होली की तरह दीपावली (Essay Diwali In Hindi) भी भारत का सबसे बड़ा त्यौहार है। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी दीपावली हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। सन 2023 के अक्टूबर महीने की दीपावली का त्यौहार बहुत खास है। दीपावली पर हिंदी भाषा में निबंध यहां प्रस्तुत कर रहा है। यह निबंध आप स्कूल कॉलेज या भाषण के रूप में प्रयोग कर सकते हैं। इस बार दिवाली का त्यौहार अक्टूबर को मनाया जाएगा। दीपावली त्यौहार को दिवाली दीपावली दीप उत्सव आदि नामों से जाना जाता है।
दिवाली पर निबंध। Diwali Essay in Hindi
प्रस्तावना (दीपावली निबंध)
दीपावली शब्द दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है। दीप” और आवली” संस्कृत भाषा की इन दोनों शब्दों का अर्थ होता है दीपों की श्रृंखला यानी दीपों की लड़ी। सरल भाषा में कहें जब ढेर सारी जलती हुई दीपक को एक साथ रखती हैं तो यह दीपावली कहलाता है। दीपावली क्यों मनाई जाती है? दीपावली खुशियों का त्यौहार है और किस उपलक्ष्य में दिवाली मनाया जाता है? (Dipawali) दीपावली त्यौहार का महत्व क्या है? हमारी भारतीय संस्कृति का हिस्सा है।
दिवाली का महत्व
हिंदू सनातन जीवन पद्धति में कई त्यौहार बड़े ही महत्वपूर्ण है जिसमें से दीपावली त्यौहार भी भारतीय संस्कृति और रीति रिवाज को व्यक्त करता है। भारत के हर कोने में दीवाली का त्यौहार बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। मिट्टी के दीये और उसमें तेल या घी डालकर प्रकाश प्रज्ज्वलित (Light) किया जाता है। जिस तरह से अमावस्या की काली रात में जलती हुई दीपक की रोशनी प्रकृति के हर कोने कोने में प्रकाश फैल जाता है। उसी तरह से दीपावली त्योहार की खुशियां और इस संस्कृति को जीने से हमारे जीवन में प्रसन्नता और हर्ष का उजाला आ जाता है। भारतीय सनातन संस्कृति में हर त्यौहार का अपना ही महत्व है। त्योहार दीपावली जीवन के विभिन्न रंग हर्षो उल्लास को दर्शाता है, इसके साथ ही साफ सफाई की आदत भी सिखलाती है।
रावण को पराजित (हराकर) करके श्री रामचंद्र ने सत्य (सच्चाई) की स्थापना की और उस से हर्ष-उल्लास को प्रकट करने के लिए सर्वप्रथम भारत वासियों ने उस समय घर आंगन में घी के दीपक जलाकर उनका स्वागत और अभिनंदन किया था। तब से यह परंपरा दीपावली के त्यौहार के रूप में आज हजारों साल बाद भी भारतीय संस्कृति में जीवित है।
जम्मू कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक प्रत्येक इंसान इस पर्व को हर्षोल्लास के साथ हर साल मनाता है। इस दिन रीति-रिवाज और धर्म के अनुसार लोग लक्ष्मी-गणेश जी की पूजन करते हैं और उनसे धन व वैभव और ज्ञान प्राप्त करते हैं। एक दूसरे को मिठाइयां भेंट करके अपनी प्रसन्नता व्यक्त (जाहिर) करते हैं।
दीपावली त्यौहार कब मनाया जाता है
पंचांग के अनुसार साल के कार्तिक महीने की अमावस्या की काली रात्रि को दीपावली त्यौहार मनाया जाता है। ग्रिगरेन कैलेंडर (gregorian calendar) यानी अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार दीपावली त्यौहार (The festival of light) अक्टूबर और नवंबर महीने के किसी तारीख को हर साल पड़ता है।
दिवाली स्वच्छता का त्योहार
हमारी संस्कृति में स्वच्छता को बहुत महत्व दिया गया है। दीपावली के दिन धार्मिक क्रियाकलापों और संस्कृति को सही तरीके से मनाने से पहले पूरे घर की साफ- सफाई की जाती है। दिवाली के त्योहार में घर की साफ-सफाई की जाती है। घर को और घर की दीवारों को सजाया सँवारा जाता है। हजारों वर्षों से दिवाली का त्यौहार स्वच्छता का संदेश भारतीय नागरिकों को और पूरे विश्व को देता आया है। बूढ़े, जवान, बच्चों को दीपावली पर्व की बड़ी उत्सुकता से प्रतीक्षा रहती है।
दीपावली से जुड़ी कथाएँ
भारतीय संस्कृति का हर त्यौहार मनाने का कोई ना कोई कारण होता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार अयोध्या के राजा श्री रामचंद्र जी को 14 वर्ष का वनवास हो गया था। इन 14 वर्षों में उत्तर भारत से दक्षिण भारत तक की यात्रा उन्हें करनी पड़ी। उस समय रावण के आतंक से सभी जन परेशान थे। असत्य का प्रतीक रावण के साथ श्रीराम का युद्ध हुआ। श्रीरामचंद्र जी ने इस युद्ध में रावण का वध कर दिया। उन्होंने रावण के आतंक से लोग को मुक्ति दिलाई। इस विजय के अवसर पर अयोध्या के वासियों ने श्रीराम जी के आगमन पर घर- आँँगन और शहर- गाँवों में घी के दीपक का प्रकाश प्रज्ज्वलित करके श्रीरामजी का स्वागत और अभिनंदन किया। तब से लेकर अब तक हर वर्ष श्रीरामचंद्र की इस विजय के उपलक्ष्य में पूरे भारत में दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है।
दिवाली का त्यौहार कैसे मनाया जाता है?
दीपावली का त्यौहार कई त्योहारों का समूह है। दीपावली के 1 दिन पहले धनतेरस का त्यौहार मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन घर के लिए बर्तन या कोई गहने की वस्तु खरीदने से सुख-समृद्धि आती है। इसलिए इस दिन बाजारों में रौनक होती है और लोग खरीदारी करते हैं। धनतेरस के दिन आरोग्य के देवता धन्वंतरि का जन्म दिवस भी बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। दीपावली के 1 दिन पहले भगवान धनवंतरी जयंती धनतेरस के दिन मनाया जाता है। भगवान धन्वंतरि आयुर्वेद के महान चिकित्सक है। धनतेरस के दिन आरोग्य के देवता धन्वंतरि पूजा पाठ करते हैं और उनसे कल्याण और अच्छे स्वास्थ्य का वरदान माँगते हैं।
दीपावली के दिन परिवार के सभी सदस्य नए भारतीय पारंपरिक वस्त्र पहनकर पूरे रीति-रिवाज के साथ लक्ष्मी और गणेश जी की वंदना, पूजा-आराधना करते हैं। घर के हर कोने में मिट्टी के दीपक में तेल या घी और रुई की बत्ती रखकर उसे प्रज्वलित किया जाता है। दीपक के प्रकाश से सारा घर, मोहल्ला, शहर और देश जगमागाता है। लोग एक दूसरे को बधाई और मिठाई, लाई-लावा भेंट के रूप में भेंट करते हैं।
उपसंहार
दीपावली का त्योहार हमारी संस्कृति की पहचान है। भगवान श्रीराम जी विजय की गाथा है, सत्य की स्थापना का त्योहार है- दीपावली। आज अस्वच्छता पर स्वच्छता, असत्य पर सत्य की विजय का त्योहार दीपावली हम सभी नागरिकों को एकता के सूत्र में बाँधती है। हम सभी को अपने भारतीय संस्कृति और सभ्यता को जीवित रखना चाहिए और पूरे पारंपरिक तरीके से दीपावली त्यौहार को मनाना चाहिए। दीपावली त्यौहार स्वच्छता, सत्य, अच्छे स्वास्थ्य, जीवंतता का त्यौहार है।
दीपावली पर कविता
आओ मनाएं दीपावली त्यौहार
भारतीय संस्कृति का त्यौहार
बुराई पर सच्चाई के विजय का त्यौहार
चारों तरफ खुशियों का दीपक जलाकर
आओ सब मिलकर मनाएँ दीपावली त्यौहार
दीपावली त्यौहार पर 100 शब्दों का अनुच्छेद
दीपावली त्यौहार पूरे भारत में हर्षोल्लास से मनाया जाता है। कार्तिक मास की अमावस्या के दिन यह त्योहार मनाया जाता है। मान्यता है कि अयोध्या के राजा श्रीरामचंद्र जी 14 वर्ष के वनवास के बाद लौटे थे तो अयोध्यावासियों ने घी के दीपक जला कर श्री राम जी का अभिनंदन और स्वागत किया था। तभी से पूरे भारत में दीपावली त्यौहार बड़े हर्षोल्लास के साथ मनायी जाती है। दीपावली त्यौहार हमें कई तरह की शिक्षाएँ देती हैं। असत्य पर सत्य की विजय का यह त्यौहार श्री रामचंद्र जी की स्मृति में मनायी जती है।
उस समय रावण के आतंक और उसकी बुराइयों के कारण सभी परेशान थे। रावण के कुकर्म के कारण श्री राम जी ने युद्ध में उनका वध कर दिया। क्योंकि रावण बुरे विचारों और बुरे कर्मों वाला था। रावण के आतंक से लोग को मुक्ति मिली। दूसरा कारण यह है कि यह त्यौहार लक्ष्मी और गणेश जी के पूजन का त्यौहार भी है क्योंकि इस दिन व्यक्ति धन, संपदा, सुख समृद्धि और वैभव की कामना भी करता है। दीपावली के 1 दिन पहले धनतेरस से में बाजार में रौनक होती है। इस दिन आरोग्य के देवता धन्वंतरि की जयंती भी धूमधाम से मनायी जाती है। दीपावली के दिन लोग नए वस्त्र पहनते हैं पूजा-पाठ करते हैं, मिट्टी के दीपक जला कर प्रकाश से करते हैं और अपनी खुशी प्रकट करते हैं।
निष्कर्ष
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