वर्षा ऋतु निबंध – Rainy Season Essay in Hindi

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Varsha Ritu Par Nibandh: वर्षा ऋतु का मौसम सभी के लिए बहुत सुहाना होता हे चाहे पर्यावरण हो या जीव – जंतु, पेड़ – पौधे  या  इंसान, सभी के लिए यह मौसम खुशियाँ लेकर आता हे। तेज गर्मी के बाद जून के पहले सप्ताह में घनघोर बदलो के साथ वर्षा ऋतु की शुरुआत होती हे जो सितम्बर महीने तक चलती हे। किसान वर्षा ऋतु का बेसब्री से इंतजार करते हे क्योकि वर्षा के कारण ही उनकी फसल पैदा होती हे और गांवो की तलिया, बाबड़िया और झीले लाभालाभ हो जाती हे। क्योकि सालभर तक का पानी उनमे जमा हो जाता हे।

वर्षा ऋतू में मोर, कोयल तथा सभी पशु – पक्षी, जीव – जंतु  प्रफुलित हो उठते हे। और गावो में सभी पेड़ हरे – भरे हो जाते हे। जहाँ देखो वहां हरियाली ही नजर आती हे। शहरो का पोलूशन कम हो जाता हे। ऐसी अनेक बीमारिया जो पोलूशन से होती हे वर्षा ऋतू में उनसे बहुत लाभ मिलता हे।

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वर्षा ऋतु शुरू होने के साथ ही छोटी बच्चे नावे बनाकर अपने घरो के बहते हुए पानी में छोड़ देते हे और उनकी नावे बहकर नदी में मिल जाती हे।  तथा हरे भरे पेड़ो पर छान बनाकर दोपहर में खाना वही खाते हे। कुछ बच्चे चिकनी मिटटी से से खिलोने बनाकर खेलते हे। इसलिए बच्चो के लिए वर्षा ऋतु खुशियाँ के साथ खेलने का सुहाना मौसम लेकर आती हे।

प्रेमी जोड़ो के लिए यह मौसम एक वरदान होता हे क्योकि इसी मौसम में कभी सुहाना होने पर घूमने निकल जाते हे। और सावन के महीने में शिवजी की आराधना करके परिवार के लिए खुशियों की कामना करते हे। कभी – कभी हलकी बारिश होने पर घरो की छतो पर जाकर वर्षा का आनंद लेने लग जाते हे।

वर्षा ऋतु पर निबंध – Short and Long Essay on Rainy Season in Hindi

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किसानो के लिए वर्षा ऋतू

किसानो के लिए वर्षा ऋतू का आना खुशियाँ जैसा होता हे।  वे सालभर से इस ऋतू का बेसब्री से इंतजार करते हे। क्योकि उनकी पूरी फसल वर्षा पर आधारित होती हे। उनका एक मात्र कमाने का स्त्रोत केवल खेती होती हे।

यदि बर्षा समय पे नहीं होती हे तो फसल सूखे के कारण नष्ट होने लगती हे। कभी बाढ़ और तूफान जैसी आपदा के कारण उनकी पूरी फसल नष्ट हो जाती हे। और वे परिवार के पालन – पोषण के लिए गाँवो के साहूकारों से ज्यादा ब्याज में उधार पैसे लेते हे। समय पर नहीं चुकाने के कारण आत्महत्या जैसे बड़े कदम उठा लेते हे।

क्योकि किसान एक देश का अन्नदाता होता हे इसलिए उसका कर्तव्य देश और परिवार के लिए अन्न पैदा करना होता हे। किसान सालभर से सभी ऋतुओ में केवल वर्षा ऋतु का ही बेसब्री से इंतजार करता हे। वर्षा ऋतू सही समय आने पर किसानो के परिवारों और सभी गाँवो में खुशियाँ सा माहौल हो जाता हे। वर्षा ऋतू के बाद अच्छी फसल होने पर किसान सभी गाँवो में घर – घर लड्डू बाटते हे। इसलिए वर्षा ऋतू किसानो के लिए एक वरदान होता हे। जो सही समय पर अच्छी वर्षा हो जाये तो देश के लिए समृद्धि जैसा काम करती हे। और नहीं हुई तो किसान और देश को भुखमरी जैसी समस्या का भी सामना करना पड़ता हे।

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जीव – जन्तुओ और पेड़ पोधो के लिए वर्षा ऋतू

धरती पर इंसानो के आलावा जीव – जन्तु और पेड़ पौधे भी हे जो वर्षा ऋतू में खिल उठते हे। वर्षा ऋतू के आने के साथ ही मोर की किलकारियाँ गूंजने लगती हे कोयल गीत गाने लगती हे। पेड़ – पौधे ठंडी छाया देने लगते हे। चारो और हरियाली छा लगती हे। नीले आसमान में छोटे – छोटे बादल ऐसे लगने लगते हे जैसे हमें प्रकर्ति का सौन्दर्य रूप दिखा रहे हो। 

वर्षा ऋतू में ऐसे अनेको जीव पनपने लगते हे जो वर्षा ऋतु जाने के बाद अपने आप नष्ट हो जाते हे।  क्योकि वर्षा का पानी इतना शुद्ध होता हे जिससे एक ही दिन में बहुत से कीड़े – मकोड़े पैदा हो जाते हे और पानी सूखने से वे भी नष्ट हो जाते हे । ऐसे जिव जन्तु  बरसात के मौसम में घरो में जाकर फल – सब्जिओ को बहुत नुकसान भी पहुंचाते हे। 

वर्षा ऋतु में पेड़ो की हरियाली की सुंदरता कुछ अलग ही रूप बिखेरने लगती हे। जिससे पेड़ – पौधे इंसानो को अपने और आकर्षित करते हे। जानवरो के लिए हरा चारा पैदा होने लगता हे। सभी जानवर उस समय जंगलो की और रुख करने लगते हे। वहा पालतू जानवरो को हरा चारा और मांसाहारी जानवरो को उनके शिकार मिलते हे।

वातावरण के लिए वर्षा ऋतु 

इंसानी गलतियों के कारण पर्यावरण इतना प्रदूषण हो चूका हे की अब बाहर साँस लेना मुश्किल होता हे। तथा कई बीमारियों प्रदूषण के कारण होती हे। एक नए आकड़ो के अनुसार दुनियाँ में सबसे ज्यादा मोते पर्यावरण प्रदूषण के कारण हर साल होती हे। जिसमे मुख्यत : अस्थमा एवं हार्ट अटैक हे। 

वर्षा ऋतु में प्रदूषण की मात्रा आधी रह जाती हे। जिसके कारण आसमान कभी – कभी पूरा नीला दिखाई देने लगता हे। रात को तारो की चमक साफ़ दिखाई देने लगती हे। वातावरण शुद्ध होने लगता हे। नदियों नालो में गंदे पानी जगह बरसात का पानी ज्यादा मात्रा में दिखाई देने लगता हे। वर्षा के पानी से सभी नालो और सड़को की साफ़ सफाई हो जाती हे।

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वर्षा ऋतु  के फायदे 

वैसे वर्षा ऋतु  के फायदों की बात करे तो गिनना मुश्किल हे। ऐसे अनेक फायदे वर्षा ऋतु में होते हे  जो अन्य ऋतुओ में वर्षा ऋतु के मकाबले नहीं होते। उनमे से कुछ महत्वपूर्ण हम आपको बताने जा रहे हे – धरती वर्षा ऋतु में ही खिल उठती हे।  पशु – पक्षी नाचने लगते हे। कीड़े मकोड़े रेंगने लगते हे। किसानो में खुशियों का माहौल आ जाता हे।  पेड़ – पौधे हरे – भरे हो जाते हे।  वातावरण शुद्ध हो जाता हे।  मौसम खुशनुमा हो जाता हे। 

जानवरो और पक्षियों की किलकारियाँ गूंजने लगती हे। नदी – नाले, तालाब, बाबड़िया वर्षा के पानी से भर उठती हे। हर जगह इंसानो के घूमने की चहल – पहल हो जाती हे। 

बर्षा ऋतु के नुकसान 

वर्षा ऋतु में वर्षा के कई नुकसान भी होते हे। जैसे ज्यादा बारिश होने पर फैसले बर्बाद हो जाती हे। बाढ आने पर जीव – जन्तु और गरीब लोग बेघर हो जाते हे। किसी एक जगह कई दिनों तक बाढ जैसी आपदा का पानी इक्कठा होने पर गंभीर बीमारियाँ पनपने लगती हे। नदी – नाले या बाबड़ियां उफान होने पर कई बेजवान जानवर मर जाते हे। इसी तरह के कारण वर्षा ऋतु में भय का माहौल भी कभी – कभार बन जाता हे। 

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