इंसान ने बिजली का आविष्कार किया तो बल्ब का आविष्कार एक नई क्रांति दिन और रात में फर्क काम हो गया। इसी तरह से माइनिंग करने वाले कोयला खदान में कर्मियों के लिए उचित सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सेफ्टी लैंप का आविष्कार हुआ।
सेफ्टी लैंप का आविष्कार किसने और कब किया था।
सेफ्टी लैंप का आविष्कार हम्फ़्रेडेवी ने 1816 में ब्रिटेन में किया था। सेफ्टी लैंप का आविष्कार किसने और कब किया था।
सेफ्टी लैंप का आविष्कार हम्फ़्रेडेवी ने 1816 में ब्रिटेन में किया था। कोयले की खदानों में अंदर तक रोशनी की व्यवस्था सुरक्षित रूप से कराने के लिए सेफ्टी लैंप का आविष्कार हुआ था। सेफ्टी लैंप का मतलब सुरक्षित रोशनी देने वाल Lsmp होता है। सेफ्टी लैंप तेज हवा और जमीन के अंदर भी अच्छे से काम करता है।
सेफ्टी लैंप का आविष्कार क्यों हुआ?
आपको बता दें कि कोयले की खदानों में अंदर तक खदान कर्मी कॉलेज खुदाई के लिए जाते हैं वहां पर कई तरह की ज्वलनशील गैस होती है अगर प्रकाश यानी कि उजाले के लिए साधारण लैंप ले जाया जाए तो वहां आग लगने की संभावना हो सकती है, इसलिए सेफ्टी लैंप को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि कोयले की खदान में रोशनी हो सके।
1900 के दशक के प्रारंभ में प्रभावी इलेक्ट्रिक लैम्प के विकास तक खदानों में रोशनी प्रदान करने के लिए लौ दीपक का उपयोग किया। ऐसे लैंप के चारों ओर इस तरह से सेफ्टी लगाया जाता था कि अंदर जले और रोशनी हो सके, बाहर के वातावरण से संपर्क हो कर ज्वलनशील ना हो जाए।
सन 1913 में एडिसन ने हल्के स्टोरेज बैटरी वाले लैंप का आविष्कार किया। यह हमको खनिज कर्मियों के हेलमेट पर लगाया जाता था और पर्याप्त रोशनी कोयला खदान में काम करते वक्त अंधेरे में मिलती थी। 1916 में अमेरिका में 70000 सेफ्टी लैंप बनाए गए थे।