स्वतंत्रता सेनानियों के सुविचार…

नमस्कार दोस्तो, Independence Day यानि की 15 August एक ऐसा दिन है जब हम अपने देश की आजादी को बड़े धूमधाम से मनाते है साथ ही यह दिन उन देशभक्तों की याद भी दिलाता है जिन्होंने आने वाली पीड़ियों और देश के लिए अपना परिवार, घर और यहां तक की अपनी जिंदगी को हंसते-हंसते न्यौछावर कर दिया। अब हमारा भी फर्ज बनता है कि उन वीर सपूतों को कभी भी भूलना नहीं चाहिए जिनकी वजह से हमे आज़ादी मिली।  इसलिए आज हम ajabgajabjankari.com पर उन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले मशहूर सेनानियों के कुछ नारे लेकर आये हैं.

Quote – सरफरोशी की तमन्ना, अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है.

-रामप्रसाद बिस्मिल

Quote – आत्मनिर्भरता वाले इंसान की तरह परस्पर निर्भरता का होना भी बहुत जरुरी है। इंसान भी सामाजिक ही है।

            -महात्मा गांधी

Quote – ज़िन्दगी तो अपने दम पर ही जी जाती है..दूसरों के कन्धों पर तो सिर्फ जनाज़े उठाये जाते है.

                                                               -भगत सिंह

Quote – स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है, और मै इसे पाके ही रहूँगा.

-बाल गंगाधर तिलक

Quote – यह तीर्थ महातीर्थों का मत है, मत कहो इसे कालपाणी, तुम सुनो यहां के कण-कण से गाथा बलिदानी.

                                                                            -विनायक दामोदार सावरकर

Quote – अब भी जिसका खून न खौला खून नहीं वो पानी है, जो ना आये देश के काम वो बेकार जवानी है

-चन्द्रशेखर आज़ाद
Quote – मेरी एक ही इच्छा है कि भारत एक अच्छा उत्पादक हो और इस देश में कोई अन्न के लिए आंसू बहाता भूखा न रहे.
     -सरदार बल्लभ भाई पटेल

Quote – अगर लोगों को सच्चा लोकतंत्र या स्वराज चाहिए, तो वो उन्हे कभी असत्य और हिंसा के द्वारा प्राप्त नहीं हो सकता

–  लाल बहादुर शास्त्री

 

Quote – अपने देश की आज़ादी के लिये मर-मिटना हमारे खून में ही लिखा होता है। हमने बहुत से महान लोगो के बलिदान देकर इस आज़ादी को हासिल किया है और हमें अपनी ताकत के बाल पर ही इस आज़ादी को कायम रखना है।

 -सुभाष चद्र बोस

Quote – जीवन लम्बा होने की बजाये महान होना चाहिए ।

                               -डॉ. भीम राव अम्बेडकर

Quote – भारत की एकता का मुख्य आधार है एक संस्कृति, जिसका उत्साह कभी नहीं टूटा,यही इसकी विशेषता है. भारतीय संस्कृति अक्षुण्ण है, क्योंकि भारतीय संस्कृति की धारा निरंतर बहती रही है और बहेगी.

                                –  मदन मोहन मालवीय

दोस्तो हमारे देश को आजाद कराने के लिए न जाने कितने लोगों ने कुर्बानी दे दी, वहीं हमारे देश में आज भी कई बुराईयां है जिनकी वजह से हमे शर्मिंदा होना पड़ता है साथ ही उन कुर्बानी देने वालों लोगों की आत्मा को भी बहुत दुःख होता होगा। तो आइये हम इस स्वतंत्रता दिवस पर कसम खाते हैं कि हम ज्यादा कुछ नहीं तो कम से कम हमारे आस-पास फैली तमाम बुराईंयों को समाप्त करने का प्रयास करें। यदि आप मेरे दिल से निकली इन बातों से Agree करते हैं तो इस पोस्ट को लाइक और शेयर के साथ कमेंट जरूर करें।

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