Importance of Trees Essay in Hindi: हमारी पृथ्वी को खूबसूरत और रहने लायक बनाने में यदि किसी का सबसे ज्यादा योगदान है तो वृक्ष हैं। पेड़, प्रकृति के वो अभिन्न अंग हैं, जिनके बिना पृथ्वी पर किसी भी तरह के जीवन की कल्पना भी नही की जा सकती है।
आज हम इंसान, पशु-पक्षी सब पृथ्वी पर इतनी खुशहाली के साथ जीवन यापन कर रहे हैं, इसकी एक बड़ी वजह पेड़ हैं। जैसा कि हम जानते हैं कि कार्बनडाई ऑक्साइड जैसी गैस हमारे लिए कितनी खतरनाक हो सकती है यदि यह पृथ्वी पर बढ़ जाए तो।
वृक्ष का महत्व पर निबंध
लेकिन पेड़ों की मौजूदगी के कारण इसकी मात्रा नही बढ़ पाती है, क्योंकि ये स्वसन के लिए कार्बनडाई ऑक्साइड गैस लेते हैं, और हम सबकी जीवनदायनी गैस ऑक्सीजन को छोड़ते हैं, जिससे एक संतुलन बना रहता है।
पेड़ का महत्व यही पर खत्म नही होता है। पेड़ो की वजह से हमे भूमिगत जल मिलता है। पेड़ो में अपने आसपास के मिट्टी को बांधने की क्षमता होती है। इसी वजह से मृदा अपरदन जैसी चीज़े उन जगहों पर नही होती हैं, जहां पेड़ होते हैं।
पेड़ कई पक्षी एवं जीव जंतुओं के घर होते हैं, जो कि पारिस्थितिकी तंत्र में संयोजन बनाने का काम करते हैं। पेड़ से हमे लड़की मिलती है, फल मिलते हैं, जो हमारे बहुत काम के होते हैं। कई पेड़ तो ऐसे भी होते हैं ,जो अपने अंदर औषधीय गुण लिए होते हैं। ऐसे पेड़ो के फल, जड़ या आदि का उपयोग औषधि बनाने में किया जाता है।
कई वैज्ञानिकों का मत है कि यदि पृथ्वी से सभी पेड़ काट दिये जायें तो धीरे धीरे पृथ्वी का तापमान इतना बढ़ जाएगा कि यह ग्रह रहने लायक नही बचेगा। इसलिए यह कह सकते हैं कि पृथ्वी का तापमान यदि सामान्य है तो इसमें पेड़ो का अहम योगदान है।
पेड़ो की वजह से बारिश होती है। ऐसा कहा जाता है कि जिस जगह पर पेड़ ज्यादा होते हैं, उस जगह पर बारिश सामान्य होती है। वही जहां पेड़ नही होती वहां पर कभी सूखा तो कभी बाढ़ की स्थिति बनी रहती है।
यदि हम आज से कुछ दशक पहले का जीवन देखें तो पता चलता है कि पहले लोग गावो में जिस तरह से जीवन यापन करते थे, उसमे पेड़ एक पूंजी की तरह होते थे।
गर्मी के दिनों जब वही पेड़ लोगो को तेज धूप के थपेड़ों से बचाता था तो लोगो को उनकी अहमियत समझ आती थी। लेकिन आज जमाना बदल रहा है। तेजी से शहरीकरण हो रहा है। लोग शहरों की तरफ पलायन कर रहे हैं, जिससे शहर में रहने के लिए जगह तक कम पड़ने लगी है।
इस हालात में पेड़ काटकर लोगो के लिए जरूरी मुहैया कराई जाती है। औद्योगिकीकरण के कारण भी दुनियाँ भर के जंगलों को काफी नुकसान हुआ है। नई फैक्टरियां लग रही है, जिनके लिए भी पेड़ो का कटाव किया जाता रहा है।
लेकिन एक तरफ जहां पेड़ो को इंसान अपनी सुविधा के लिए लगातार काट रहा है, वही दूसरी तरफ इसके दुष्परिणाम भी नजर आने लगे हैं, जिसके चलते आज विश्व इस ओर ध्यान से रहा है।
आज मौसम का चक्र बदल सा रहा है। धरती गर्म हो रही है।ठंडे देश अब उतने ठंडे नही होते जितने आज से 20 वर्ष पहले हुआ करते हैं। आज हर वर्ष कही न कही कोई प्राकृतिक आपदा आती ही रहती है।
इन सब की वजह कही न कही प्रकृति में उपजा असंतुलन है, जिसके जिम्मेदार कही न कही हम इंसान हैं। इस बात की समझ अब हमे आ गई है। तभी आज पेड़ो के कटाव को एक जुर्म घोषित किया गया है।
लेकिन अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है, जिससे कि हमारे जीवन दायक पेड़ सुरक्षित रहे और उनकी वजह से हम सुरक्षित रहें।