Pregnant कैसे होते हैं? Pregnant Kaise Hote Hai in Hindi :- महिला की जिंदगी में सबसे खुशी का समय तब आता है जब वह Pregnant होती है। एक माँ के लिए एक बच्चे को जन्म देना एक बहुत ही खूबसूरत पल होता है, क्योंकि वह भी एक मां बनने वाली होती है। Pregnant होना कोई जटिल प्रक्रिया नहीं है परंतु यह एक आसान प्रक्रिया भी नहीं है।
हर महिला PREGNANT होने के बाद में हष्ट पुष्ट और एक सुंदर सा बच्चा जन्म देना चाहती है। Pregnant होने के लिए शुक्राणु का अंडे से मिलना जरूरी होता है। यदि हम दूसरे शब्दों में कहें तो जब शुक्राणु गर्भाशय के दीवार जाते हैं तब गर्भधारण होता है। लेकिन अक्सर देखा जाता की महिलाएं Pregnant कैसे कब और कैसे होते है और किन – बातों का ध्यान रखना चाहिए इसकी जानकारी नहीं होती है इसलिये आज हम अपने इस आर्टिकल में How to Get Pregnant in Hindi से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी को हिंदी में साझा करने जा रहे है जो आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित हो सकती है तो चलिए जानते है –
Pregnant कब होते हैं – When are pregnant
जब महिला PREGNANT हो जाती है तो उसके PREGNANT होने में जितना समय होता है और वह एक gestational age कहलाती है। Pregnant होने का समय की गणना महिला के अंतिम पीरियड्स के पहले दिन से ही शुरु कर दी जाती है। हालांकि यह थोड़ा भ्रमित करने वाला समय होता है क्युकी इसमें प्रेग्नेंसी का समय प्रेगनेंसी की पिछली मासिक धर्म से ही गिना जाता है।
जिससे महिला का अनुमान लगाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है, कि महिला को PREGNANT हुए कितने सप्ताह हुए हैं। हम सभी जानते है कि प्रेग्नेंसी 9 महीने की होती है, परंतु प्रेग्नेंसी आयु के अनुसार 10 महीने की होती है।
प्रेग्नेंसी महिला को बहुत बार अपनी अंतिम मासिक धर्म याद नहीं रहता है। जिससे महिला को थोड़ी परेशानी होती है, परंतु डॉक्टर अल्ट्रासाउंड के माध्यम से आपके गर्भ कालीन आयु का पता लगा सकता है तो महिला को PREGNANT होने पर चिंता नहीं करनी चाहिए।
Pregnant कैसे होते हैं?- How to Get Pregnant in Hindi
Pregnant होना एक कठिन प्रक्रिया होती है, क्योंकि इसके अंदर बहुत सारे चरण होते हैं। Pregnant होने के लिए शुक्राणु और अंडाणु का मिलन जरूरी होता है, तब जाकर एक महिला PREGNANT होती है। शुक्राणु पुरुषों से निकलने वाला एक वीर्य होता है, जो कि बहुत ही छोटी कोशिकाएं होती है।
शुक्राणु सेक्स के दौरान लिंग के माध्यम से बाहर निकलता है यदि कोई भी व्यक्ति कितनी बार सेक्स करता है। करोड़ों की संख्या के अंदर शुक्राणु निकलते हैं, जो कि गर्भधारण के लिए आवश्यक है। बहुत से शुक्राणुओं के अंदर से सिर्फ एक ही शुक्राणु गर्भधारण करने के लिए उतरदायी होता है।
अंडे जो कि महिला के अंडाशय में होते हैं और हर महीने इन अंडों के टूटने पर मासिक धर्म होता है। अंडों के टूटने पर हार्मोन का स्राव होना शुरू हो जाता है। जब अंडाणु अंडाशय तैयार हो जाता है तो वह शुक्राणु के साथ संयोग करने के लिए भी तैयार हो जाता है। यह हारमोंस गर्भाशय की परत को मोटा कर देते हैं। जिससे शरीर गर्भधारण के दौरान PREGNANT होने के लिए तैयार हो जाता है।
महिला के पहले मासिक चक्र के समय 14 दिन के बाद में एक अंडाशय में से अंडा निकलता है। जिसको ओव्यूलेशन कहते हैं। यह अंडाणु फेलोपियन ट्यूब के अंदर गर्भाशय में घूमता है। यह अंडाणु फेलोपियन ट्यूब मे लगभग 12 से 24 घंटे तक रहता है और किसी भी प्रकार के शुक्राणु का इंतजार करता रहता है। जब कोई शुक्राणु इसके संपर्क में आता है, तो यह मासिक धर्म के रक्त स्राव के साथ में बाहर निकाल जाता है।
जब शुक्राणु योनि के अंदर आता है तो वह अंडे की तलाश में फेलोपियन ट्यूब के अंदर घूमता रहता है। यह अंडे शुक्राणु से मिलने के लिए 6 दिनों तक इंतजार करते हैं। उसके बाद यह अपने आप नष्ट हो जाते हैं। जब शुक्राणु अंडे की कोशिका से मिलती है तो इस प्रक्रिया को निषेचन कहते हैं। निषेचन जल्दी से नहीं होता है क्योंकि शुक्राणु सेक्स के बाद में भी Fallopian tube के अंदर 6 दिनों तक रहता है। जिसके कारण निषेचन के अंदर इतना समय लग जाता है।
यदि कोई भी शुक्राणु अंडे के साथ में संयोग कर लेता है, तो वह निषेचित अंडा फेलोपियन ट्यूब के माध्यम से गर्भाशय के अंदर आ जाता है। बाद में यह अलग-अलग कोशिकाओं में बट जाता है। एक अंडा कोशिका एक गेंद के आकार की होती है जिसे blastocyst कहां जाता है।
Blastocyst दो-तीन दिन तक गर्भावस्था के अंदर ही रहती है। बाद में यह गर्भाशय की दीवार के अंदर से चिपक जाती है। गर्भाशय की दीवार में चिपकने की प्रक्रिया को अर्पण कहते हैं। इसके बाद से महिला की प्रेगनेंसी की शुरुआत हो जाती है।
निषेचन की प्रक्रिया लगभग 6 दिन बाद में होती है और उसके बाद में इसे पूरा होने में तीन-चार दिन लग जाते हैं। जब निषेचन अंडा गर्भाशय में जाता है, तो यह गर्भावस्था हारमोंस मुक्त रहता है। जिसके साथ साथ गर्भाशय में होने वाले दूसरे स्त्राव भी रुक जाते हैं।
यही कारण होता है कि महिला को periods नहीं होते है। अगर अंडा शुक्राणु के साथ में सहयोग नहीं कर पाता है, तो अंडा गर्भाशय की दीवार के साथ में आरोपित नहीं हो पाएगा। इसके कारण गर्भाशय की मोटी परत मासिक धर्म के दौरान धीरे-धीरे बाहर निकल जाती है।
बहुत बार आधे अंडे निषेचित हो जाते हैं, लेकिन बहुत बार गर्भाशय की दीवार के साथ में आरोपित नहीं हो पाते और वह धीरे-धीरे पीरियड्स के साथ के बाहर निकल जाती है।
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प्रेगनेंसी के दौरान आने वाली समस्या
एक Pregnant महिला को बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जिसके एक कारण महिला का गर्भपात होना भी है, जो कि एक महिला के लिए दुख का विषय होता है। चलिए जानते हैं गर्भावस्था में कौन-कौन सी परेशानी आती है।
- प्रेगनेंसी के दौरान उच्च स्तर पर रक्तचाप होने लगता है।
- गर्भावस्था के दौरान महिला को डायबिटीज जैसी बीमारी का भी सामना करना पड़ता है।
- महिला को संक्रमण के फैलने का डर जाता है। जिसके कारण मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य पर असर पड़ता है।
- गर्भावस्था के दौरान गर्भपात होने की समस्या भी हो सकती है।
- कहीं बाहर समय से पहले ही बच्चे का जन्म हो जाता है।
- गर्भावस्था के दौरान बच्चे का मृत पैदा होने की समस्या भी सामने आती है।
- गर्भावस्था के दौरान एक्टोपिक प्रेगनेंसी की समस्या का सामना करना पड़ता है। जिसके बाद महिला को तुरंत अस्पताल ले जाना पड़ सकता है.
निष्कर्ष
हर नारी का सपना होता है की वह प्रेग्नेंट हो और अपने बच्चे पलने का सौभाग्य प्राप्त हो लेकिन काई बार बेहतर जानकारी ना होने के कारण महिलाएं प्रेग्नेंट नहीं हो पाती है इसलिए आज हमने आपको अपने इस आर्टिकल में Pregnant कैसे होते हैं? Pregnant Kaise Hote Hai in Hindi के बारे में आपको डिटेल में बताया है आशा करती हूँ की आपको हमारे इस लेख में दी गयी जानकारी महत्वपूर्ण साबित हुई होगी।