दो पहिए वाली साइकिल cycle अपने इससे वर्तमान रूप में आने में 100 साल का समय लगा। साइकिल का आविष्कार किसने किया कब किया आइए जाने। cycle ka avishkar kisne kiya tha? तो साइकिल के आविष्कार का श्रेय जर्मनी के forest officer कार्ल वॉन ड्रैस (Karl von Drais) को दिया जाता है।
साइकिल का आविष्कार किसने किया था और कब?
दुनिया की प्रथम साइकिल वाॅन ड्रैस नेशन 1817 में बनाई थी। साइकिल एक ऐसी सवारी है जिसे अपने पैरों से चलाया जाता है और इसमें किसी तरह का प्रदूषण नहीं होता है। आज सन 2021 में भी साइकिल चलाना लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र इसलिए बना है क्योंकि यह धरती को प्रदूषण मुक्त रखता है और शरीर को स्वस्थ रखता है।
क्या आपको पता है कि कार्ल वाॅन ड्रैस साइकिल के अविष्कारक ने कई और भी अविष्कार किए थे?
कार्ल वाॅन ड्रैस अनेक आविष्कार किए हैं जो दुनिया को बदल दिया है। सन् 1821 में कीबोर्ड वाला शुरूआती टाइपराइटर बनाया। सन् 1827 में 16 अक्षरों वाली स्टेनोग्राफ मशीन का आविष्कार किया। सन् 1812 में कागज पर पियानो संगीत रिकॉर्ड करने वाला एक उपकरण बनाया जिसने पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया। दुनिया की सर्वप्रथम कीमा कूटने वाली मशीन का भी अविष्कार किया। पहली दो पहिया साइकिल किस संग्रहालय में रखी है?
वाॅन ड्रैस और साइकिल का आविष्कार
जर्मनी के हीडलबर्ग शहर में स्थित पैलेटिनेट म्यूजियम में रखा है। कार्ल ड्रैस की “ड्रेसियेन”
ड्रैस ने दो पहिया साइकिल सन 1815 ई० में बनाया था लेकिन दिलचस्प कहानी यह है कि यह आविष्कार एक समस्या का समाधान था।
साइकिल के आविष्कार का कारण ज्वालामुखी
सन 1815 में इंडोनेशिया का ज्वालामुखी माउंट टैम्बोरा ज्वालामुखी के सक्रिय होने से चारों तरफ राख के बादल पूरी दुनिया में फैल रहे थे और ग्लोबल टेंपरेचर बहुत तेजी से गिर रहा था। प्राकृतिक बदलाव के कारण उत्तरी गोलार्ध में फसलें नष्ट होने लगा तब घोड़े व पालतू मवेशी आदि मरने लगे थे। यातायात के साधन के रूप में पशुओं का उस समय इस्तेमाल किया जाता था। बड़ी तादाद में पशुओं के मरने से यातायात के साधन के रूप में एक नए विकल्प की जरूरत हुई और उसी समय ड्रैस साइकिल का आविष्कार किया।
पहली साइकिल कैसे चलती थी
शुरुआती दौर में साइकिल पूरी तरह लकड़ी की बनी होती थी। यह 23 किलोग्राम वजनी होता था। जैसा कि आप जानते हैं कि आज के दौर में पेडल होता है लेकिन उस समय पैदल नहीं होता था बल्कि चलाने वाला उस पर बैठकर अपने पैरों से धक्का देता था, हाथों को सहारा देने के लिए एक दफ्ती भी लगी थी।
12 जून, 1817 को जर्मनी के दो शहरों मैनहेम और रिनाउ के बीच संसार की पहली साइकिल के अविष्कारक बार वाॅन ड्रैस ने साइकिल चलाकर लोगों को आश्चर्य में डाल दिया। उन्होंने 7 किलोमीटर की दूरी 1 घंटे में तय की।
सन 1818 में साइकिल के मॉडल में क्रांतिकारी बदलाव हुआ
सन् 1818 में डेनिस जाॅनसन ने वाॅन ड्रैस की जैसी साइकिल को खरीदा। फिर उन्होंने कई बदलाव किया और एक सबसे बेहतरीन मॉडल ‘पेडेस्ट्रियन करिकल’ के नाम से बनाया। उन्होंने 1819 में इस मॉडल के 300 नए साइकिल का निर्माण किया। मॉडल बहुत ही महंगा था अमीर लोग ही उस समय खरीद सकते थे। अमीर लोग इन साइकिलों से सुबह-शाम सैर करते थे और मनोरंजन करते थे, यानि स्टेटस सिंबल था, उस समय का साइकिल।
साइकिल ने व्यवसाय का रूप ले लिया
सर 1820 तक लोगों के बीच साइकिल बहुत ही पॉपुलर हो चुका था। लेकर 40 साल तक इस क्षेत्र में कोई खासा बदलाव नहीं आया। सन् 1866 में कमर्शियल रूप में साइकिल में कई सुधार हुए। बिक्री के लिए साइकिल तैयार हो गया और लोग साइकिल को खरीदने लगे।