय सिलाई मशीन के अविष्कार के बारे में और जानकारी हासिल करें-
दुनिया की पहली सिलाई मशीन का आविष्कार अमेरिका के आविष्कारक एलायस होवे ने किया था। उन्होंने 1846 ईसवी में अपनी सिलाई मशीन का पेटेंट कराया था। आज फैशन की दुनिया सिलाई मशीन के धागों पर ही टिकी हुई है अगर एलायस होवे सिलाई मशीन का आविष्कार नहीं किया होता तो आज हम फैशन की दुनिया में नहीं होते।
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सिलाई मशीन के जन्मदाता के बारे में जाने
एलायस होवे ने पहली सिलाई मशीन का आविष्कार किया और फिर सुई धागा चलने लगा नए नए कपड़े फैशन के सीने लगा।
एलायस होवे की पैदाइश 9 जुलाई 1819 को हुआ था। उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत 1835 में अमेरिका की एक टेक्सटाइल कंपनी में ट्रेनी के तौर पर शुरू की थी।
सन 1846 में इनको सिलाई मशीन से लॉकस्टिच डिजाइन के लिए पहले अमेरिकी पेटेंट पुरस्कार के द्वारा सम्मानित किया गया।
लेकिन अमेरिका में कोई भी व्यक्ति इस मशीन को खरीदने के लिए तैयार नहीं हुआ तो उन्होंने अपने भाई के साथ इसे ब्रिटेन में जाकर ढाई सौ पाउंड में एक व्यक्ति को बेचा। पैंट में लगने वाली चैन का आविष्कार इन्होंने 1851 में किया था।
सिलाई मशीन सिलाई की प्रथम मशीन ए. वाईसेन्थाल ने 1755 ई. में बनाई थी। सिलाई मशीन की खास बातचीत की इस सुई के बीच में छेद था दोनों सिरे नुकीले थे। साल 1790 में थॉमस सेंट ने दूसरी मशीन का आविष्कार किया। भारत में 19वीं शताब्दी के अंत में मशीन का प्रचलन शुरू हो गया था।
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आज एक सिलाई मशीन sewing machine से निम्नलिखित तरह की सिलाई की जाती है– |
धागा भरना (Running Stitch) रफू करना (Mending) पैवंद लगाना (Patching) काज (Button-hole) बनाना बटन टाँकना aur hook तुरपन (Hemming Stitch) बखिया (Back Stitch) गोट लगाना (Piping) |
उषा सिलाई मशीन sewing machine का कारखाना कब शुरू हुआ?
भारत की जानी-मानी सिलाई मशीन उषा का कारखाना 1935 में कोलकाता (कलकत्ता) स्थापित किया गया और यहां पर ऊषा मशीन और सभी कलपुर्जे मशीन के बनते थे।
आज सिलाई मशीन इलेक्ट्रॉनिक और स्मार्ट हो गए हैं स्वचालित सिलाई मशीन से सिलाई होती है। बड़े-बड़े फैशन उद्योग में सिलाई मशीन का इस्तेमाल होता है। टेक्सटाइल उद्योग में सिलाई मशीन का कंप्यूटरीकृत वर्जन इस्तेमाल होता है जिससे हजारों कपड़े एक बार में सिले जाते हैं।