Akshardham Mandir History or facts in Hindi – दिल्ली में स्थित अक्षरधाम मंदिर, जिसे हम स्वामी नारायण मंदिर के नाम से भी जानते हैं, यह भारत में स्थित सबसे बड़ा हिन्दु मंदिर परिसरों में से एक है. यह मंदिर एक बहुत ही अनूठा सांस्कृतिक तीर्थ स्थान है, जिसे भगवान स्वामिनारायण की याद में बनवाया गया था. यह मंदिर भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिकता और वास्तुकला को बखूबी दर्शाता है. आइये दिल्ली में स्थित अक्षरधाम मंदिर से जुड़े रोचक तथ्य / facts about Akshardham Temple in Hindi के बारे में जानते हैं. मुझे उम्मीद है कि Akshardham temple history in hindi से आप कुछ जानकारी हासिल कर पायेंगे.
अक्षरधाम मंदिर का इतिहास व रोचक तथ्य
1.दिल्ली का यह मंदिर भारत के प्रमुख प्रर्यटक स्थलों में से एक है, इस मंदिर से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें जिन्हे शायद ही आप जानते होगें. आइये आज हम आपको अक्षरधाम मंदिर से जुड़ी कुछ रोचक बातों से रूबरू कराते हैं, जिनकी वदौलत है दुनियाभर में प्रसिद्ध है.
2.अक्षरधाम मंदिर से जुड़ी सबसे रोचक बात यह कि इस विशाल मंदिर को बनाने में करीब 11000 कुशल कारीगरों व अन्य हजारों सहायकों की मदद से करीब 5 वर्ष निर्माण कार्य पूरा हो गया. और इसे आधिकारिक तौर पर 6 नवंबर 2005 को खोल दिया गया था.
3.अक्षरधाम के इस भव्य मंदिर में 10 प्रवेश द्वार हैं , जो वैदिक साहित्य के मुताबिक 10 प्रमुख दिशाओं का प्रतीक हैं. मंदिर के यह द्वार इस बात का प्रतीक हैं कि सभी दिशाओं से समस्त अच्छाई मंदिर के अन्दर प्रवेश करती है.
4.भगवान स्वामीनारायण का यह मंदिर भारतीय वास्तुकला, आध्यात्मिकता व परंपरा को दर्शाता हैं, यही कारण है कि यह भारत के प्रमुख आकर्षणों में अपनी जगह बनाए हुए है.
5.दिल्ली में स्थित यह विशाल मंदिर, दुनिया के सबसे बड़े हिन्दु मंदिरों में शुमार होने के कारण गिनीज़ बुक के वर्ल्ड रिकार्ड् में अपनी जगह बनाये हुए है.
6.यह मंदिर चारों तरफ से नारायण सरोवर से घिरा हुआ हैं, जिसमें करीब 151 भारतीय सरोवरों का पानी समाहित है. इसके साथ ही 108 गौमुख स्थापित हैं जो हिन्दुओं के 108 देवताओं का प्रतिनिधत्व करते हैं.
7.इस भव्य अक्षरधाम मंदिर में एक बहुत ही सुन्दर कमल के आकार क ब़ाग है जिसका नाम उसके आकार के हिसाब से पड़ा. इस बाग मे विशाल पत्थर लगे हुए हैं जिन पर शेक्सपियर, मार्टिन लूथर, स्वामी विवेकानन्द और स्वामीनारायण जैसे महान हस्तियों के उद्धरण उत्कीर्ण है.
8.दो मंजिलों को मुलाकर मंदिर के चारों तरफ एक फुटपाथ बनाया गया हैं जिससे वह पूरी एक परिक्रमा का निर्णाण करते हैं. 3000 फ़ीट लम्बा यह रास्ता, 1200 खम्भो व 155 शिखरों से सजा हुआ है.
9.मनमोहक इस मंदिर में एक और अन्य बाग हैं जिसे ‘भारत उपवन’ के नाम से जाना जाता है. बाग में स्थित एक बड़ा लॉन हैं जिसमें भारतीय स्वतंत्रता सैनानियों, राष्ट्रीय हस्तियों, योद्धाओं की तांबे से बनी मूर्तियों से सजा हुआ है.
10.अक्षरधाम मंदिर में एक यज्ञकंण्ड है, जो विश्व में अपनी तरह का सबसे बड़ा कुंड है. कमल के आकार में बने इस कुंड में 108 छोटे-बड़े तीर्थ हैं एवं कुंड की ओर जाने वाले 2780 कदम है. कुंड की बनावट उत्तम ज्यामितीय रूप में है एवं इसे इस तरह से तैयार किया गया है कि मानो यह प्राचीन गणितीय कौशल विद्धानों के ज्ञान का शुक्रिया अदा करता हो.
11.मंदिर में आने वाले पर्यटको के लिए सबसे ज्यादा आकर्षण का केन्द्र है , यहां सायंकाल को प्रस्तुत किया जाने वाला म्यूजिकल फाउंटेन शो. प्रत्येक शाम यहां 15 मिनट का एक शानदार प्रदर्शन होता है. यह शो जीवन के चक्र को दर्शाता है, जन्म से लेकर मृत्यु तक, सुंदर रंगीन फब्बारे के साथ सभी घटनाओं को प्रदर्शित करता है.
12.अक्षरधाम मंदिर के अन्दर एक भोजनालय है जिसे प्रेमवती आहारगृह के नाम से जाना जाता है, यह भोजनालय अजंता और एलोरा की गुफाओं के रूप में तैयार किया गया है.
13.इस मंदिर में लक्ष्मी नारायण, शिव पार्वती, राधा कृष्ण और सीता राम सहित अन्य कई हिन्दू देवी देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं. परिसर में एक थियेटर मौजूद हैं जो नीलकंठ के रूप में जाना जाता है. यह स्वामारायण के जीवन से होने वाली घटनाओं को दर्शाता है.
14.इस मंदिर में सुरक्षा के विशेष प्रबंध किये गये हैं. मंदिर में प्रवेश करने से पहले आपको सुरक्षा के सभी मापदंडों पर खरा उतरना होगा इसके अलावा आप अपने साथ कोई भी चीज जैसे कैमरा, फोन आदि नही ले जा सकते हैं.
दोस्तो उम्मीद करता हूं कि Akshardham mandir & Akshardham temple history in hindi व facts about akshardham temple in hindi व swaminarayan mandir delhi बारे में दी गयी जानकारी पसंद आयी होगी. यदि पसंद आयी हो तो हमे कमेंट करके जरूर बतायें.
अक्षरधाम मंदिर से जुड़े कुछ जरूरी प्रश्न- उत्तर
स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर भारत का एक प्रसिद्ध मंदिर है जो दिल्ली में स्थित है। अक्षरधाम मंदिर साल 2005 में खोला गया था, जो भगवान स्वामीनारायण को समर्पित है।