बच्चों को खेलने के लिए खिलौना जरूर देना चाहिए बात उस समय की है जब राइट बंधु अपने बचपन में एक कागज खबर और बांस से बने हेलीकॉप्टर से खेला करते थे अचानक वह हेलीकॉप्टर टूट गया कब राइट ब्रदर ने खुद से वादा किया कि बड़े होकर वह सचमुच उड़ने वाला हवाई जहाज बनाएगा आखिरकार राइट ब्रदर्स अपना सपना पूरा कर दिया।
ओरविल और विल्बर राइट ब्रदर ने बचपन से ही साइकिल की संरचना को ध्यान में रखकर उन्हें अलग-अलग तरह के पुर्जे जोड़कर हवाई जहाज बनाने की परिकल्पना में डूबे रहें और एक दिन उन्होंने हवाई जहाज बना लिया जो सचमुच में उड़ता था। आइए जानें हवाई जहाज कैसे बना ।
असली उड़ने वाला हवाई जहाज कैसे बना?
राइट ब्रदर Right brothers ने हवा में उड़ने वाले ग्लाइडर भी बनाये। इसके बाद असली हवाई जहाज उन्होंने बनाया।
राइट बंधुओं ने हवाई जहाज बनाने की अड़चनों को बार-बार दूर किया उन्होंने सबसे पहले अपने हवाई जहाज का वजन कम किया उसके उड़ने की सही दिशा संतुलन के लिए थ्री एक्सिस कण्ट्रोल थ्योरी का इस्तेमाल किया। राइट ब्रदर्स ने हवाई जहाज बनाने के लिए फ्लूड डायनामिक्स के Theory का इस्तेमाल किया था। उन्होंने Airoplane को ग्रेविटेशनल फोर्स द्वारा नीचे खींचे जाने से बचाने के लिए लगातार प्रयास किये। कई बार अपने मॉडल में बदलाव किया और उनका प्रयास सफल हो गया।
कब उड़ा पहला हवाई जहाज?
राइट ब्रदर्स की मेहनत सफलता में बदल गई और 17 दिसम्बर 1903 को राइट ब्रदर्स ने उत्तरी कैरोलिना में राइट फ्लायर नामक हवाई जहाज से उड़ान भरी। इसमें हवाई जहाज 120 फीट की ऊंचाई पर 12 सेकंड तक उड़ा था। तब 1908 में हवाई जहाज के आविष्कारक के रूप में राइट बंधुओं को मान्यता दे दी गयी।
हवाई जहाज सबसे पहले बनाने का भारतीयों का दावा?
भारतीय संस्कृति में वेदों और प्राचीन ग्रंथों में कई रहस्य छुपे हुए हैं, जो भारतीय संस्कृति का एक बहुत बड़ा हिस्सा है। अगस्त मुनि ने विमान बनाने के रहस्य के बारे में प्राचीन समय में ही बताया था इसलिए माना जाता है कि भारत में हवाई जहाज बनाने का ज्ञान राइट बंधु से पहले कई शताब्दी पहले था।
आधिकारिक रूप से माना जाता है कि अमेरिकी राइट बंधु ने 17 सितंबर 1930 को पहली सफल उड़ान भरी। राइट बंधु के इस दावे को फ्रांस की एक कंपनी ने भी चुनौती दिया और उसने कहा कि हवाई जहाज उड़ाने का आविष्कार इससे पहले करने का दावा किया। ऐसा ही दावा भारत से भी किया गया राइट ब्रदर्स से आठ साल पहले वर्ष 1895 में शिवकर बापूजी तलपड़े नाम के भारतीय विज्ञानिक मुंबई की चौपाटी के पास सार्वजनिक रूप से हवाई जहाज 15 feet ऊपर तक सफल उड़ान भरी।
हजारों लोगों के बीच उस समय के तत्कालीन बड़ौदा नरेश सर शिवाजी राव गायकवाड़ और लालजी नारायण भी इस प्रदर्शन के समय मौजूद थे। भारतीय प्रतिनिधि इतिहास के पन्नों में दर्ज होकर कहीं गुम हो गए और इसके बाद राइट बंधुओं के सफल उड़ान को पहली उड़ान का दर्जा पश्चिम के देशों ने दे दिया।
शिवकर बापूजी तलपड़े पहले सफल हवाई जहाज उड़ाने की कोशिशों पर एक फिल्म बनी जो बहुत पॉपुलर हुई, इस फिल्म का नाम हवाईजादा है।