गाँधी जयंती पर भाषण – Gandhi Jayanti Speech in Hindi

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गाँधी जयंती पर भाषण

दोस्तों किसी विशेष अवसर पर भाषण  देने की परंपरा स्कूल, कॉलेज और सरकारी संस्थानों में होती है। गांधी जयंती के अवसर पर Gandhi Jayanti Speech in Hindi में कैसे भाषण दें? क्या कंटेंट रखें कि आप का भाषण बहुत प्रभावशाली हो! आइए गांधी जयंती यानी कि विश्व अहिंसा दिवस (वर्ल्ड नॉनवॉयलेंस डे) के अवसर पर हिंदी में भाषण प्रस्तुत करें, कैसे बोले? कंटेंट क्या होना चाहिए? इसके बारे में इस आर्टिकल के माध्यम  से हम आपको  सरल और सहज तरीके से बताने जा रहे हैं। 

भाषण बोलने से पहले ध्यान रखें यह बातें

  • भाषण बोलने से पहले आपको अच्छे से 1 दिन पहले से तैयारी करना जरूरी होता है।
  • गांधी जी पर यदि आप भाषण बोलने जा रहे हैं तो उनके बारे में सामान्य जानकारी के साथ उनकी विशिष्ट बातें भी आपकी भाषण में होना जरूरी है।
  • जिस विषय पर आप भाषण देने जा रहे हैं, उसे अपने शब्दों में एक बार पेज पर जरूर लिख लीजिए। इससे भाषण आपको याद हो जाता है।

दोस्तों गांधी जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर को दिए जाने वाले भाषण के बारे में हम यहां पर आपको एक भाषण लिखकर दे रहे हैं, जिसे आप थोड़ी सी प्रैक्टिस कर के केवल 2 घंटे के अंदर प्रभावशाली तरीके से बोल सकते हैं। 

दोस्तों हमारी वेबसाइट से आप जुड़े रहे समय-समय पर विभिन्न अवसरों पर बोले जाने वाले  भाषणों  का लिखित यहां पर दिया जाता है जिसे आप  स्कूल, कालेज, सरकारी संस्थानों या विश्वविद्यालयों में बड़ी आसानी से बोलकर  लोगों को प्रभावित कर सकते हैं।

गांधी जयंती के अवसर पर सबसे सरल ढंग से और कम शब्दों में प्रभावशाली भाषण हम यहां आपको देने जा रहे हैं। एक बात यहां और बताना चाहता हूं कि आप जो भी भाषण दे पूरे आत्मविश्वास के साथ दें और इसके लिए पूरी तैयारी जरूर कर ले इसमें हम आपकी हर तरह की मदद इस आर्टिकल के माध्यम से करने जा रहे हैं।

( निर्देश  2 october Mahatma Gandhi ki Jayanti स्पीच के बीच बीच में मैंने सब हेडिंग दिया है, यह सब हेडिंग (sub heading) आपको बोलने की जरूरत नहीं बल्कि  इस सब हेडिंग के आधार पर आपको आसानी याद हो जाएगा कि आप कंटेंट क्या बोलेंगे। इस तरह से आप अपने शब्दों में बिना देखे बोल सकते हैं)

इसे भी पढ़ें- Gandhi Jayanti Special song 

गाँधी जयंती पर भाषण ( Gandhi Jayanti Speech in Hindi)

भाषण

Why Do We Celebrate Gandhi Jayanti: भाषण देने से पहले यह भी जान लें कि महात्मा गांधी की जयंती क्यों मनाई जाती है। क्योंकि महात्मा गांधी हमारे देश को आजाद कराने में बड़ी भूमिका निभाई है। इसके अलावा उन्होंने पूरी दुनिया को सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाया है। उन्होंने हमारी संस्कृति की बातों को अपने विचारों के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया है। महात्मा गांधी तो पूरी दुनिया साथ और अहिंसा के पुजारी के रूप में जानती है। भावी पीढ़ी को इस महान विभूति के बारे में जानकारी और उनके मन में भी देश प्रेम की भावना जागे इसलिए 2 अक्टूबर के दिन महात्मा गांधी की जयंती स्कूल कालेज विद्यालयों  सरकारी संस्थानों आदि में प्रमुखता से मनाया जाता है।

महात्मा गांधी के जन्म दिवस पर भाषण इस तरह से शुरू करें

जब आप एक शिक्षक है, और विद्यालय या कॉलेज में भाषण देने के लिए विद्यालय के मंच पर खड़े हैं तो आप का संबोधन इस प्रकार से होना चाहिए।

(स्थान और संस्थान के अनुसार आप अपने संबोधन को बदल सकते हैं-)

 माननीय अतिथिगण, आदरणीय प्रबंधन समिति, आदरणीय प्रधानाचार्य आदरणीय शिक्षकगण, प्यारे छात्रों

सुप्रभात सर्वप्रथम आप सभी लोगों को गांधी जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं। (Happy Gandhi Jayanti)

 आज 2 अक्टूबर है और खास दिन है। जैसा कि आप सभी लोगों को पता है कि आज गांधी जी का जन्म दिवस है। इसलिए आज हम सभी गांधीजी के जन्मदिवस को मनाने के  यहां उपस्थित हुए हैं। गांधी जी भारत के ही नहीं पूरी दुनिया मैं लोकप्रिय है। कारण यह है कि  गांधीजी के  विचारों ने लोगों को जागरूक बनाया है। मेरे प्यारे  छात्रों गांधी जी ने हमें अपनी संस्कृति के सबसे बड़े ज्ञान से पुनः (दोबारा) परिचित करवाया था वह था- अहिंसा का पालन करना।

 छात्रो! महात्मा गांधी जी को राष्ट्रपिता  भी कहा जाता है क्योंकि उन्होंने राष्ट्र के निर्माण में अपना अमूल्य योगदान दिया है। आजादी के संघर्ष में उन्होंने सभी भारतीयों को अपने साथ एकता के सूत्र में बांधा रखा। उनके नेतृत्व से ही हम भारतीयों में अंग्रेजों से अपनी आजादी हासिल करने की प्रेरणा मिली। छात्रों इसलिए

राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि देने के लिये हर वर्ष पूरे उत्साह के साथ हम इस दिन  अहिंसा दिवस के रूप में मनाते हैं। छात्रों जैसा कि आपको मालूम है कि महात्मा गाँधी का पूरा नाम मोहनदास करमचन्द गाँधी है और वो बापू तथा राष्ट्रपिता के नाम से  पूरी दुनिया में जाने जाते हैं।

इसे भी पढ़ें- गांधी जयंति गीत – Gandhi Jayanti (2 October ) Special song Lyrics

 अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस

 छात्रो! आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि  2 अक्टूबर का दिन पूरी दुनिया के लिए भी खास है। गांधी जी ने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने की शिक्षा हम सभी विश्व वासियों को दी है। भारतीय संस्कृति की अहिंसा का उपदेश उन्होंने पूरी दुनिया तक अपने कार्यों के द्वारा पहुंचाया है। इसलिए 2 अक्टूबर को  गांधी जी के जन्म दिवस के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र संघ  विश्व अहिंसा दिवस यानी अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस की  रूप में भी मनाया  जाता है।

(अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस मनाने की परंपरा कब शुरू हुई)

15 जून 2007 को संयुक्त राष्ट्र की सामान्य सभा ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया था।  2 अक्टूबर को गांधी जी के जन्म दिवस के अवसर को अंतरराष्ट्ररीय अहिंसा दिवस घोषित किया। छात्रों! पूरी दुनिया में बापू जी ईमानदारी सच्चाई और अहिंसा के प्रतीक के रूप में याद किए जाते हैं।

(गांधीजी के बारे में परिचय)

 हमारे प्यारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi Jayanti)

का जन्म  2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के छोटे से शहर पोरबंदर में हुआ था।  गांधी जी बचपन से ही  जिज्ञासु और विचारशील थे। आज उनके विचार और शिक्षाएं पूरे विश्व में प्रेरणा की स्रोत बनी हुई हैं। वकालत की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड गए और वहां से उन्होंने कानून की डिग्री हासिल की।  अफ्रीका में रह रहे भारतीय और दूसरे मूल के देशों के नागरिकों के साथ सौतेला व्यवहार होता था उसके खिलाफ उन्होंने वहां जाकर आवाज उठाई। अफ्रीका के लोगों को न्याय दिलाया। उसके बाद जब वे भारत लौट कर आए तो  गांधीजी में बहुत बदलाव आ चुका था।  उन्होंने अंग्रेजों की विदेशी वस्तुओं  का इस्तेमाल करना छोड़ दिया था। सत्य अहिंसा और चरखा उनकी ताकत बन गई।  स्वदेश प्रेम की भावना जन-जन में दिखाई देने लगी थी और भारत की आजादी के लिए जन नायक के रूप में उभर कर सामने आए।

इसे भी पढ़्ं- महात्मा गांधी की जीवनी /जीवन परिजय व इतिहास

(महात्मा गांधी के सत्याग्रह आंदोलन और उसकी की पुस्तकसच के प्रयोगकी चर्चा की चर्चा)

 महात्मा गांधी ने अपनी जीवनी (बायोग्राफी) लिखी उस पुस्तक (किताब) का नाम है- ‘सच के साथ प्रयोग”। उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन के लिए  अपने द्वारा किए गए आंदोलन के बारे में बताया है। वह कोई भी बात बड़ी सच्चाई से कहते थे। इसलिए उनकी या ऑटो बायोग्राफी महात्मा गांधी जी को समझने के लिए सबसे अच्छी पुस्तक है। भारत में अपना राज हो यानी स्वराज हो यह सपना उनका था। अंग्रेज भारत को छोड़कर चले जाएं इसके लिए उन्होंने कई आंदोलन भी चलाएं। आजादी को हासिल करने के लिए गांधी जी ने सत्याग्रह आंदोलन को अपना हथियार बनाया था। यानी सच बात को मनवाने के लिए अहिंसक आंदोलन ही सत्याग्रह आंदोलन था।

(Mahatma Gandhi ka karo aur Maro Ka Nara)

 महात्मा गांधी जी के इन आंदोलनों से अंग्रेजी सत्ता हिल गई। अंग्रेजों को यह बात समझ में आ गई कि आप भारतीय लोग अपनी आजादी के लिए जागरूक हो गए हैं। आप उन पर बलपूर्वक राज्य करना आसान नहीं है। इधर सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, अशफाक उल्ला खां जैसे क्रांतिवीर ने भी अंग्रेजो के खिलाफ क्रांति का तरीका अपनाना शुरू कर दिया।  अंग्रेजों को भगाने के लिए महात्मा गांधी ने 1942 में करो और मरो का नारा भारतीयों को दिया। जगह जगह पर अंग्रेजो के खिलाफ मोर्चा खोल दिए गए कई हिंसकझड़प भी हुई और अंग्रेज आप समझ चुके थे कि  वे इन भारतीयों पर आसानी से राज नहीं कर सकते हैं क्योंकि इन में जागरूकता आ गई है।  इसलिए अंग्रेज भारत को छोड़कर चले गए।

उन्होंने कई तरह के आंदोलन चलाए जिससे जनचेतना जगा और अंग्रेज को समझ में आ गया है कि अब भारत में राज करना आसान नहीं है।

 गांधी के विचारों को संयुक्त राष्ट्र संघ की मान्यता देता है

 छात्रों गांधी जी का जीवन सादा और उनके विचारों में बहुत बड़ी गहराई थी। जिसे हमें अपना आना चाहिए। उन्होंने सादा जीवन और उच्च विचार के माध्यम से हमारे सामने कई ऐसे उदाहरण रखें  जिसे आज संयुक्त राष्ट्र संघ ने  भी अपने उद्देश्य में इसे शामिल किया है। Mahatma Gandhi गृहस्थ होते हुए भी अपने सादे जीवन और  ऊंचे विचारों  के कारण एक सन्यासी की तरह थे।

 समाज सेवा की भूमिका में महात्मा गांधी

महात्मा गांधी सच्चे सामाजिक सेवक भी थे। अफ्रीका में गोरे और काले के बीच होने वाले भेदभाव के खिलाफ उन्होंने आवाज उठाया।  गांधीजी नशाखोरी  छुआछूत और मांसाहार के  विरोधी थे। उनके विचारों में भारतके जड़ों में पल रही उस संस्कृति की झलक दिखाई देती है।

समाधि स्थल में होने वाले कार्यक्रम

 गांधी जी के समाधि स्थल नई दिल्ली के राजघाट पर  कई सारे कार्यक्रम का आयोजन भी होता है।  2 अक्टूबर को सुबह  गांधी जी के समाधि स्थल पर भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री  श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं। स्थल पर महात्मा गांधी द्वारा गाए जाने वाले उनकी पसंद जी का भजन ‘रघुपति राघव राजा राम’ का संगीत बजता रहता है। गांधीजी को जितना भी जानो उतना कम है, आइए हम सभी प्रण करें कि गांधी जी के बताए रास्ते पर चलकर अपने देश और समाज का नाम रोशन करेंगे। अपनी वाणी को विराम देते हुए गांधीजी का या कथन मैं आपके साथ साझा करना चाहता हूं –

“अहिंसा श्रेष्ठ मानव-धर्म है, पशुबल से वह अनन्त गुना महान् और उच्च है।

जय हिन्द

धन्यवाद

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2 COMMENTS

  1. Hello sir…..

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