दोस्तो हिंन्दुस्तान की आजादी मिलने के बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल ने पूरे देश को एकता के सूत्र में बांधने में अहम भूमिका निभाई है। इसी कारण सरदार वल्लभभाई पटेल की जंयती पर हर साल 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। आज यहां हम राष्ट्रीय एकता दिवस पर आपके साथ कुछ जानकारी साझा करेंगे। उम्मीद करता हूं कि आपको राष्ट्रीय एकता दिवस पर 10 लाइन्स पसंद आयेंगी तथा स्कूल एवं कॉलेजों में आपके उपयोग लायक होंगी।
राष्ट्रीय एकता दिवस पर 10 लाइन ( 10 Lines on National Unity Day in Hindi)
1. सरदार वल्लभभाई पटेल के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में हर साल 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस मनाये जाने की शुरूआत 2014 से की गयी।
2. राष्ट्रीय एकता दिवस मनाने का उद्देश्य देश, अखंडता और सुरक्षा के लिए वास्तविक और संभावित खतरे का सामना करने के लिए हमारे देश की अंतर्निहित ताकत और फ्लेक्सिबिलिटी का फिर से पुष्टि करने का अवसर प्रदान करेगा।
3. राष्ट्रीय एकता दिवस के बारे में जागरूकता बढ़ाने और महान व्यक्ति को याद करने लिए राष्ट्रव्यापी मैराथन का भी आयोजन किया जाता है।
4. राष्ट्रीय एकता दिवस पूरे देश में असाधारण जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है।
5. इस दिन पूरे भारत में हर जगह लोग “भारत के लौह पुरूष” को ऋद्धासुमन अर्पित करते है।
6. सरदार वल्लभभाई पटेल ही भारत के राजनीतिक एकीकरण के पीछे का मष्तिष्क थे।
सरदार वल्लभभाई पटेल पर 10 लाइन( 10 Lines on Sardar Vallabhbhai Patel)
1. लोहपुरूष सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात राज्य के नडियाद में हुआ था। वह बचपन से ही पढ़ने में होशियार थे, लंदन जाकर उन्होंने बैरिस्टर की पढ़ाई की और वापस अहमदाबाद आकर वकालत करने लगे।
2. महात्मा गांधी जी के विचारों से प्रेरित होकर उन्होंने भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन में हिस्सा लिया, और पहला एवं बड़ा योगदान 1918 में खेड़ा संघर्ष में था जहां उन्होंने 1928 में हुए बारदोली सत्याग्रह में किसान आंदोलन का सफल नेतृत्व भी किया।
3. सरदार वल्लभाई पटेल भारत के पहले उपप्रधानमंत्री और गृहमंत्री थे।
4. आजादी के बाद देशी रियासतों का एकीकरण कर अखंड भारत के निर्माण में अहम भूमिका निभाते हुए 562 छोटी-बड़ी रियासतों को एक धागे में पिरोकर भारतीय संघ में विलीनीकरण करके भारतीय एकता का निर्माण किया।
5. सरदार वल्लभभाई पटेल को “लौह परूष” की उपाधि महात्मा गांधी जी ने दी थी।
6. सरदार पटेल ने भारतीय प्रशासनिक सेवाओं को मजबूत बनाने पर बहुत ज्यादा जोर दिया क्योंकि उनका मानना था कि भारतीय प्रशासनिक सेवाएं देश को एक रखने में अहम भूमिका निभाएंगी। उन्होंने सिविल सेवाओं को स्टील फ्रेम कहा था।
7. वल्लभभाई पटेल को “सरदार” की उपाधि बारडोली सत्याग्रह आंदोलन के सफल होने के बाद वहां की महिलाओं द्वारा प्रदान की गयी थी।
8. सरदार पटेल जी का देहांत 15 दिसंबर 1950 को मुंबई में हुआ था। सन 1991 में सरदार पटेल को मरणोपरान्त “भारत रत्न” से सम्मानित किया गया था।
9. किसी भी राष्ट्र का आधार उसकी एकता और अखंडता में निहित होता है और सरदार पटेल देश की एकता के सूत्रधार थे। इसी वजह से उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
10. सरदार वल्लभभाई के सम्मान में गुजरात के नर्मदा बांध के सामने उनकी 182 मीटर ( 597 फीट) ऊंची लौह प्रतिमा (स्टैचू ऑफ यूनिटी) का निर्माण किया गया। यह विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा है। इसे 31 अक्टूबर 2018 को देश को समर्पित किया गया।
FAQ’s
सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंति के अवसर पर 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस (National Unity Day) मनाया जाता है।
राष्ट्रीय एकता दिवस (National Unity Day) मनाने की शरूआत वर्ष 2014 से की गयी।
राष्ट्रीय एकता दिवस प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किया गया।