संज्ञा किसे कहते हैं? संज्ञा के कितने भेद होते हैं? Sangya Kise Kahate Hain? Sangya Ke Kitne Bhed Hote Hain?
संज्ञा किसे कहते हैं?
संज्ञा किसे कहते हैं? (Sangya Kise Kahate Hain)आज हम आपको उसके बारे में बताने जा रहे हैं, एकदम सरल तरीके से। फिर उसके बाद बताएंगे संज्ञा के कितने भेद होते हैं? Sangya Ke Kitne Bhed Hote Hain? इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप को यह लाभ होगा कि हर संज्ञाओं में संज्ञा के भेद को आसानी से आप बता पाएंगे। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि संज्ञा क्या होती है? इसके कितने भेद होते हैं?
हिंदी भाषा में संज्ञा किसी भी नाम को कहते हैं। जैसे किसी व्यक्ति, स्थान, जीव जंतु, वस्तु, भाव, इत्यादि को संज्ञा कहते हैं। जैसे किसी व्यक्ति का नाम मोहन है। वह प्रयागराज शहर नामक स्थान में रहता है, उसने एक प्यारा सा जीव तोता पाला है, उसे पिंजरे की वस्तु में रखता है तोते का मोहन के प्रति भाव प्रेम का है।
दोस्तों इस मजेदार उदाहरण से आप समझ गए हैं नाम को संज्ञा कहते हैं।
दोस्तों संज्ञा के कितने भेद होते हैं? क्या आप जानते हैं? संज्ञा के तीन प्रमुख भेद / प्रकार हिंदी में होते हैं-
● व्यक्तिवाचक संज्ञा
● जातिवाचक संज्ञा और
● भाववाचक संज्ञा
व्यक्तिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं?
व्यक्तिवाचक संज्ञा में कोई नाम आता है, जैसे महात्मा गांधी, स्थान गुजरात दोस्तों जहां पर महात्मा गांधी विशेष नाम है और गुजरात विशेष राज्य है यानी कि यह अपने आप में यूनिक हैं। इसी तरह ताजमहल, इंडिया गेट यह सभी व्यक्तिवाचक संज्ञा के अंतर्गत आएंगे। क्योंकि उनके जैसा कोई दूसरा नहीं है। आपका नाम व्यक्तिवाचक संज्ञा के अंतर्गत आएगा। इसी तरह समझे की
इस पुस्तकालय में ढेर सारी किताबें है।
अगर हम विशेष बात पुस्तकालय के लिए करें यानी कोलकाता पुस्तकालय में प्रेमचंद की गोदान, प्रेमाश्रय कर्मभूमि जैसे उपन्यास हैं। अंडर लाइन क्या हुआ शब्द विशेष है इसलिए व्यक्तिवाचक संज्ञा कहलाता है।
यहां पर कोलकाता, पुस्तकालय, प्रेमचंद, गोदान, प्रेमाश्रय, कर्मभूमि यह सब व्यक्तिवाचक संज्ञा है क्योंकि यह विशेष है, किसी स्थान नाम या वस्तु के बारे में विशेष बात बता रहे हैं।
जातिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं?
जातिवाचक संज्ञा उसे कहते हैं जो व्यक्तिवाचक संज्ञा नहीं होता है जो विशेष नहीं होता है। इस पुस्तकालय में ढेर सारी किताबें हैं। अंडरलाइन शब्द पुस्तकालय किताबें जाति के बारे में बता रही है इसलिए जातिवाचक संज्ञा है। जबकि व्यक्तिवाचक संज्ञा में इनकी विशेष नाम सामने आया है जैसे किताबें कौन सी, गोदान, रामचरितमानस रामायण इत्यादि।
भाववाचक संज्ञा किसे कहते हैं? Bhav Vachak Sangya Kise Kahate Hain?
जिस संख्या से भाव, गुण, दशा इत्यादि के नाम की जानकारी मिलती है उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं। अंग्रेजी में Abstract Noun कहते हैं। इसे इस उदाहरण से समझे की मनुष्य का एक भाव प्रेम है। तो कभी घृणा में तो कभी दुख में अपनी इस इमोशन में फंसा रहता है। तो दोस्तों यहां पर प्रेम घृणा दुख इत्यादि मनुष्य मनोदशा के बारे में बता रहे हैं। क्योंकि यह एक नाम की तरह इस्तेमाल हो रहा है इसलिए इसे भाववाचक संज्ञा कहा जाता है।
इसी तरह बचपन जवानी बुढ़ापा आदि नाम की दशा को बता रहा है इसलिए भाववाचक संज्ञा है। इसी तरह गुण जिसे Angreji Mein Quality Kahate Hain जिसे अंग्रेजी में क्वालिटी कहते हैं जो गुड़ को बताने वाला नाम है जैसे आम खट्टा है तो इसे हम कहेंगे खट्टास, मिठास, नमकीन यह सब भाववाचक संज्ञा के उदाहरण है। आपने गौर किया कि इसमें भी नाम है तो मैंने बताया था कि जो लाभ होता है उसे ही संज्ञा कहते हैं। तो संज्ञा केवल 3 तरह के होते हैं।
अंग्रेजी भाषा की ग्रामर में संख्या कौन-कौन से तरह के होते हैं?
- व्यक्तिवाचक संज्ञा Proper Noun
- जातिवाचक संज्ञा Common Noun
- पदार्थ वाचक संज्ञा Material Noun
- समूहवाचक संज्ञा Collective Noun
भाववाचक संज्ञा Abstract Noun
हिंदी और अंग्रेजी में कितने संख्या होते हैं?
हिंदी में केवल तीन संख्या होते हैं-व्यक्तिवाचक जातिवाचक और भाववाचक संज्ञा जबकि जातिवाचक संज्ञा के अंतर्गत अंग्रेजी के पदार्थ वाचक यानी Material Noun, समूहवाचक यानी Material Noun में आ जाता है।
हिंदी भाषा में कितनी संज्ञा पढ़ाई जाती है?
हिंदी में तीन या पांच संज्ञाएं होती है?
इस सवाल का जवाब आसान है कि हिंदी में केवल तीन संज्ञा ही होती हैं जबकि अंग्रेजी में 5 संज्ञा होती है। English Grammar पढ़ने वाले अंग्रेजी ग्रामर का अनुवाद करके हिंदी व्याकरण में पांच संज्ञा बता देते हैं जो कि गलत है। हिंदी में संज्ञा के भेद से बता देते हैं।। Material Noun and Collective Noun जातिवाचक संज्ञा के अंतर्गत हिंदी में आता है। इसलिए हिंदी में संज्ञा 3 तरीके/ प्रकार के ही होती हैं।