2 Lines Shayari, Two Line Short Shayari, dosti shayari ..

0
2517

बुढे माँ बाप को अपने घर से निकाल रख़ा है,
अजिब शौख़ है बेटे का कुतों को पाल रख़ा है।

जब दिल से हमारा रिश्ता था बहुत कमाल था,
तुमने दिमाग लगाके बड़ा बवाल कर दिया।

तू हर जगह खूबसूरती तलाश न कर,
हर अच्छी चीज मेरे जैसी नहीं होती।

सुनो तुम मुझसे पहले न मरना..
मुझे तुम्हे अपनी मौत का दर्द देना है।

आखिर लग ही गयी न तुम्हें मोहब्बत की ठण्ड,
कितना समझाया था कि ओढ़ लो तमन्ना मेरी।

ये सोच के कटवा दिया कमबख्त ने वो पेड़,
आँगन में मेरे है और पड़ोसी को हवा देता है।

एक ख्याल हूँ तुम्हारा कब तक मुझे याद रखोगे,
भूल ही जाओगे जब सिरहाने नये ख्वाब रखोगे।

मुझे नहीं आती हैं उड़ती पतंगों सी चालाकियां,
गले मिलकर गला काटूं.. वो मांझा नहीं हूँ मै।

बस चाहत है इतनी सी मेरी,
मेरी धड़कन तेरे दिल से जुड़ी रहे।

दूरियों से ही एहसास होता है,
कि नज़दीकियाँ कितनी ख़ास होती है।

तुम सामने आये तो अजब तमाशा हुँआ,
हर शिकायत ने जैसे खुदखुशी कर ली।

जानता हूँ मैं, अभी भी चाहती है मुझे,
ज़िद्दी है वो थोड़ी सी, मगर बेवफ़ा नहीँ।

Disclaimer: Please be aware that the content provided here is for general informational purposes. All information on the Site is provided in good faith, however we make no representation or warranty of any kind, express or implied, regarding the accuracy, adequacy, validity, reliability, availability or completeness of any information on the Site.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here