हिमा दास, एक प्रख्यात भारतीय एथलीट हैं जिन्हें उनके देशवासियों ने “धौली छोहान” के नाम से पुकारा है। उन्होंने अपने अद्भुत दौड़ के जरिए देश का मान बढ़ाया है और विश्व में भारतीय महिला एथलीटों को प्रेरित किया है। इसलिए, इस लेख में हम हिमा दास के जीवन परिचय के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे।
हिमा दास का जीवन परिचय (Hima Das Biography in Hindi)
हिमा दास, 5 जनवरी 2000 को भारतीय राज्य असम के धुबरी जिले में एक छोटे से गांव में पैदा हुईं। उनके पिता का नाम रोनीत दास और माता का नाम जोमदा दास है। हिमा का एक छोटा भाई भी है जिसका नाम प्रदीप दास है।
बचपन से ही हिमा दास को दौड़ के प्रति रुझान होता था। उन्हें अपने छोटे गांव में ही आउटडोर गेम्स में हिस्सा लेना पसंद था और उनकी दौड़ की ताकत उनके मित्रों के बीच लोकप्रिय थी।
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उनका प्रथम प्रशिक्षण शुरू होता है
परंतु ध्यान देने वाली बात यह थी कि हिमा दास ने जीवन के एक विशेष पल में बदलने वाले फैसले लिए। 2016 में, उन्हें राज्य स्तरीय अखिल भारतीय खेलों में शामिल होने का अवसर मिला था, और यहीं से उनके खेल करियर की शुरुआत हुई। वहां उन्हें उनकी दौड़ की प्रतिभा का पता चला और उन्हें ट्रेन करने का निर्णय लिया।
प्रशिक्षण की मेहनत
हिमा दास ने प्रशिक्षण में अपना पूरा मन लगाया और दिन-रात मेहनत करते रहे। उनके प्रशिक्षक ने उनकी लगन और तत्परता को देखकर उन्हें एक विद्यालय से दूसरे विद्यालय भेज दिया ताकि उन्हें बेहतर और पेशेवर तरीके से ट्रेन किया जा सके। इससे हिमा दास की दौड़ में बड़ी सुधार हुआ और उन्हें खेल के मामले में अधिक आत्मविश्वास होने लगा।
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हिमा दास की प्रथम सफलता
2018 में, हिमा दास की प्रथम बड़ी सफलता होती है जब उन्हें राष्ट्रीय युवा खेल में गोल्ड मेडल जीतने का मौका मिला। इससे पहले, उन्हें 2018 विश्व युवा खेल में देश को गर्व महसूस कराने वाला रत्न मिलता है।
एशियन गेम्स में शानदार प्रदर्शन
2018 के बाद, हिमा दास के खेल करियर में एक और चमक देखने को मिली। उन्होंने इंडोनेशिया में आयोजित हुए एशियन गेम्स में शानदार प्रदर्शन किया और गोल्ड मेडल जीता। इससे हिमा दास ने अपने देश का मान और गर्व बढ़ाया।
हिमा दास के ओलंपिक सपने
अपनी सफलता के बाद, हिमा दास का सबसे बड़ा सपना था ओलंपिक में प्रतियोगिता में हिस्सा लेना। उन्हें अपने देश के लिए एक मेडल जीतकर उसे सम्मानित करने की ख्वाहिश थी। और वाकई, 2020 टोक्यो ओलंपिक में, हिमा दास को उनकी मेहनत का फल मिलता है। वे भारतीय एथलीट हैं जिन्होंने ओलंपिक में भारत के लिए प्रतियोगिता करते हुए राष्ट्रीय गान का गर्व रखा।
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हिमा दास के व्यक्तिगत जीवन के पहलू
हिमा दास के व्यक्तिगत जीवन में भी बहुत कुछ है, जिसे उन्होंने अपने खिलाड़ी करियर के साथ संतुलित रखने के लिए जीते हुए हैं। उनके परिवार के साथ वक्त बिताना उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण है और वे अपने परिवार के साथ खुशी और खुशियों के पलों का आनंद लेती हैं।
Conclusion
इस लेख में हमने हिमा दास के जीवन परिचय के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की है। उन्हें उनके खेल करियर में अब तक की प्राप्त सफलताओं के साथ उनके व्यक्तिगत जीवन के कुछ पहलूओं का भी वर्णन किया गया है। हिमा दास ने अपने प्रयासों, मेहनत और लगन से भारत का मान बढ़ाया है और आने वाले समय में भी उनकी प्रतिभा और सामर्थ्य से लोगों को प्रेरित करते रहने की उम्मीद है।
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FAQs
हिमा दास का जन्म स्थान असम के धुबरी जिले में हुआ था।
हिमा दास के पिता का नाम रोनीत दास है।
हिमा दास ने 2018 में अपने पहले गोल्ड मेडल जीता था, जब उन्हें राष्ट्रीय युवा खेल में सफलता मिली थी।
हिमा दास को उनका पहला खेल अखिल भारतीय खेल राज्य स्तर पर दिया गया था।
हिमा दास को उनके देशवासियों ने “धौली छोहान” के नाम से पुकारा है।
हिमा दास ने ओलंपिक में 2020 में प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था और भारत के लिए प्रतियोगिता करते हुए राष्ट्रीय गान का गर्व रखा।