हम आज जो कुछ भी हैं। हमारा बोल चाल व्यवहार उसके पीछे जिम्मेदार हमारे सब कॉन्शियस (अवचेतन मन) माइंड में रिकॉर्ड आदतें ही हैं। जिस तरह सीडी में जो गाने रिकॉर्ड होते हैं। प्ले करने पर वही गाने ही बजते हैं। ठीक उसी तरह हमारे सब कॉन्शियस माइंड में जो आदतें (संस्कार) रिकॉर्ड होती हैं। उन आदतों के Base पर हम थॉट क्रिएट करते हैं, कम्युनिकेशन करते हैं या फिर कोई वर्क करते हैं।
अगर हमको खुद में अभूतपूर्व बदलाव लाने हैं। सेल्फ ट्रांसफॉर्मेशन करना है। तो हमें सब कॉन्शियस माइंड के लेवल पर वर्क करना पड़ेगा। एक तरह से हम यह कह सकते हैं की खुद के जीवन में चमत्कारिक बदलाव लाने की चाबी है सब कॉन्शियस माइंड।
कोई सी भी आदतें एक दिन में नहीं बनती बल्कि जिन कार्यों को हम जितनी बार भी रिपीट करते हैं। हमारे सब कॉन्शियस माइंड में उसकी प्रिंट छपते जाती है। और वह आदत उतनी ही पक्की होते जाती है। हमारे सब कॉन्शियस माइंड को इमेजेस की भाषा समझ आती है। इसलिए मन में उत्पन्न विचारों को बुद्धि के द्वारा इमेजिन करें।
आदतों को कैसे बदले ? How To Do Self Transformation
अब इन आदतों को बदलने का सबसे आसान सा तरीका है। पॉजिटिव affirmations मतलब की आप जो बनना चाहते हैं। भविष्य में अपने आप को जिस मुकाम पर देखना चाहते हैं। उसे ऐसे फिल करना जैसे आप ऑलरेडी वह जीवन जी रहे हो। महसूस करना, उसे ऐसे इमेजिन करना जैसे आप वह बन चुके हो। और तब तक करना जब तक सब कॉन्शियस माइंड उसे एक्सेप्ट ना कर ले।
तो आप जो कुछ भी बनना चाहते हो उसकी एक लिस्ट बनाइए की आज से इतने दिन, इतने महीने, इतने साल, इतनी तारीख को, इतने समय तक मैं यह बन चुका होऊंगा।
आपको जो क्वालिटीज पसंद हैं। जो आप चाहते हैं की वह क्वालिटीज आपकी पर्सनेलिटी का हिस्सा बने तो उन बातों को affirmation में शामिल करें और उसे सुबह उठने के तुरंत बाद और रात्रि सोने के समय दोहराएं।
हमारा सब कॉन्शियस माइंड रात के सोने समय और उठने के बाद कुछ समय तक तकरीबन 10 मिनट तक एक्टिव रहता है। जिस दौरान अफर्मेशंस दोहराने पर वह सीधे सब कॉन्सियस माइंड में स्टोर हो जाता है। और वह थॉट हमारे पर्सनेलिटी का हिस्सा बन जाता है।
दोस्तों हर इंसान की कुछ हसरतें होती हैं। वह अपनी लाइफ में कुछ बनना चाहता है, कुछ कर दिखलाना चाहता है। दुनियां में सानो सौकत, पैसे कमाना चाहता है। अपने आंतरिक गुणों को सोसायटी में प्रेजेंट करना चाहता है। जीवन में सफल बनना चाहता है।
लोगों की नेगेटिव आदतें उन्हे उनके मंजिल तक पहुंचने में बाधा उत्पन्न करती हैं। इसलिए हमें अपने आदतों को बदलने में एफर्ट लगाना चाहिए। जिसके लिए पॉजिटिव affirmations एक इंपोर्टेंट टूल है।
Daily सोने से पहले उठने के बाद पावरफुल पॉजिटिव affirmations दोहराना है। Affirmations जब लगातार 21 दिनों तक दोहराई जाती है। तो फिर वह संस्कार बनकर सब कॉन्सियस माइंड में स्टोर हो जाती है।
अब बीज डाल दिया तो कभी ना कभी फल तो निकलेगा ही। आदतें (संस्कार) हैं बीज और बोल, व्यवहार है फल। तो जब एफर्मेशंस के द्वारा संस्कारों का बीज बो दिया तो फिर बोल और कर्म में उस अनुसार व्यवहार होना स्वाभाविक है। फिर हम उस लक्ष्य के मुताबिक बोल बोलेंगे, वैसे कर्म करेंगे और एक दिन अंततः हम उस लक्ष्य को प्राप्त कर ही लेंगे।
अगर जो एक बार अवचेतन मन में कोई बात चली गई। तो वह बाहरी दुनियां में सच होनी ही है। अगर सब कॉन्शियस माइंड में आप यह मैसेज स्टोर करने में कामयाब हो जाते हैं की आपको जीवन में क्या बनना है। आपकी क्वाहिसें क्या हैं। आपका लक्ष्य क्या है तो उससे संबंधित लक्षण अवचेतन माइंड पहले ही डेवलप कर लेता हैं।
अवचेतन मन ने जिन मैसेज को स्टोर कर लिया तो फिर समझो 90 परसेंट काम हो गया। बांकी 10 परसेंट कार्य रह जाता है की बाहरी दुनियां में इमेजिन किए गए तथ्यों को हकीकत में बदलना रह जाता है। अब सब कॉन्सियस माइंड सपनों को हकीकत में कैसे बदलेगा यह उस पर छोड़ दो क्योंकि वह असंभव को संभव करने के लिए ही बना है।
दो ही बातें हो सकती हैं जीवन में या तो situation हमारे मन को एफेक्ट करे या फिर हमारा मन पॉवरफुल मनोस्थिति से situation को एफेक्ट करे।
कोई भी बात हमारे लाइफ में दो बार घटित होती है पहला तो हमारे अवचेतन मन में फिर वही बात बाहरी दुनियां में घटित होती है।
एक बार सब कॉन्शियस माइंड में जब यह पावरफुल अफर्मेशंस रिकॉर्ड होकर स्टोर हो गए। फिर आपको दुनियां की कोई भी ताकत उस लक्ष्य को हांसील करने से नहीं रोक सकती।
या यह कहें की हमारा अवचेतन मन डायरेक्ट सुप्रीम पॉवर ऑफ यूनिवर्स से जुड़ा हुआ है। जिसमे एक बार संदेश चला गया तो फिर वह सफल होना ही है।
कहा भी जाता है की
जब आप किसी चीज को पूरी शिद्दत से चाहते हो।
तो पूरी कायनात उसे आपको मिलाने का काम करने लग जाती है।
तो आपने जिस चीज को भी बड़ी शिद्दत से चाहा है। उसे अफर्मेशंस के रूप में रोजाना 21 दिनों तक दोहराए, या हो सके तो अपने ही मोबाइल पर रिकॉर्डिंग करके उस आवाज को 21 दिनों तक बार बार सुनें। खासकर सोने से पहले और उठने के तुरंत बाद जरूर सुने।
शुरुवाती कुछ दिनों में आपका चेतन मन (कॉन्शियस माइंड) उन पॉजिटिव affirmations को रिजेक्ट करेगा। क्योंकि उसे वह बातें झूठ लगेंगी फिर जब आप बार बार बार बार दोहराते जायेंगे तब कुछ दिनों बाद धीरे धीरे कॉन्शियस माइंड इंटरफेयर करना बंद कर देगा। और सब कॉन्शियस माइंड उस बात को एक्सेप्ट कर लेगा।
एक बात ध्यान रहे की affirmation को मन में दोहराने के दौरान आप शब्दों का मन बुद्धि में मनोचित्रण करते जाएं। मतलब इमेजिन भी करते जाएं। साथ ही हर शब्दों को महसूस करते जाएं की जो आप बोल रहे हैं। वह ऑलरेडी जी रहे हैं।
दोस्तों अब आते हैं हम इस वीडियो के मुख्य पार्ट में जिसमे हम आपको बतलाएंगे उन पॉवरफुल affirmations के बारे में जो आपके जीवन में अभूतपूर्व बदलाव लाएगा
लाइफ चेंजिंग पॉवर फुल अफर्मेशंस कौन कौन से हैं।
वैसे तो एफर्मेशन इस बात पर डिपेंड करते हैं की, आपमें क्या कमियां हैं जिन्हे आप निकालना चाहते हैं। और कौन से पॉजिटिव हैबिट्स हैं, गुण, शक्ति हैं जिन्हे आप लाइफ स्टाइल में पर्सनेलिटी में शामिल करना चाहते हैं। या आप जीवन में क्या बनना चाहते हैं क्या कुछ अचीव करना चाहते हैं।
- मैं एक ज्योति बिंदु आत्मा हूं, सुप्रीम पॉवर परमात्मा की संतान हूं।
- परमात्मा ज्ञान, गुणों, शक्तियों का सागर है।
- मैं आत्मा परमात्मा की संतान हूं। और संतान होने के नाते परमात्मा के हर ज्ञान, गुण, शक्तियों पर मेरा अधिकार हैं। मैं अविनाशी धन से संपन्न हूं।
- मैं सुख स्वरूप आत्मा हूं, मेरे जीवन में चारों ओर से खुशहाल बन चुका है।
- मैं साक्षी होकर देख रहा हूं अपने जीवन को, अब जीवन में प्रॉब्लम आने पर मैं मुरझाता नहीं
- मुझे जो कुछ भी पाना था वह मैने पा लिया है। मेरे चेहरे पर संतुष्टता की झलक सबको नजर आ रही है। मैं संतुष्ट मणि हूं।
- मेरे लिए हर कार्य करना संभव है।
- मुझे मिली हर जिम्मेदारियों को मैं अच्छे से निभाता हूं
- मेरा शरीर पूरी तरह से स्वस्थ्य है, निरोगी है।
- मेरे परिवार के सभी सदस्य स्वस्थ्य, सुखी हैं। सभी खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
- मेरे सातों गुण, अष्ठ शक्तियां जागृत हो चुके हैं। मैं महसूस कर सकता हूं हर गुणों को हर शक्तियों को
- बाहर निकलती हर स्वांस के साथ मेरी नेगेटिविटी मुझसे दूर होते जा रहे हैं। मेरे अंदर जाने वाली हर सांस के साथ मुझमें पॉजिटिविटी भरती जा रही है।
- मेरे जीवन में आने वाली हर चुनौतियों का मैं डटकर सामना करता हूं। सॉल्यूशन निकालता हूं। मैं विघ्नों को विनाश करने वाला विघ्न विनाशक हूं।
- मेरे कॉन्टैक्ट के सब लोगों के साथ मेरे रिश्ते हेल्दी हैं, मधुर है।
- मैं तन, मन, धन, जन से सुखी व संपन्न हूं। धन्यवाद उस परम शक्ति का जिन्होंने मुझे वह सबकुछ दिया जो बहुतों को नसीब नहीं।
- मैं शांत स्वरूप हूं, परिस्थिति मेरे मन को विचलित नहीं करती, बल्कि मैं ऊंची मनोस्थिति से हर परिस्थिति पर विजय प्राप्त करने वाला अचल अडोल हूं।
- मैं पूरी एकाग्रता के साथ लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करता हूं।
- संबंध संपर्क में आने वाले सबके गुणों को देखता हूं, किसी का अवगुण नहीं देखता मेरा दृष्टिकोण पॉजिटिव हैं। मैं गुण ग्राही हूं।
- मैं प्रेजेंट में जीना सीख चुका हूं। अब मैं पास्ट की यादों से दुखी नहीं होता, ना मुझे भविष्य की चिंता सताती हैं। वर्तमान को पूरी तरह एंजॉय करता हुआ निश्चिंत जीवन जी रहा हूं।
- मेरे अवगुण मुझसे दूर होते जा रहे हैं। मेरे सद्गुण जागृत होते जा रहे हैं। मुझमें निरंतर सकारात्मक बदलाव होते जा रहे हैं।
इस तरह से अन्य ऐसी आदतें, गुण, शक्ति जिसे आप चाहते हैं। की वो आपके personality का हिस्सा बने, तो उसे affirmations में शामिल कर सकते हैं यहां हमने महज एक सैंपल प्रस्तुत किया है।
दोस्तों पॉजिटिव affirmations तब और इफेक्टिव होते हैं जब हम खुद को यह बॉडी नहीं बल्कि बॉडी के ड्राइवर आत्मा समझकर खुद को कमांड देते हैं। क्योंकि मन बॉडी के अंदर नहीं बल्कि मन तो soul आत्मा के अंदर होता है। इसलिए खुद को आत्मा समझकर यह कमांड्स minds को दें।
जब पॉजिटिव affirmations मन में दोहरा रहे हो तब शांत जगह पर सुखासन में बैठ जाएं फिर मन ही मन अफर्मेशन को दोहराए। आप मोबाइल में अपने आवाज में रिकॉर्डिंग कर रख सकते हैं। और खाली समय में व सोने से पहले उठने के तुरंत बाद उस रिकॉर्डिंग को सुने
मेडिटेशन
हमे नियमित मेडिटेशन अभ्यास करना चाहिए। जिसके माध्यम से हम परम शक्ति से कनेक्ट होकर अपने भीतर पॉजिटिव भर सकें और नियमित स्पिरिचुअल नॉलेज लेनी चाहिए। जिससे हमारे मन में भरे अब तक के वेस्ट नेगेटिव आदतों की सफाई हो।
मेडिटेशन से एकाग्रता बढ़ती है। जिससे निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने में कंसंट्रेशन पॉवर हेल्प करती हैं। मेडिटेशन के माध्यम से आप अपने पंच कर्मेंद्रियों पर नियंत्रण पाते हैं। और जब कर्मेंद्रियों पर संयम हो तो फिर क्रमेंद्रियो से बुरे कर्म हो नहीं सकते।
परहेज
पॉजिटिव affirmations के बेहतर रिजल्ट के लिए कौन से परहेज करने चाहिए।
हमें इन आंखों से जो कुछ देखना है वह कंटेंट पॉजिटिव हो, हम कानों से जो कुछ सुनें वह content पॉजिटिव हों टीवी में व्यर्थ के चीजे देखकर मन को कचरे का डब्बा ना बनाएं। मोबाइल, लैपटॉप का उपयोग केवल जरूरत पड़ने पर करें उनसे व्यर्थ के इनपुट लेकर माइंड में कचरा ना भरें।
निष्कर्ष
दोस्तों इस तरह हमने जाना की कैसे हम पॉजिटिव affirmations का इस्तेमाल बतलाए गए तरीके से करके अपने पर्सनेलिटी में अदभुत बदलाव ला सकते हैं। दोस्तों यह सभी जानकारियां प्रैक्टिकल अनुभवों पर आधारित हैं। जिसे कोई नकार नहीं सकता। आप खुद भी बताए अनुसार बातों को अमल में लाकर अपने भीतर बदलाव ला सकते हैं। ऐसे ही रोचक जानकारियों के साथ हम आपसे मिलते रहेंगे।