संघ लोक सेवा आयोग का इतिहास – प्रारम्भ में भारतीय सिविल सेवा के लिए परीक्षाओं का आयोजन केवल लंदन में ही किया जाता था। भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के दौरान राष्ट्रवादियों ने जो राजनीतिक आन्दोलन चलाया उसकी एक प्रमुख मांग थी कि लोक सेवा आयोग में भर्ती भारत में ही की जाये, भारत में प्रथम लोक सेवा आयोग की नीव अक्तूबर 1926 रखी गई। आज़ादी के बाद संवैधानिक प्रावधानों के मुताविक 26 अक्तूबर 1950 को लोक आयोग की स्थापना की गयी । इस आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के साथ साथ स्वायत्ता भी प्रदान की गयी जिससे यह बिना किसी दबाव व भेदभाव के योग्य अधिकारियों की भर्ती क़र सके। इसके उपरांत इस लोक सेवा आयोग को संघ लोक सेवा आयोग नाम दिया गया।
संवैधानिक प्रावधान-
भारत में संविधान के अनुच्छेद 315 के अन्तर्गत संघ लोग सेवा आयोग की स्थापना की गयी है, इस कारण यह एक संवैधानिक संस्था है. इस आयोग में अध्यक्ष सहित 9 से 11 सदस्य होते है जिनकी नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, इनाका कार्यकाल 6 वर्षों या 65 वर्ष की उम्र तक का हो सकता है. संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवको की भर्ती के लिए मुख्य संस्था है जो केन्द्र एवं केन्द्र शासित प्रदेशो में विभिन्न प्रशासनिक परीक्षाओं का आयोजन करता है।
संघ लोक सेवा आयोग(यू.पी.एस.सी) निम्न परीक्षाओं का आयोजन प्रत्येक वर्ष करती है।
- भारतीय अभियांत्रिकी सेवा
- भारतीय आर्थिक और सांख्यिकी सेवा
- भूगर्भ सेवा
- विशिष्ट श्रेणी रेलवे प्रशिक्षु सेवा
- संयुक्त चिकित्सा सेवा
- केंद्रीय पुलिस सेवा
- संयुक्त रक्षा सेवा .
- राष्टीय रक्षा सेवा
वर्तमान में संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा परीक्षाओ के माध्यम से करीब 24 सेवाओ के लिए अभ्यर्थियों का चुनाव करता है इसमें से सबसे चर्चित भारतीय प्रशासिनिक, भारतीय पुलिस सेवा व भारतीय राजस्व सेवा हैं।
अखिल भारतीय सेवा : भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा एवं भारतीय वन सेवाओं को अखिल भारतीय सेवा कहा जाता है। जबकि, अन्य जैसे – भारतीय विदेश सेवा व भारतीय राजस्व सेवा व सूचना आदि सेवाओं को केंद्रीय सेवा कहा जाता है। इन सेवाओं की भर्ती एव प्रशिक्षण का कार्यक्रम संघ सरकार करती है जबकि अखिल भारतीय सेवा संघ तथा राज्य दोनों स्थानों पर अपनी सेवाएँ देती हैं। इनके सेवाओं के अधिकारियों के कार्य मुख्यत: लिखित से ज्यादा अलिखित है, जिसमें सरकारी नीतियों का क्रियान्वयन, कानूनी प्रशासन आदि हैं।
भारतीय प्रशासनिक सेवा: भआरतीय प्रसासनिक सेवा(Indian Administrative Services) सभी अखिल भारतीय सेवाओं में में से एक है और इनमें सर्वोच्च स्थान रखती है। इसमें करीब १००० पदों के लिये चयनित अभ्यर्थी आई०ए०एस० अधिकारी होते हैं जो केन्द्र एवं राज्यों में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य करते है। नियुक्ति के पश्चात इन्हें अनुमंडल या जिलों में नियुक्त किया जाता है और पदोन्नति के चलते ये राज्यों में विभागीय सचिव व केन्द्रों में कैबिनेट सचिव तक के पदों पर कार्य करते है।
भारतीय पुलिस सेवा(Indian police Service): यह सेवा अखिल भारतीय सेवाओं के अन्तर्गत दूसरे नम्बर पर आती है। चयनित अभ्यार्थियों की नियुक्ति, जनपद पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में दो वर्ष की ट्रेनिंग के पश्चात उन्हें सहायक पुलिस अधीक्षक के रूप में नियुक्त किया जाता है। इनकी पदोन्नति इस प्रकार होती है:- पुलिस अधीक्षक, वरिष्ट पुलिस अधीक्षक, उप महानिरीक्षक, पुलिस महानिरीक्षक तथा महानिदेशक होते हैं। इस सेवा के आई०पी०एस० अधिकारी ही ख़ुफ़िया ब्यूरो, अनुसंधान एव विशलेषण संस्थान, केंद्रीय जाँच ब्यूरो, एवं अपराध अनुसंधान विभाग में भी अपनी सेवाएँ दे सकते हैं।
भारतीय वन सेवा: भारतीय बन सेवा सेवा का सृजन 1966 में देश की प्राक्रतिक वन संप्रदा के संवर्धन व संरक्षण हेतु किया गया था। चयनित अभ्यार्थी सहायक वन संरक्षण के पद पर कार्य करते है तथा लगभग चार वर्ष कार्यकाल के पश्चात अधिकारियो को वरिष्ट पद और वेतनमान दिया जाता है। वन महानिदेशक केंद्र में सर्वोच्च पद होता है।
भारतीय राजस्व सेवा: यह एक केंद्रीय सेवा है, जहां पर अधिकारियों को वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अधीन कार्य करना होता है। इस सेवा की दो शाखाएँ हैं – सीमा शुल्क एवं उत्पाद शुल्क तथा आयकर। इस सेवा में कार्यरत अधिकारी सहायक आयुक्त के पद से शुरुआत करते हैं, और बाद में मुख्य आयुक्त के पद पर कार्य करते हैं।
विशिष्ट श्रेणी रेलवे प्रशिक्षु सेवा: इस सेवा का आयोजन अंग्रेजों ने 1927 में शुरू किया गया था। यू०पी०एस०सी० प्रत्येक वर्ष सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से इस सेवा में चयनित अभ्यार्थियों को ग्रुप (ए) के पदों पर नियुक्त करता है, सामन्यत: एस०सी०आर०ए० के माध्यम से भी इसमें कई उच्च पदों की नियुक्ति की जाती है, किन्तु अभ्यार्थियों को ग्रुप (बी) से अपनी सेवा की शुरुआत करनी होती है। अभियांत्रकी सेवा के माध्यम से भी यू०पी०एस०सी० रेलवे सेवा में नियुक्तियां कर
नोट: कैबिनेट सचिव सम्पूर्ण भारतीय प्रशासनिक व्यवस्था का सबसे वरिष्ट अधिकारी होता है।