आज कल हर एक जगह न्यूज चैनलों से लेकर अखबारों में संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ को लेकर करनी सेना के विरोध की चर्चाएं जोरों पर हैं. यह फिल्म जब से बनना प्रारम्भ हुई तभी से करणी सेना इसका पुरजोर विरोध कर रही हैं, इतना ही नहीं राजस्थान के जयपर में रानी पद्मावती फिल्म की शूटिंग के दौरान करणी सेना के सदस्यों द्वारा फिल्म की शूटिंग कर रहे लोगों पर हमला बोल दिया था जिसमें फिल्म का सेट तोड़ने के साथ ही संजय लीला भंसाली की पिटाई भी कर दी थी. करणी सेना का कहना है कि डायरेक्टर फिल्म की स्क्रिप्ट में छेड़छाड़ करते हुए रानी पद्मावती का चरित्र हनन करने की कोशिश कर रहे हैं, फिल्म बनने के उपरांत इसके रिलीज को लेकर बहुत विरोध हुआ, यहां तक मामल उच्चतम न्यायालय तक पहुंच गया. न्यायालय के हस्तक्षेप के उपरांत फिल्म 25 तारीख को रिलीज हो रही हैं लेकिन करणी सेना का अभी भी विरोध जारी हैं. करणी सेना की इतनी दखलनदाजी के बीच लोगों के मन में यह विचार उठ रहे हैं कि आखिर कैन है करणी सेना और क्यों कर रही है ये सेना इस फिल्म का विरोध?
आखिर कौन है करणी सेना-
हमारा देश एक लोकतात्रिक देश है जहां सभी को अपनी बात कहने का अधिकार है. वहीं कुछ लोग ऐसे भी है जो अपनी बात को मनवाने के लिए इसका फायदा उठाते हुए किसी भी हद तक चले जाते हैं. उन्ही में से एक है करणी सेना. जो अपनी बात मनवाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है.
दरअसल करणी सेना 2006 में बनी थी. इस संगठन का निर्णाण राजस्थान के राजपूत जाति से ताल्लुक रखने वाले लोगों द्वारा किया गया था. इस सेना के मुखिया का नाम लोकेन्द्र सिंह काल्वी है.
इस संगठन की शुरूआत राजपूतों के लिए आरक्षण की मांग को लेकर की गयी थी. इसके बाद धीरे-धीरे इस संगठन ने अपना दायरा बढ़ा लिया और दूसरे मुद्दो में हस्तक्षेप करने लगी. हले माना जाता था कि करणी सेना से जुड़े अहिंसक लोग हैं, जो इतिहास और पॉलिटिक्स को नहीं समझते. अपने हिसाब से विरोध करते हैं. पर धीरे-धीरे ऐसे संगठनों की ताकत बढ़ी. लोग जुड़ते गए और समाज में इनका दखल बढ़ने लगा.
कैसे मिला करणी सेना को नाम –
माना जाता है कि बीकानेर की करणी माता दुर्गा/ जगदम्बा का अवतार हैं. जोधपरऔर बीकानेर की रियायते उन्हे बहुत मानती हैं. उन्ही आस्था और शक्ति से प्रेरित होकर इस संगठन का नाम करणी रखा गया था.
फिल्म को लेकर विवाद क्या है?
राजस्थान में करणी सेना, बीजेपी लीडर्स और हिंदूवादी संगठनों ने इतिहास से छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। राजपूत करणी सेना का मानना है कि इस फिल्म में पद्मिनी और खिलजी के बीच सीन फिल्माए जाने से उनकी भावनाओं को ठेस पहुंची। फिल्म में रानी पद्मावती को भी घूमर डांस करते दिखाया गया है। जबकि राजपूत राजघरानों में रानियां घूमर नहीं करती थीं। हालांकि, भंसाली साफ कर चुके हैं कि ये ड्रीम सीक्वेंस फिल्म में है ही नहीं।
करणी सेना इससे पहले भी रही है चर्चा में-
करणी सेना का विरोध इससे पहले भी सुनने को मिला होगा. वर्ष 2008 में आई फिल्म जोधा-अकबर को लेकर इस संगठन का बहुत बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन देखने को मिला था, इसके अलावा वर्ष 2013