बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध – Beti Bachao Beti Padhao Essay in hindi

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बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Beti Bachao Beti Padhao in Hindi).

कहा जाता है की नारियो का सम्मान करना यानि भगवान का सम्मान करना। वेदो मे लिखा गया है “यत्र नार्यस्तु पुजयन्ते रमन्ते तत्र देवता”। नारियो का सम्मान करना चाहिए फिर भी न जाने कितने सालो से नारियो का शोषण किया जा रहा है, नारियो पर हिंसा होती आ रही है। भारत महिलाओ व बेटियो के सम्मान के लिए जाना जाता है। परंतु बदलते समय के साथ लोगो की सोच बदलती जा रही है। लोगो द्वारा आज भी बहुत से जगह बेटियों और महिलाओं को सम्मना नही मिलता है।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Beti Bachao Beti Padhao in Hindi)

आज भी बहुत से लोगो की इच्छा बेटा पाने की होती है, इसी करना आज भी देश पुरुष प्रधान देश है। हमारे देश मे बेटियाँ चाँद पर जाती है तो कही बेटियाँ घर के बाहर निकलने से डरती है। बहुत से लोग बेटियो को जन्म से पहले मार देते है जिसमे कन्या भ्रूण हत्या शामिल है। नारियो के जीवन को सुरक्षित बनाने के लिए ‘बेटी बचाओ बेटी पढाओ’ का प्रचलन हुआ है।

पहले बेटियो को घर के काम करने का अधिकार था या उनका विवाह कर दिया जाता था, बेटियो को बोझ समझा जाता था। जिस कारण बेटियो को पढ़ाया नही जाता था, कही बार बेटियो को मार दिया जाता है। बेटियो के इस तरह मार देने से समाज व देश मे बेटियो का स्तर घटता जा रहा। इस बात को नजर मे रखते हुए बेटी ‘बेटी बचाओ बेटी पढाओ’ योजना को बड़ावा दिया जाने लगा।

‘बेटी बचाओ बेटी पढाओ’ क्या है

बेटियो की लगातार हत्या कर देने से उनको जन्म से पहले ही मर देने से आज देश का लिंगानुपात घटता जा रहा है। देश के लिंगानुपात को बनाए रखने के लिए, बेटियो को शिक्षित करने लिए एक योजना चालू की गयी। जिसे ‘बेटी बचाओ बेटी पढाओ’ का नाम दिया गया।
‘बेटी बचाओ बेटी पढाओ’ मे लोगो को बेटियो के प्रति सोच को बदलने, उनको शिक्षित करने के लिए लोगो को जागरूक किया जाने लगा। लोगो को यह समझाया गया की बेटियो ओर बेटों मे भेदभाव न करे। बेटियो को भी अपना जीवन जीने का अधिकार मिले।

‘बेटी बचाओ बेटी पढाओ’ क्यो जरूरी है।

आज भारत धर्मो के आधार पर चलने वालो देशों मे से एक है जहाँ नारियो पूजा जाता है उनका सम्मान किया जाता है। कही घरों मे बेटियो को लक्ष्मी का रूप माना जाता है। घर के हर शुभ कामों मे बेटियो को आगे रखा जाता है, चाहे घर का परवेश हो, नयी गाड़ी की पूजा करनी हो बेटियो से करवाए जाते है। परंतु जैसे जैसे देश तरक्की करता जा रहा है वैसे वैसे नयी नयी तकनीकों का विकास भी होता जा रहा है। परंतु लोगो के विचार भी बहुत बदल से गए है। लोगो द्वारा बेटियो को गंदी नजरिये से देखा जाता है।

कुछ राज्य के छोटे छोटे गावों मे आज भी बेटे और बेटियो मे भेदभाव किया जाता है। बेटियो को बेटो से कम आका जाता है। बेटो को पढ़ाया जाता है बेटियो को घर के कामों तक रख दिया जाता है। बेटियो का जल्दी विवाह कर दिया जाता है। जिसके कारण जल्दी माँ बन जाने से उनकी जान को ख़तरा भी हो जाता है। बेटियो की कम उम्र मे शादी से होने वाली परेशानियों से निपटने के ‘बेटी बचाओ बेटी पढाओ’ ज़ोर देना जरूरी है।

आज भी बेटे को जन्म पर ख़ुशियाँ मनाई जाती है वही दूसरी और बेटियो के जन्म पर मातम छा जाता है। लोगो को इस घटिया सोच के कारण बेटियो पर खर्च करने पर फालतू खर्च माना जाता है। जिस वजह से बेटियो को पढ़ाया नही जाता। बेटियो को शिक्षित करने के लिए बेटी बचाओ बेटी पढाओ’ की जरूरत आन पड़ी है

आज “पढ़ेगी बेटियाँ तो बचेगी बेटियाँ” इस बात पर ज़ोर दिया जा रहा है। लोगो की विचार इस कदर बदल गए जिससे बेटियो को जन्म लेने से पहले ही मार दिया जाता है परंतु इसके परिणाम बुरे होते गए। आज 1000 बेटो पर बेटियो की संख्या 945 तक रह गयी है। आज बेटो के विवाह के लिए बेटियो को खोजना मुश्किल होता जा रहा है। बेटियो के घटते इस स्तर से देश पर भी असर पड़ा है।

बेटियो की दुर्दशा क्यो हो रही है।

आज कल हर कोई बेटा पाने की उम्मीद करके बैठा रहता है हर किसी को बेटा ही चाइए पर बेटे के लिए बहू भी चाइए परंतु बेटी नही चाइए। इस तरह के स्वार्थ से भरे लोगो के कारण आज देश की जनसंख्या मे बदलाव आ गया है आज बेटो के संख्या अधिक हो गयी जिसके कारण आज शादी के लिए बेटियाँ बच ही नही पा रही है। बेटियो की इस दुर्दशा का कारण कुछ बातों से पता चला है चलिये जानते है;

लैंगिग भेदभाव

हमारे देश मे आज भी बेटे व बेटियो मे भेदभाव किया जाता है। जिसकी वजह से आज बेटियो गिनी चुनी रह गयी है। लोगो को अब बेटियाँ नही चाइए। जिस वजह से उनका गर्भ में ही हत्या कर देते हैं। बेटियाओ के बचाव के लिए “बेटी बचाओ बेटी पढाओ” पर ज़ोर दिया गया, लोगो को समझाया गया है।

शिक्षा की कमी

आज भी देश मे बेटियो के लिए सबसे बड़ी परेशानी का विषय बेटियो का शिक्षित नही होना है। लोगो के बातों मे आकर आज भी लोग अपनी बेटियो को पढ़ाते नही है। कही जगहो पर धन से की कमी के कारण बेटियो को पढ़ाया नही जाता है। जिससे बेटियाँ अशिक्षित ही रह जाती है।

बुरे विचार

भारत मे आज भी लोगो के विचार बेटियो को लेकर बहुत गंदे है। आज भी लोग बेटियो को एक वस्तु के समान ही समझा जाता है। बेटियो को आज भी पराया धन ही समझा जाता है। लोगो के विचार है की बेटियाँ एक खर्च है जबकि बेटा उनको कमा कर देगा।

‘बेटी बचाओ बेटी पढाओ’ से क्या लाभ है

आज बेटी बचाओ बेटी पढाओ’ इस योजना पर ज़ोर दिया गया है जिससे देश तरक्की की दिशा मे जाने लगा है बेटी बचाओ बेटी पढाओ’ से कही लाभ हुए है जो नीचे दिये गए जैसे:

  • जनसंख्या वृद्धि मे सुधार हुआ है बेटियो का जन्मदर स्तर बढ़ा है
  • बलात्कार और शोषण की घटनाओं पर रोक लगाया गया है जिसके लिए कानूनी सजा भी है
  • लड़कियो का जन्म दर कम होने से रुक गया है
  • देश की धीमी गति के विकास से बचाया गया है
  • लिंग जांच को रोका गया है तथा कानूनी अपराध घोषित कर दिया गया है।
  • बेटियो को शिक्षित करने पर बढ़ावा दिया गया है।
  • लड़कियाँ के साथ होने वाले भेद भाव को रोका गया है।
  • लोगो की मानसिकता को बदला गया है।
  • लड़कियों की सुरक्षा को लेकर सख्त कानून बनाए गए।
  • हाल ही मे सरकार ने एक नया कानून घोषित किया है 12 साल तक की लड़कियाँ के योन शोषण पर फाँसी की सजा दी जाएगी जिससे आज सही दिशा मे जा रहा है।

निष्कर्ष

बेटियों की सुरक्षा करना आज हर नागरिक का कर्तव्य बनाता है अगर हम अपने देश की बेटियों की इज्जत करेंगे तभी हमारा समाज आगे बढ़ेगा , लोगो को बेटियों प्रति जागरूक करने के लिए आज हमने आपके साथ ‘बेटी बचाओ बेटी पढाओ’ अभियान से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं  को साझा किये जो आज सभी के  जरूरी थे.

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