karti chidambaram Biography in Hindi – आज-कल मीडिया जगत में पूर्व वित्त मंत्री और काग्रेस के वरिष्ठ नेता पी.चिदंबरम के बेटे कार्ति चिंदबरम मनी लान्ड्रिंग के मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किये जाने के कारण चर्चा में हैं। सीबीआई के मुताबिक कांग्रेस के सरकार के समय में यह घोटाला किया गया गया हैं जिसकी राशि करीब 305 करोड़ रूपये हैं।
कार्ति पर आरोप है कि उन्होंने प्रोविजन आफ मनी लान्ड्रिंग एक्ट (PMLA) की कार्यवाही से परेशान होकर अपने अपने कई बैंक खाते बंद कर दिये और कई खातों को बंद करने की कोशिश की. यह मामला फारेन इन्वेस्टमेंट प्रपोजल के मंजूरी देने से जुड़ा हैं। आरोप यह भी है कि 2006 में पी. चिंदंबरम के फाइनेंस मिनिस्टर रहते ही एयरसेल मैक्सिस के 600 करोड़ के विदेशी निवेश सौदे को मंजूरी दी गयी थी.
कार्ति चिदंबरम कौन हैं? Who is karti chidambaram?
कार्ति चिंदंबरम का जन्म 16 नवंबर 1971 को शिवगंगा तमिलनाडु राज्य में हुआ था. कार्ति जाने माने कांग्रेस के नेता व पूर्व वित्त मंत्री पी. चिंदबरम के बेटे हैं, कार्ति चिंदंबरम की माता का नाम नलिनी चिंदबरम हें.
कार्ति चिंदबरम ने प्रारम्भिक शिक्षा तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से डन बोस्को स्कूल से कीथी इसके उपरांत कार्ति चिंदबरम ने टैक्सेज यूनिवर्सिटी आस्टिन से सन 1993 में बी0बी0ए0 किया एवं यूनिवर्सिटी आफ कैंब्रिज से 1995 में कानून की पढ़ाई की थी.
कार्ति चिंदबरम कांग्रेस पार्टी के सदस्य के रूप में बहुत दिनों से कार्य कर रहे हैं. राजनीति के अलावा कार्ति एक निपुण व्य़ापारी भी हैं. कीर्ति चिंदबरम काग्रेस से कई सालों से जुड़े होने के बावजूद उन्हे असली पहचान तब मिली, जब उन्होंने वर्ष 2014 में शिवगंगा निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सीट जीतकर पार्लियामेंट में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.
कार्ति चिंदबरम को राजनैता की अपेक्षा एक व्यापारी के रूप में ज्यादा ख्याति मिली है. उन्होने अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए ए.एस.सी (एडवांटेज स्ट्रैटिजिक कंसल्टेंसी), वसन हेल्थ केयर ग्रुप, एयरसेल कंपनी एवं अन्य कंपनियों में इन्वेस्टमेंट किया है।
कार्ति चिंदबरम पर पूर्व में भी अपने शहर की कंपनियों पर गैर कानूनी तरीके से मदद करने के आरोप लगाये गये हैं, इसके अलावा टैक्स चोरी मामले में भी उनका नाम आया हैं, उनके ऊपर आरोप हैं कि उन्होंने राजनैतिक पद का गलत इस्तेमाल कर ना जाने कितनी कंपनियों की असंवैधानिक तरीके से आर्थिक एवं कानूनी मदद की है.
कार्ति चिंदबरम पर लगाये गये आरोपों के बारे में पूरी जानकारी-
यह पहला मौका नहीं जब कार्ति चिंदबरम पर घोटाले के आरोप लगाये जा रहे हैं वर्ष 2012 में ए.एस.सी. कंपनी के साथ मिलकर गैर- कानूनी तरीके से पैसों का लेन देने करने व अपने पद का गलत तरीके से इस्तेमाल करने के आरोप लग चुके हैं.
इतना ही नहीं सन् 2014 में कार्ति चिदंबरम द्वारा अपनी ही पार्टी कांग्रेस की गोपनीय जानकारी लीक कर दी थी जिसके चलते काग्रेस पार्टी द्वारा उन्हे पार्टी से निकाल दिया था.
उनके ऊपर आरोप यह भी लगाये गये है कि उन्होने सेकोई कैपिटल इंडिया को दिया जाने वाला पैसा वसन हेल्थ केयर ग्रुप को दिलवा दिया था.
इसके अलावा प्रवर्तन निदेशाल (ईडी) द्वारा सन् 2015 में इनको कानून को ताक पर रखकर एयरसेल मैक्सिस कंपनी की मददकरने के मामले में कानूनी नोटिस जारी कीथी
कार्ति चिंदंबरम पर सन् 2016 में पायनियर कंपनी की सहायता करने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हेराफेरी में मदद को लेकर केस दर्ज किया गया था, इसके साथ ही उनपर टैक्स चोरी करने के भी आरोप लगाये गये थे.
इसके अलावा भारतीय जाच एजेंसी सीबीआई द्वारा भृष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए 16 मई 2017 को एक केस दर्ज किया था जिसकी जांच चल रही है.
कार्ति चिंदबरम का हाल ही में सुर्खियों में आने का कारण है उन्हे यूनाइटेड किंगडम से लौटते समय चैन्नई एयरपोर्ट पर सीबीआई द्वारा दिनांक 28 फरवरी 2018 को गिरफ्तार कर लिया गया. इनके ऊपर आरोप हैं कि उन्होंने फारेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंटके जरिए करीब 305 करोड़ से ऊपर का घोटाला किया है।