Vivekananda memory tips in hindi – स्वामी विवेकानंद को उनकी तेज बुद्धि एवं स्मरण शक्ति के लिए जाना जाता है । कहा जाता है कि वह हजारों पन्नों की किताबें कुछ ही घंटो में याद कर लिया करते थे। यह सही है कि स्वामी विवेकानंद की बुद्धि बचपन से ही अन्य बच्चों की अपेक्षा प्राकृतिक रुप से ज्यादा तीव्र थी, लेकिन अपने मस्तिष्क को अधिक कुशाग्र बनाने के लिए उन्होंने स्वंय अभ्यास भी किया था।
जानकारों के मुताविक स्वामी विवेकानंद अपने बुद्धि को तेज करने के लिए 2 बातों का पालन करते थे। उनके अनुसार यदि कोई भी व्यक्ति इसका पालन करे तो वह अपनी सीखने की क्षमता को बहुत अधिक बढ़ा सकता है। विवेकानंद जी के मुताबिक ध्यान और ब्रह्मचर्य का पालन कर हम अपने मस्तिष्क की क्षमता को बढ़ा सकते हैं।
ध्यान करने से, एकाग्रता बढ़ती है
हमारा मस्तिष्क जितना एकाग्र रहेगा हम उतना ही जल्दी किसी भी चीज को याद कर सकते हैं। एकाग्र मस्तिष्क के लिए यह भी जरूरी है कि हम अपने इंद्रियों पर नियंत्रण रखें। ध्यान के महत्व का उल्लेख करते हुए स्वामी विवेकानंद ने एकबार कहा था कि अगर उन्हें बचपन में ही किसी ने ध्यान के बारे में बताया होता तो वे सैकड़ों किताबों को पढ़ने के बजाए सिर्फ ध्यान करते।
ब्रह्मचर्य का पालन कैसे करें
विवेकानंद जी के मुताबिक यदि कोई व्यक्ति सख्ती से ब्रह्मचर्य का पालन करता है तो वो किसी भी चीज को एक बार पढ़कर या सुनकर उसे याद रख सकता है। लेकिन यह ध्यान रखना जरूरी है कि स्वामी विवेकानंद के ब्रह्मचर्य का अर्थ सिर्फ अपने आप को शारीरिक रूप से काम से दूर रखना नहीं है। अगर आपके मस्तिष्क में कामभावनाएं सोचते रहते हैं और आप खुद पर जबरदस्ती ब्रह्मचर्य थोप रहे हैं तो इससे फायदे से अधिक नुकसान होने की संभावना है। अगर आप ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहते हैं तो जरूरी है कि आप पहले ध्यान का अभ्यास कर अपने इंद्रियों को नियंत्रण में कर लें।
स्वामी विवेकानंद जी की तरह तेज दिमाग चाहते हैं तो उनके बताये गये इन तरीकों को अपनाएं
- ध्यान के महत्व का उल्लेख करते हुए स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि यदि उन्हे बचपन में ही किसी ने द्यान के बारे में बताया होता तो वे सौकड़ों किताबों को पढ़ने के बजाए सिर्फ ध्यान करते।
- यदि सख्ती से ब्रह्मचर्य का पालन किया जाए तो एक बार पढ़कर या सुनकर याद कर सकते हैं। यदि कोई ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहता है तो पहले ध्यान का अभ्यास कर इंद्रियों को नियंत्रण में करें।