समय का महत्व पर निबंध – Essay on Value of Time in Hindi

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समय का महत्व पर निबंध

समय का महत्व पर निबंध: समय के बारे में एक कहावत कही जाती है कि यदि आपने समय को बर्बाद किया तो समय एक दिन आपको भी बर्बाद कर देगा। यह कहावत अक्षरशः सत्य है, ठीक उसी तरह जैसे मृत्यु सत्य है।

समय को लेकर हम किसी न किसी के जरिए कुछ न कुछ सुनते ही रहते हैं। लेकिन यदि सभी की बातों का निष्कर्ष निकालें तो यही सामने आता है कि समय बहुत बलवान है।

समय के महत्व निबंध (Short and Long Essay on Value of Time in Hindi)

समय का महत्व पर निबंध

जब हमारा जीवन इस धरती पर शुरू होता है तो उसी वक़्त यह तय हो जाता है कि एक दिन हमारी मृत्यु भी होगी। अर्थात हमारे पास एक निश्चित समय होता है। लेकिन इसी समय मे कुछ लोग सफलता की बुलंदियों को छू लेते हैं, तो वही कुछ वक्त की कमी का रोना रोते रहते हैं।

लेकिन ईन दोनों तरह के लोगो की सोच में बुनियादी अंतर होता है। वह बुनियादी अंतर समय के बारे में सोच को लेकर होता है। जो आदमी बुलंदियों को छूता है, वह समय के महत्व और उसकी ताकत को समझता है। वह समझता है कि यदि वक़्त बर्बाद करते गए तो एक दिन कुछ भी नही बचेगा।

वही दूसरा व्यक्ति गुजरते हुए समय को देख नही पाता है। उसे दुनियाँ की समस्त चीज़े दिखाई देती है, लेकिन समय रूपी गाड़ी को वह नही देख पाता है। वह नही देख पाता है कि वह गाड़ी आगे निकलती जा रही है, और वह व्यक्ति उसमे नही बैठा है।

हमारे जीवन मे कई चीज़े जरूरी होती है, जिसमे धन बहुत अहम होता है। धन किसी के पास है तो वह इस दुनियां की समस्त सुख सुविधाओं की चीज़ें खरीद सकता है। लेकिन धन से वक़्त नही खरीदा जा सकता।

इसीलिए समय को बहुमूल्य संपदा कहा गया है।

इस दुनियां में मौजूद समस्त चीज़ों की डोर समय के हाथों में है। समय से मुक्त कुछ भी नही है। यदि हम दूसरे शब्दों में कहे तो समय एक तरह का ईंधन है, जो एक निश्चित वक़्त के बाद खत्म हो जाता है और फिर वही पर वह वस्तु नष्ट हो जाती है।

समय की डोर से हम इंसान भी बंधे हुए हैं, तभी तो वक़्त के साथ हमारा विकास होता है। जब हम जन्म लेते हैं तो छोटे होते हैं, लेकिन जैसे जैसे वक़्त गुजरता जाता है हमारा शरीर विकसित होता है, और धीरे धीरे हम उस ओर जा रहे होते हैं जहां जाकर हमारा शरीर नष्ट हो जाएगा।

पर इस सत्य को हम में से बहुत से लोग समझ नही पाते हैं। उम्र बढ़ने के साथ साथ हमारे पास वक़्त भी कम बचता है। लेकिन धन, आलस्य जैसी चीज़ों के उन्माद में डूबे व्यक्ति इस गुजरते हुए वक़्त को नही देख पाते हैं, और अपने जरूरी कामों को वक़्त पर नही करते हैं।

इसलिए हमारे बड़े-बुजुर्गों के द्वारा हमे यह सीख दी जाती है कि अपने वक़्त का सही इस्तेमाल करना चाहिए। यदि हम समय के 1-1 मिनट का निवेश उस जगह लगाएंगे जहां से जीवन में हमारी तरक्की है तो, यह मान कर चलिए कि तब आप अपने समय के मालिक खुद बन जाएंगे।

वक़्त को कभी भी बर्बाद नही करना चाहिए। अपना हर एक काम समय के अनुशासन में रह कर हमेशा करना चाहिए। वरना वक़्त रूपी बहुमूल्य पूंजी आपके हाथों से कब निकल जायेगी आपको पता भी नही चलेगा, और आपके पास पछताने के अलावा फिर कुछ शेष नही रहेगा।

दुनियाँ में हर चीज़ को दोबारा पाया जा सकता है, यहां तक कि स्वास्थ्य भी बिगड़ जाए तो उसे भी औषधि से ठीक किया जा सकता है, लेकिन वक़्त की मार को ठीक करने की कोई औषधि नही है। इसलिए इस बेशकीमती संपदा को बर्बाद न जाने दीजिए। इसका सही इस्तेमाल करिए और जीवन मे संतुष्टि हासिल करिए।

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